प्रमुख बिंदु-
टेक डेस्क: डिजिटल दुनिया में मनोरंजन का नया दौर शुरू हो गया है। यूट्यूब ने भारत में अपना सस्ता सब्सक्रिप्शन प्लान ‘प्रीमियम लाइट’ (YouTube Premium Lite) लॉन्च कर दिया है, जो महज 89 रुपये प्रति माह में ज्यादातर वीडियो पर विज्ञापनों से आजादी देगा। लेकिन क्या यह हर यूजर के लिए परफेक्ट है? आइए जानते हैं इस नए प्लान में क्या-क्या है, जो लाखों स्मार्टफोन यूजर्स की जेब को राहत दे सकता है।
YouTube Premium Lite: सस्ता और यूजर-फ्रेंडली
यूट्यूब प्रीमियम लाइट भारत के उन करोड़ों यूजर्स के लिए एक ताजा सांस है, जो लंबे वीडियो देखते हुए बीच-बीच में आने वाले विज्ञापनों से तंग आ चुके हैं। इस प्लान की कीमत सिर्फ 89 रुपये मासिक है, जो अमेरिकी डॉलर में लगभग एक डॉलर के बराबर है। यह प्लान फोन, लैपटॉप और टीवी जैसे सभी डिवाइस पर काम करेगा, यानी आप कहीं भी बिना रुकावट के कंटेंट एंजॉय कर सकेंगे।
खास बात यह है कि यह ज्यादातर रेगुलर वीडियो पर ऐड-फ्री एक्सपीरियंस देगा। चाहे आप कुकिंग शो देखें, एजुकेशनल लेक्चर सुनें या पॉडकास्ट फॉलो करें, विज्ञापन आपको परेशान नहीं करेंगे। लेकिन, यह प्लान फुल प्रीमियम जितना पावरफुल नहीं है। इसमें बैकग्राउंड प्ले या ऑफलाइन डाउनलोड जैसी सुविधाएं नहीं हैं। यानी, अगर आप वीडियो बंद कर दें तो प्लेबैक रुक जाएगा। यह प्लान खासतौर पर उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जो सिर्फ विज्ञापनों से मुक्ति चाहते हैं, बिना एक्स्ट्रा फीचर्स के बोझ के।

जेब पर हल्का, एक्सपीरियंस पर भारी
भारतीय यूजर्स के लिए यह प्लान एक बड़ा फायदा साबित हो सकता है। आजकल स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 80 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है, और यूट्यूब पर रोजाना अरबों घंटे का कंटेंट देखा जाता है। 89 रुपये की कीमत में ऐड-फ्री व्यूइंग मिलना मतलब हर महीने 60 रुपये की बचत, अगर आप फुल प्रीमियम (149 रुपये) से तुलना करें।
यह प्लान खासकर स्टूडेंट्स, होममेकर्स और छोटे बिजनेस ओनर्स के लिए उपयोगी है, जो लंबे समय तक वीडियो देखते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप योगा ट्यूटोरियल या न्यूज क्लिप्स देखते हैं, तो अब बिना इंटरप्शन के फोकस रह सकेंगे। साथ ही, यह प्लान मल्टी-डिवाइस सपोर्ट के साथ आता है, यानी फैमिली मेंबर्स अलग-अलग गैजेट्स पर शेयर कर सकते हैं। लेकिन, एक सीमा यह भी है कि यह अभी केवल इंडिविजुअल सब्सक्रिप्शन है, फैमिली प्लान का ऑप्शन नहीं। कुल मिलाकर, यह उन यूजर्स को टारगेट करता है जो बजट में रहते हुए भी बेहतर व्यूइंग चाहते हैं।

शॉर्ट्स और म्यूजिक पर विज्ञापन बरकरार
हर अच्छी चीज की तरह, प्रीमियम लाइट के भी कुछ छिपे नुकसान हैं। सबसे बड़ा झटका तो यही है कि यूट्यूब शॉर्ट्स और म्यूजिक वीडियो पर अभी भी विज्ञापन दिखेंगे। शॉर्ट्स तो यूट्यूब का सबसे पॉपुलर फॉर्मेट है, जहां 70% से ज्यादा यूजर्स टाइम स्पेंड करते हैं। अगर आप रील्स जैसा क्विक कंटेंट पसंद करते हैं, तो यह प्लान आपको निराश कर सकता है।
इसके अलावा, फुल प्रीमियम की तरह म्यूजिक लाइब्रेरी या पिक्चर-इन-पिक्चर मोड नहीं मिलेगा। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह प्लान क्रिएटर्स के लिए भी चुनौती पैदा कर सकता है, क्योंकि विज्ञापन रेवेन्यू कम होने से उनके कमाई पर असर पड़ेगा। हालांकि, गूगल का कहना है कि यह प्लान यूजर्स को ज्यादा एंगेज रखने के लिए लाया गया है, ताकि प्लेटफॉर्म पर समय बिताने वाले बढ़ें। लेकिन, अगर आपका फोकस शॉर्ट्स या म्यूजिक पर है, तो शायद फुल प्रीमियम ही बेहतर ऑप्शन रहे।

कब और कैसे सब्सक्राइब करें?
यह प्लान अभी भारत, जापान और फिलीपींस में रोलआउट हो रहा है, और अगले कुछ हफ्तों में फुल लॉन्च होगा। अगर आपका अकाउंट भारत में रजिस्टर्ड है, तो यूट्यूब ऐप या वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं। सब्सक्राइब करने के लिए सेटिंग्स में प्रीमियम सेक्शन पर जाएं और लाइट प्लान चुनें। पेमेंट गूगल पे या कार्ड से आसानी से हो जाएगा।
भविष्य में, गूगल इस प्लान को और एक्सपैंड कर सकता है, जैसे फैमिली ऑप्शन जोड़ना या शॉर्ट्स पर ऐड-फ्री फीचर लाना। भारत जैसे मार्केट में, जहां डेटा कॉस्ट कम हो रही है, ऐसे अफोर्डेबल प्लान्स यूजर्स को लॉयल बना सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या 89 रुपये की यह कीमत टिकट पर टिकेगी, या स्पॉटिफाई या नेटफ्लिक्स के सस्ते प्लान्स के कॉम्पिटिशन इसे और सस्ता करने को मजबूर करेगा?
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।