UP: आवारा कुत्तों के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी के शहरी इलाकों के लिए नए गाइडलाइंस

Yogi Govt's New Stray Dog Guidelines for UP Urban Areas

लखनऊ, 09 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश (UP) में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) के हमलों और मानव-पशु संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए योगी सरकार ने शहरी क्षेत्रों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर तैयार इस परिपत्र में संरचित फीडिंग जोन, नसबंदी, रेबीज टीकाकरण और विवाद निस्तारण समिति जैसे कई अहम कदम शामिल हैं। इसका उद्देश्य न केवल जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि पशु कल्याण को भी बढ़ावा देना है। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों को इन नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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भोजन के लिए तय स्थान

नई गाइडलाइंस के तहत प्रत्येक वार्ड में आवारा कुत्तों की संख्या के आधार पर फीडिंग जोन बनाए जाएंगे। ये जोन बच्चों के खेल स्थलों, स्कूलों, प्रवेश-निकास द्वारों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से दूर होंगे। भोजन का समय भी ऐसा तय किया जाएगा ताकि बच्चों और बुजुर्गों की गतिविधियों पर कोई असर न पड़े। स्थानीय निकायों को इन जोनों पर सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोग केवल इन्हीं स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाएं। निर्धारित जोन से बाहर भोजन देना पूरी तरह प्रतिबंधित है, और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही, भोजन देने वालों को स्वच्छता का ध्यान रखना होगा और बचे हुए खाने का उचित निस्तारण करना अनिवार्य होगा।

Stray Dogs

नसबंदी और रेबीज टीकाकरण

आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और रेबीज के खतरे को कम करने के लिए सरकार ने नसबंदी और टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया है। सभी नगर निकायों को नियमित नसबंदी और रेबीज टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उपचार के बाद कुत्तों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें पकड़ा गया था, ताकि उनके क्षेत्रीय स्वभाव के कारण संघर्ष न बढ़े। आक्रामक या रेबीज से संक्रमित कुत्तों को विशेष निगरानी केंद्रों में रखा जाएगा। पशुप्रेमियों और एनजीओ से इन अभियानों में सहयोग की अपेक्षा की गई है, ताकि यह कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू हो सके।

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शिकायतों का त्वरित समाधान

फीडिंग जोन या कुत्तों से संबंधित किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में एक विशेष समिति गठित की जाएगी। इस समिति में मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, पुलिस अधिकारी, स्थानीय कल्याण संगठन के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक शामिल होंगे। समिति का निर्णय अंतिम माना जाएगा और यदि विवाद सुलझ नहीं पाता, तो मामला राज्य पशु कल्याण बोर्ड को भेजा जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि स्थानीय स्तर पर समस्याओं का त्वरित और निष्पक्ष समाधान हो।

पशुप्रेमियों की जिम्मेदारी और दंडात्मक कार्रवाई

नई गाइडलाइंस में पशुप्रेमियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। उन्हें केवल निर्धारित फीडिंग जोन में ही भोजन देना होगा और स्वच्छता बनाए रखनी होगी। नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, नियमों का पालन करने वाली महिलाओं या पशुप्रेमियों को धमकाना या उनके साथ दुर्व्यवहार करना अब दंडनीय अपराध होगा। यह कदम पशु कल्याण के साथ-साथ सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

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गोद लेने की व्यवस्था और निगरानी

इच्छुक लोग स्थानीय निकायों में आवेदन देकर आवारा कुत्तों को गोद ले सकते हैं, लेकिन गोद लिए गए कुत्तों को बाद में छोड़ना अपराध माना जाएगा। इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। साथ ही, सभी नगर निकायों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने और नगर विकास निदेशालय में अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में एक निगरानी प्रकोष्ठ गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रकोष्ठ पूरे प्रदेश में गाइडलाइंस के पालन की निगरानी करेगा। बेहतर कार्य करने वाले निकायों और संगठनों को पुरस्कृत भी किया जाएगा, ताकि सकारात्मक पहल को प्रोत्साहन मिले।

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