प्रमुख बिंदु-
CM Yogi on Halal Ban: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गोरखपुर में RSS के शताब्दी समारोह में दिए अपने भाषण में कई विवादास्पद मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने हलाल प्रमाणन को एक बड़ा षड्यंत्र बताते हुए इसे आतंकवाद और धार्मिक परिवर्तन से जोड़ा। साथ ही, मुख्यमंत्री आवास पर ईद मिलन की परंपरा को खत्म करने का बचाव किया और राजनीतिक इस्लाम पर भी सवाल उठाए। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, जहां विपक्ष इसे चुनावी चाल बता रहा है।
ईद मिलन परंपरा का अंत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि जब वे सत्ता में आए तो मुख्यमंत्री आवास और राज्यपाल भवन में ईद मिलन के कार्यक्रम आयोजित होते थे, लेकिन होली या दिवाली मिलन जैसे हिंदू त्योहारों के कार्यक्रम नहीं। उन्होंने कहा कि भारत को धर्मनिरपेक्ष देश का दर्जा दिया गया है, इसलिए सरकारी स्थानों पर किसी एक धर्म के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए। “हमने फैसला लिया कि मुख्यमंत्री आवास और राजभवन में ऐसे कोई कार्यक्रम नहीं होंगे। कोई भी व्यक्ति अपने स्तर पर इन्हें आयोजित कर सकता है,” योगी ने स्पष्ट किया।

उन्होंने जोर दिया कि इससे देश की धर्मनिरपेक्ष छवि मजबूत होगी। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम समुदाय को अलग-थलग करने की कोशिश बताया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि ऐसे फैसले से समाज में फूट पड़ती है और असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने भी इसे चुनावी लाभ के लिए उठाया गया कदम करार दिया, खासकर बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए। योगी के इस फैसले से राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव पर बहस छिड़ गई है, जहां कई सामाजिक संगठन इसे सकारात्मक मान रहे हैं, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय चिंतित है।
हलाल प्रमाणन पर सख्त रुख
योगी ने हलाल प्रमाणन को एक बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में इसे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि देशभर में हलाल प्रमाणन से सालाना 25 हजार करोड़ रुपये की कमाई होती है, जो सरकारी एजेंसियों द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। “यह पैसा आतंकवाद, लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण में इस्तेमाल हो रहा है,” योगी ने आरोप लगाया। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि कोई भी सामान खरीदने से पहले हलाल लेबल की जांच करें और ऐसे उत्पाद न खरीदें।

बलरामपुर में जलालुद्दीन उर्फ चंगुर बाबा की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि ऐसे लोग भारतीय उपभोक्ताओं को ठग रहे हैं। उन्होंने पूछा कि माचिस जैसी चीज जो झटके से जलती है, उसे हलाल प्रमाणन की क्या जरूरत? इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताया और कहा कि इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। हालाल प्रमाणन देने वाली संस्थाएं दावा करती हैं कि यह सिर्फ उत्पाद की शुद्धता सुनिश्चित करता है, लेकिन योगी का कहना है कि यह एक समानांतर व्यवस्था है जो देश की एकता को चुनौती दे रही है। राज्य सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई की है, जिसमें कई मामले दर्ज किए गए हैं।
राजनीतिक इस्लाम पर नजरिया
RSS समारोह में योगी ने राजनीतिक इस्लाम को इतिहास की अनदेखी सच्चाई बताया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ बड़ी लड़ाइयां लड़ीं, लेकिन इतिहास में इसे छिपाया गया। “राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म पर सबसे गहरा घाव किया है,” योगी ने कहा। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और गुरु गोविंद सिंह जैसे योद्धाओं का उदाहरण दिया, जो इसके खिलाफ लड़े।
योगी ने जोर दिया कि आज भी ऐसे तत्व समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष ने इसे सांप्रदायिक बताया और कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय को बदनाम किया जा रहा है। इतिहासकारों का एक वर्ग मानता है कि राजनीतिक इस्लाम का मुद्दा जटिल है, लेकिन योगी का बयान RSS की विचारधारा से जुड़ा लगता है। उन्होंने RSS की प्रशंसा की और कहा कि यह संगठन बिना सरकारी मदद के देश की सेवा कर रहा है, खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में।

RSS की शताब्दी और राम मंदिर का जिक्र
योगी ने RSS को भारत का सौभाग्य बताया और कहा कि इसके स्वयंसेवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में देश का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने राम मंदिर निर्माण का श्रेय RSS को दिया और कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन के लोग पूछते थे कि क्या अयोध्या में राम मंदिर बनेगा? “हम और संघ के कार्यकर्ता कहते थे कि जरूर बनेगा। वे जेल गए, लाठी खाई, गोलियां झेलीं, लेकिन आज मंदिर बन चुका है,” योगी ने कहा।
RSS के शताब्दी वर्ष में पांच प्रमुख परिवर्तन की बात की गई: सामाजिक समरसता, परिवार जागरण, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य। योगी ने कहा कि हमारे त्योहार परंपरा और इतिहास से जुड़े हैं, जो सभी जाति-समुदाय के लोग मना सकते हैं।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
