प्रमुख बिंदु-
WhatsApp Governance: दिल्ली सरकार एक क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है, जिसके तहत अब आप अपने व्हाट्सएप (WhatsApp) के जरिए मैरिज सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और जाति प्रमाणपत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज घर बैठे बनवा सकेंगे। इस नई पहल का नाम है व्हाट्सएप गवर्नेंस, जो दिल्ली के नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं को और भी आसान, पारदर्शी और 24×7 उपलब्ध कराने का वादा करती है। यह योजना दिल्ली की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन रणनीति का हिस्सा है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और व्हाट्सएप के API का उपयोग करके सेवाओं को डिजिटल रूप दिया जाएगा।
क्या है WhatsApp Governance?
व्हाट्सएप गवर्नेंस दिल्ली सरकार की एक नई डिजिटल पहल है, जिसके तहत नागरिक अपने स्मार्टफोन पर व्हाट्सएप के जरिए सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से आप मैरिज सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, जाति प्रमाणपत्र और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के लिए आवेदन कर सकेंगे। दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद आप इन्हें QR कोड के जरिए व्हाट्सएप से ही डाउनलोड कर सकेंगे। यह योजना सरकारी दफ्तरों की लंबी कतारों और बिचौलियों की परेशानियों को खत्म करने का लक्ष्य रखती है।
यह पहल दिल्ली की पुरानी डोरस्टेप डिलीवरी योजना का आधुनिक और हाई-टेक संस्करण है, जो नवंबर 2023 में बंद हो गई थी। उस योजना के तहत 30 से अधिक सेवाएं घर तक पहुंचाई जाती थीं, लेकिन अब व्हाट्सएप गवर्नेंस इसे और भी सुविधाजनक बनाएगा। दिल्ली सरकार मेटा (पहले फेसबुक) के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें व्हाट्सएप के API और जेनरेटिव AI का उपयोग होगा।

यह कैसे काम करेगा?
व्हाट्सएप गवर्नेंस प्लेटफॉर्म की प्रक्रिया बेहद सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल होगी। शुरुआत में इस प्लेटफॉर्म पर 25-30 सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें मैरिज सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और जाति प्रमाणपत्र शामिल हैं। भविष्य में और भी सेवाएं जोड़ी जाएंगी। प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
- संदेश भेजें: नागरिकों को एक तय व्हाट्सएप नंबर पर “Hi” लिखकर भेजना होगा।
- विभाग का चयन: इसके बाद आपको विभिन्न सरकारी विभागों की सूची दिखाई देगी, जहां से आप अपनी जरूरत की सेवा चुन सकेंगे।
- आवेदन और सत्यापन: आप ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे और दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद प्रमाणपत्र QR कोड के जरिए डाउनलोड किया जा सकेगा।
- AI चैटबॉट: यह प्लेटफॉर्म हिंदी और अंग्रेजी में एक AI-पावर्ड चैटबॉट प्रदान करेगा, जो उपयोगकर्ताओं को आसानी से प्रक्रिया समझाएगा और उनकी मदद करेगा।
इसके अलावा, यह प्लेटफॉर्म दिल्ली के ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत होगा, ताकि सभी सेवाएं एक ही जगह पर उपलब्ध हों।
सुविधा
दिल्ली सरकार ने उन लोगों के लिए भी व्यवस्था की है, जिनके पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं है। इसके लिए हर जिले में कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग मामूली शुल्क (लगभग 50 रुपये) देकर इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह कदम सुनिश्चित करता है कि कोई भी नागरिक इस डिजिटल क्रांति से वंचित न रहे।
इसके अलावा, AI चैटबॉट की मदद से उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बनाया जाएगा। यह चैटबॉट न केवल सेवाओं के बारे में जानकारी देगा, बल्कि सरकारी योजनाओं, दस्तावेजों की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण अपडेट्स को टेक्स्ट, इमेज और वीडियो के जरिए साझा करेगा।
दिल्ली की डिजिटल क्रांति
व्हाट्सएप गवर्नेंस दिल्ली की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्ट्रैटेजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को इतना सरल और सुलभ बनाना है कि लोग रात के 2 बजे भी अपने प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकें। यह पहल पारदर्शिता, जवाबदेही और 24×7 उपलब्धता को बढ़ावा देगी।
दिल्ली सरकार का दावा है कि अगर यह योजना सफल होती है, तो दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य बन सकता है, जो इस तरह से डिजिटल तरीके से नागरिक सेवाएं प्रदान करेगा। इस प्रोजेक्ट की सफलता को नागरिकों की संतुष्टि और शासन में पारदर्शिता के आधार पर मापा जाएगा।

पहले क्या थी समस्याएं?
पिछले एक साल से दिल्ली में लोगों को मैरिज सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और जाति प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज बनवाने के लिए लंबी कतारों और बिचौलियों का सामना करना पड़ रहा था। डोरस्टेप डिलीवरी योजना के बंद होने के बाद ये समस्याएं और बढ़ गई थीं। इस योजना का हेल्पलाइन नंबर 1076, जिसने 2023 में 1.4 लाख से अधिक कॉल्स रजिस्टर किए थे, भी निष्क्रिय हो गया था। व्हाट्सएप गवर्नेंस इन सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास है।
दिल्ली सरकार इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए व्हाट्सएप बिजनेस सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स (BSPs) और मेटा के पार्टनर्स से निविदाएं आमंत्रित करेगी। शुरुआत में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च होगी और इसके सफल होने पर इसे पूरे दिल्ली में लागू किया जाएगा। भविष्य में इस प्लेटफॉर्म पर और भी सेवाएं जोड़ी जाएंगी, ताकि नागरिकों को एक ही जगह पर सभी सरकारी सेवाएं मिल सकें।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।