प्रमुख बिंदु-
व्हाट्सएप, जो कि अब मेटा (Meta) के स्वामित्व वाला है, जल्द ही एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। वर्षों से बिना किसी विज्ञापन के काम कर रही इस इंस्टेंट मैसेजिंग सेवा पर अब WhatsApp Ads दिखाए जाने की योजना बन चुकी है। हाल ही में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, मेटा अब WhatsApp के Status टैब में विज्ञापन पेश करेगा, जिसकी टेस्टिंग जल्द ही शुरू होने जा रही है।
यह कदम मेटा के उस पहले के वादे के बिल्कुल उलट है जिसमें कहा गया था कि व्हाट्सएप पर कभी भी विज्ञापन नहीं दिखाए जाएंगे। लेकिन अब, बढ़ते आर्थिक दबावों और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कंपनी को अपना रुख बदलना पड़ा है। आइए इस बदलाव की पूरी जानकारी विस्तार से समझते हैं।
WhatsApp Ads की शुरुआत कैसे और क्यों?

2014 में जब फेसबुक (अब Meta) ने व्हाट्सएप को खरीदा था, तब इस प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसमें कोई भी विज्ञापन नहीं होता था। व्हाट्सएप के को-फाउंडर्स ने अपने यूज़र्स से वादा किया था कि उनका डेटा सुरक्षित रहेगा और उन्हें किसी प्रकार के विज्ञापन का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन समय के साथ व्यापार मॉडल बदलते गए और अब WhatsApp Ads को राजस्व का स्रोत बनाने की योजना बन चुकी है।
मेटा के लिए व्हाट्सएप अब तक एक कमाई का जरिया नहीं बन सका था, जबकि इंस्टाग्राम और फेसबुक पर विज्ञापन से अरबों डॉलर की आमदनी होती है। इसलिए अब Meta ने तय किया है कि व्हाट्सएप को भी ad-supported platform बनाया जाए।
कहां दिखेंगे WhatsApp Ads?

Meta की योजना के अनुसार,Ads सबसे पहले Status टैब में दिखना शुरू होंगे। यह फीचर इंस्टाग्राम स्टोरीज़ और फेसबुक स्टोरीज़ की तरह ही काम करेगा, जहां यूज़र्स अपने स्टेटस में फोटो, वीडियो या टेक्स्ट डाल सकते हैं। अब इस टैब में विज्ञापन स्लाइड्स के रूप में दिखेंगे।
यह Ads पूरी तरह से वर्टिकल फॉर्मेट में होंगे और इन्हें स्किप करने का विकल्प दिया जाएगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है — जैसे-जैसे मेटा इस फीचर को रोलआउट करेगा, व्हाट्सएप का उपयोग करने का अनुभव पहले जैसा नहीं रहेगा।
IT सेक्टर के लिए क्या मायने रखता है WhatsApp Ads?
IT उद्योग और डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट्स के अनुसार, WhatsApp Ads का आगमन मार्केटिंग की दुनिया में एक नए अध्याय की शुरुआत है। अब तक व्हाट्सएप को सिर्फ मैसेजिंग ऐप की तरह देखा जाता था, लेकिन अब ब्रांड्स को इसमें नया अवसर दिख रहा है।
कई व्यवसाय अब अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए Ads का इस्तेमाल करेंगे। इससे conversational marketing, automated chats और lead generation जैसे क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आएगा। Unified Communications (UC) सेक्टर में यह फैसला game-changer साबित हो सकता है।
मेटा की पॉलिसी में बदलाव: यूज़र्स को कितना प्रभावित करेगा?

WhatsApp Ads की नीति में बदलाव मेटा के पुराने वादों से काफी विपरीत है। एक समय था जब व्हाट्सएप के संस्थापक ब्रायन एक्टन और जान कौम ने विज्ञापन को “मानवता का अपमान” कहा था। लेकिन 2018 में उनके व्हाट्सएप छोड़ने के बाद से मेटा ने धीरे-धीरे प्राइवेसी नीतियों में ढील देना शुरू किया।
अब मेटा का दावा है कि Ads केवल स्टेटस में ही दिखाए जाएंगे, न कि पर्सनल चैट्स में। लेकिन कई यूज़र्स को इस बात की चिंता है कि कहीं यह पहला कदम न हो और आने वाले समय में Ads चैट्स और ग्रुप्स तक न पहुंच जाएं।
WhatsApp Ads को लेकर तकनीकी अपडेट

- एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन रहेगा बरकरार: मेटा ने यह स्पष्ट किया है कि WhatsApp Ads के बावजूद भी यूज़र्स के पर्सनल चैट्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहेंगे।
- Targeted Ads नहीं होंगे: फिलहाल कंपनी का कहना है कि Ads यूज़र्स की प्राइवेट चैट हिस्ट्री पर आधारित नहीं होंगे।
- Business WhatsApp Account Integration: बिजनेस अकाउंट्स को WhatsApp Ads के ज़रिए प्रमोशन करने का विकल्प मिलेगा।
मार्केटिंग जगत की प्रतिक्रिया
MarketingTechNews और UC Today की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रांड्स को WhatsApp Ads के ज़रिए अपने कस्टमर्स से direct जुड़ाव का नया जरिया मिल जाएगा। यह एक low-cost, high-reach माध्यम बन सकता है। हालांकि, यूज़र्स के अनुभव और रेस्पॉन्स के आधार पर ही इसका भविष्य तय होगा।
यूज़र्स की चिंता: क्या WhatsApp Ads यूज़र एक्सपीरियंस को खराब करेंगे?

यह एक बड़ा सवाल है कि क्या Ads यूज़र्स को परेशान करेंगे? अधिकांश यूज़र्स व्हाट्सएप को उसकी simplicity और distraction-free इंटरफेस के लिए पसंद करते हैं। लेकिन विज्ञापन आने के बाद यह शुद्ध अनुभव कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है।
हालांकि, अगर Ads को स्टेटस टैब तक ही सीमित रखा जाए और उन्हें स्किप करने का विकल्प रहे, तो यह संतुलित समाधान हो सकता है। लेकिन मेटा के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कुछ यूज़र्स को आशंका है कि यह केवल एक शुरुआत है।
WhatsApp Ads: बिज़नेस यूज़र्स के लिए अवसर
मेटा अब बिजनेस यूज़र्स को WhatsApp Ads के ज़रिए ग्राहकों तक पहुंचने की सुविधा देगा। उदाहरण के तौर पर:
- एक रेस्टोरेंट अपनी नई डिश के प्रचार के लिए WhatsApp Status में विज्ञापन चला सकता है।
- ई-कॉमर्स वेबसाइट्स अपने सेल ऑफर्स के लिए WhatsApp Ads का उपयोग कर सकती हैं।
- कंपनियां सीधे कस्टमर सर्विस के लिए conversational ads का सहारा ले सकती हैं।
प्राइवेसी की बहस फिर तेज

हालांकि WhatsApp Ads फिलहाल केवल स्टेटस टैब तक ही सीमित हैं, लेकिन प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स और कई डिजिटल अधिकार संगठनों ने इस बदलाव पर चिंता जताई है। 2016 में जब मेटा ने व्हाट्सएप यूज़र डेटा को अपने अन्य ऐप्स से लिंक किया था, तब भी बड़ा विवाद हुआ था।
अब फिर से WhatsApp Ads के बहाने यूज़र डेटा तक पहुंच की संभावनाओं को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
भविष्य में क्या?
मेटा फिलहाल WhatsApp Ads को सीमित रूप में शुरू कर रहा है। लेकिन टेक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आने वाले समय में:
- Sponsored chats
- Search-based ads
- Group-targeted promotions
जैसे फॉर्मेट्स भी देखे जा सकते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि WhatsApp अब पूरी तरह से एक commercial platform बनने की ओर अग्रसर है।
WhatsApp Ads की शुरुआत से यूज़र्स, व्यवसाय और मार्केटिंग इंडस्ट्री तीनों के लिए बड़ा बदलाव आने वाला है। जहां एक ओर यह मेटा के लिए कमाई का जरिया होगा, वहीं दूसरी ओर यह यूज़र एक्सपीरियंस को प्रभावित भी कर सकता है।
अगर यह बदलाव संतुलित और यूज़र-फ्रेंडली तरीके से लागू किए जाएं, तो व्हाट्सएप का यह नया रूप स्वागत योग्य हो सकता है। लेकिन अगर यह प्राइवेसी और उपयोगकर्ता नियंत्रण को कमजोर करता है, तो इसका तीव्र विरोध भी हो सकता है।
इसलिए आने वाले महीनों में देखना होगा कि मेटा WhatsApp Ads को कैसे संतुलित रूप से रोलआउट करता है।
अवि नमन यूनिफाइड भारत के एक विचारशील राजनीतिक पत्रकार और लेखक हैं, जो भारतीय राजनीति, नीति निर्माण और सामाजिक न्याय पर तथ्यपरक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में गहरी समझ और नया दृष्टिकोण झलकता है। मीडियम और अन्य मंचों पर उनके लेख लोकतंत्र, कानून और सामाजिक परिवर्तन को रेखांकित करते हैं। अवि ने पत्रकारिता के बदलते परिवेश सहित चार पुस्तकों की रचना की है और सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता के लिए समर्पित हैं।