क्या संसार से प्रेम अंत में रुलाता है  प्रेमानंद जी ने दिया यह उत्तर

Rana Anshuman Singh

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जिससे संसार में प्रेम करोगे, अंत में वह रुलाएगा; पर अगर भगवान से प्रेम करोगे, तो अंत मुस्कुराते हुए जियोगे।

दुनिया से जुड़ोगे तो टूटोगे, लेकिन भगवान से जुड़ोगे तो निखरोगे।

pc : Bhajan marg

जीवन में हार से बचना है तो प्रभु को साथ लो — ये संसार रुलाता है, भगवान संवारता है।

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पाप के नाश तक दुःख सहना पड़ेगा, लेकिन प्रभु से जुड़ जाओगे तो अंत सुखद होगा — यही सच्ची जीत है।

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अकेलापन बुरा नहीं, बस जीना नहीं आता… जब भगवान को दोस्त बना लोगे, तो अकेलापन भी साधना बन जाएगा।

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भीड़ सुकून नहीं देती, और सच्चा दोस्त भगवान ही होता है – जो भीतर शांति लाता है, न कि बाहर शोर।

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जब कोई न हो पास, तब भगवान को पास बुलाओ – वही दोस्त है जो कभी नहीं छोड़ता।

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संसार के दोस्त छल में डुबाते हैं, पर भगवान का साथ खुद से मिलाता है।

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