प्रमुख बिंदु-
सेहत डेस्क: स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना बेहद जरूरी है। इनमें विटामिन-सी (Vitamin C) एक ऐसा आवश्यक पोषक तत्व है, जो न केवल हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को मजबूत करता है, बल्कि त्वचा, हड्डियों और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि विटामिन-सी की कमी आपके शरीर को गंभीर बीमारियों, खासकर पेट, फूड पाइप और फेफड़ों के कैंसर का शिकार बना सकती है? हाल के शोध और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय के अनुसार, विटामिन-सी की कमी इन तीन प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है।
Vitamin C और फूड पाइप कैंसर
फूड पाइप (इसोफेगस) वह नली है, जो आपके गले को पेट से जोड़ती है। यह भोजन को पेट तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 2022 में न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार, पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी का सेवन करने वाले लोगों में फूड पाइप कैंसर (इसोफेगल कैंसर) का खतरा कम होता है। विटामिन-सी का एंटीऑक्सीडेंट गुण फूड पाइप की कोशिकाओं को हानिकारक अणुओं (फ्री रेडिकल्स) से बचाता है, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
यह फूड पाइप की नाजुक परत को ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखता है, जिससे कैंसरकारी बदलावों को रोका जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित रूप से खट्टे फल, जैसे संतरा, नींबू और हरी सब्जियां खाने से इस जोखिम को कम किया जा सकता है।
Vitamin C और पेट का कैंसर
पेट का कैंसर (गैस्ट्रिक कैंसर) दुनिया भर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि विटामिन-सी का पर्याप्त सेवन पेट के कैंसर के जोखिम को कम करता है। कैंसर इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी सूजन को कम करके और पेट की परत को नुकसान से बचाकर कैंसर के विकास को रोकने में मदद करता है।
यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जो पेट में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी जैसे बैक्टीरिया के कारण होने वाली सूजन को नियंत्रित करता है, जो पेट के कैंसर का एक प्रमुख कारण है। ब्रोकोली, शिमला मिर्च और टमाटर जैसे विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से इस खतरे को कम किया जा सकता है।

Vitamin C और फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों का कैंसर दुनिया में सबसे घातक कैंसरों में से एक है। हाल के शोध बताते हैं कि रोजाना 100 मिलीग्राम अतिरिक्त विटामिन-सी का सेवन फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को लगभग 7% तक कम कर सकता है। यह विटामिन फेफड़ों के ऊतकों को प्रदूषण, धूम्रपान और अन्य पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) से होने वाले ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाता है। न्यूट्रिएंट्स की 2022 की समीक्षा में यह भी बताया गया कि विटामिन-सी फेफड़ों की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिससे कैंसर के विकास की संभावना कम होती है। धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए विटामिन-सी का सेवन और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फेफड़ों पर ऑक्सीडेटिव तनाव के प्रभाव को कम करता है।
Vitamin C की कमी के लक्षण
विटामिन-सी की कमी को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह न केवल कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है, बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकती है। गंभीर कमी की स्थिति में स्कर्वी जैसी बीमारी हो सकती है। निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान देकर आप इसकी कमी को पहचान सकते हैं:
- लगातार थकान और ऊर्जा की कमी।
- मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन।
- मसूड़ों से खून आना, सूजन या दांत ढीले होना।
- त्वचा का रूखापन और पपड़ीदार होना।
- जोड़ों में दर्द या कमजोरी।
- आयरन के अवशोषण में कमी के कारण खून की कमी।
- त्वचा पर चोट लगते ही आसानी से नीले निशान पड़ना।
- चोट या घाव का धीरे-धीरे ठीक होना।
- कमजोर इम्युनिटी के कारण बार-बार बीमार पड़ना।
Vitamin C की कमी को कैसे पूरा करें?
विटामिन-सी की कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार में विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना जरूरी है। खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू और आंवला, साथ ही ब्रोकोली, शिमला मिर्च, टमाटर और स्ट्रॉबेरी विटामिन-सी के बेहतरीन स्रोत हैं। हेल्थडायरेक्ट के अनुसार, ये खाद्य पदार्थ न केवल विटामिन-सी प्रदान करते हैं, बल्कि अन्य पोषक तत्वों से भी शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इसके अलावा, विटामिन-सी सप्लीमेंट्स भी डॉक्टर की सलाह पर लिए जा सकते हैं। खाना पकाते समय ध्यान रखें कि विटामिन-सी गर्मी के प्रति संवेदनशील होता है, इसलिए सब्जियों को ज्यादा न पकाएं।
विटामिन-सी न केवल हमारी इम्युनिटी को मजबूत करता है, बल्कि पेट, फूड पाइप और फेफड़ों के कैंसर जैसे गंभीर रोगों के जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल के शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि इसकी कमी से इन कैंसरों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, अपने आहार में विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें और इसके लक्षणों को समय रहते पहचानें। अगर आपको उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी डाइट में सुधार करें। स्वस्थ आहार और नियमित जांच से आप इन गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। यूनिफाइड भारत आपको सलाह देता है कोई भी उपाय अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।