विजय माल्या ने बताई “हीरो से जीरो” बनने तक की अपनी कहानी
प्रमुख बिंदु-
Vijay Mallya’s Podcast: भारतीय कारोबारी और भगोड़ा घोषित विजय माल्या एक बार फिर सुर्खियों में हैं। करीब नौ साल बाद, माल्या ने यूट्यूबर और उद्यमी राज शमानी के पॉडकास्ट Figuring Out (FO364) में चार घंटे की लंबी बातचीत के जरिए अपनी चुप्पी तोड़ी। इस सनसनीखेज इंटरव्यू में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के पतन, 9,000 करोड़ के कर्ज के आरोप, कर्मचारियों की बकाया सैलरी, भारत वापसी की शर्त और अपनी जिंदगी के उतार-चढ़ाव पर खुलकर बात की। उन्होंने दावा किया कि बैंकों ने उनसे 14,100 करोड़ रुपये वसूल लिए, जो उनके कर्ज से दोगुना है। इस पॉडकास्ट ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। आइए, इस इंटरव्यू के हर पहलू को आसान तरीके से समझते हैं।
क्यों तोड़ी नौ साल की चुप्पी?
माल्या ने बताया कि पिछले नौ सालों में भारतीय मीडिया ने उनके खिलाफ नकारात्मक कहानियां बनाईं, जिससे वे जनता के गुस्से का निशाना बने। उन्हें “चोर”, “फरार” और “धोखेबाज” जैसे शब्दों से नवाजा गया। उन्होंने कहा कि पहले वे मीडिया से लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन अब सोशल मीडिया और पॉडकास्ट जैसे नए प्लेटफॉर्म्स ने उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिया। माल्या ने राज शमानी को चुना क्योंकि वे हर सवाल का खुलकर जवाब देना चाहते थे।

किंगफिशर एयरलाइंस, प्रणब मुखर्जी और अरुण जेटली
शुरूआत और विजन
माल्या ने 2005 में किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की थी, जिसका मकसद भारत में सबसे शानदार उड़ान अनुभव देना था। उन्होंने इसे प्रीमियम एयरलाइंस बनाया, जिसमें इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट और स्वादिष्ट खाना था। माल्या ने बताया कि शुरुआत में यह लो-कॉस्ट कैरियर थी, लेकिन मार्केट की डिमांड पर बिजनेस क्लास (किंगफिशर फर्स्ट) जोड़ा गया।
2008 की मंदी और पतन
2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी ने किंगफिशर को बुरी तरह प्रभावित किया। माल्या ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और एयरलाइंस को छोटा करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन मुखर्जी ने मना कर दिया और कहा कि बैंक सपोर्ट करेंगे। माल्या का दावा है कि यह सपोर्ट कभी नहीं मिला। 2012 तक किंगफिशर के घाटे बढ़ गए, और इसे बंद करना पड़ा।
माल्या ने कहा: “मैंने प्रणब मुखर्जी से कहा था कि हमें एयरलाइंस छोटी करनी होगी, लेकिन मुझे मना किया गया। बैंकों ने सपोर्ट का वादा किया, जो कभी पूरा नहीं हुआ।”
अरुण जेटली से मुलाकात
माल्या ने ट्रांसक्रिप्ट में खुलासा किया कि 2016 में, जब वे भारत छोड़ने वाले थे, उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। उन्होंने जेटली से बैंकों के साथ मीटिंग करवाने की गुजारिश की ताकि कर्ज का सेटलमेंट हो सके। माल्या ने कहा कि उन्होंने जेटली को अपनी यात्रा की जानकारी दी थी, लेकिन जेटली ने कोई ठोस मदद नहीं की।
माल्या का बयान: “मैंने अरुण जेटली को बताया कि मैं विदेश जा रहा हूँ और बैंकों से सेटलमेंट के लिए मीटिंग चाहता हूँ। लेकिन कुछ नहीं हुआ।”
कर्ज और धोखाधड़ी के आरोप: माल्या का पक्ष
माल्या पर बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज डिफॉल्ट करने और धोखाधड़ी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। लेकिन उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।
कर्ज का असली आंकड़ा
माल्या ने दावा किया कि किंगफिशर एयरलाइंस ने बैंकों से सिर्फ 4,999 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसमें 1,203 करोड़ रुपये ब्याज जोड़ा गया। इस तरह कुल कर्ज 6,203 करोड़ रुपये था। लेकिन डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों ने उनसे 14,100 करोड़ रुपये वसूल लिए, जो कर्ज से दोगुना से ज्यादा है।
सेटलमेंट ऑफर
माल्या ने बताया कि 2012 से 2016 के बीच उन्होंने बैंकों को चार बार सेटलमेंट ऑफर दिए, जिन्हें बैंकों ने ठुकरा दिया। ये ऑफर सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। उन्होंने 2016 में सुप्रीम कोर्ट के सामने भी सेटलमेंट की पेशकश की थी।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
CBI और ED ने दावा किया कि माल्या ने 423 करोड़ रुपये किंगफिशर के कर्ज से “गैर-संबंधित खर्चों” के लिए साइफन किए, और ED ने 3,547 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। माल्या ने इन आरोपों को बकवास बताया। उन्होंने कहा कि एयरलाइंस के 50% से ज्यादा खर्चे विदेशी मुद्रा में थे (जैसे विमान लीज, स्पेयर पार्ट्स), और ये पेमेंट्स रूटीन थे।
माल्या का जवाब: “मैंने एक पैसा भी चोरी नहीं किया। विदेशी खर्चों को साइफनिंग कहना बकवास है। CBI और ED को सबूत पेश करना होगा।”
IDBI बैंक केस
माल्या पर IDBI बैंक से 900 करोड़ रुपये के कर्ज में धोखाधड़ी का आरोप है। CBI का दावा है कि माल्या ने बैंक के सीनियर मैनेजमेंट के साथ साठगांठ की और किंगफिशर की कमजोर फाइनेंशियल्स को गलत तरीके से पेश किया। माल्या ने कहा कि लोन को IDBI बोर्ड ने अप्रूव किया था, जिसमें RBI और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे। 2021 में IDBI ने पब्लिक स्टेटमेंट में कहा कि उन्होंने 753 करोड़ रुपये (प्रिंसिपल और ब्याज) वसूल लिए, यानी लोन पूरा चुक गया।

कर्मचारियों से माफी: “मैं उनकी तकलीफ महसूस करता हूँ”
माल्या ने किंगफिशर के कर्मचारियों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, जिन्हें एयरलाइंस बंद होने के बाद महीनों तक सैलरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोर्ट में कर्मचारियों की सैलरी देने की अर्जी दी थी, लेकिन बैंकों ने इसका विरोध किया। माल्या ने बताया कि UB ग्रुप की 260 करोड़ रुपये की राशि से सैलरी देने की कोशिश की गई, लेकिन कोर्ट ने इजाजत नहीं दी।
माल्या का बयान: “मैं किंगफिशर के कर्मचारियों से दिल से माफी मांगता हूँ। मैंने उनकी सैलरी देने की पूरी कोशिश की, लेकिन बैंक और कोर्ट ने इजाजत नहीं दी।”
भारत छोड़ने का फैसला: “मैं भगोड़ा नहीं, माहौल था गर्म”
माल्या ने 2 मार्च 2016 को भारत छोड़ा। ट्रांसक्रिप्ट के मुताबिक, उन्होंने दावा किया कि यह एक पहले से तय यात्रा थी, और उन्हें सुप्रीम कोर्ट की कोई सुनवाई (3 मार्च को) की जानकारी नहीं थी। उन्होंने अरुण जेटली को अपनी यात्रा की सूचना दी थी। 15 अप्रैल 2016 को उनका पासपोर्ट सस्पेंड हुआ, और 24 अप्रैल को रद्द कर दिया गया। माल्या ने कहा कि उन्होंने ED के समन का जवाब दिया था, लेकिन पासपोर्ट रद्द करने का मकसद उन्हें समझ नहीं आया।
माल्या का पक्ष: “मैंने पहले से तय मीटिंग के लिए भारत छोड़ा। मुझे कोई सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की जानकारी नहीं थी। पासपोर्ट रद्द करना गलत था।”
भगोड़ा टैग
माल्या ने स्वीकार किया कि भारत न लौटने की वजह से उन्हें “भगोड़ा” कहा जा सकता है, लेकिन “चोर” कहना गलत है। उन्होंने कहा कि भारत का माहौल इतना गर्म था कि वापसी मुश्किल थी। वे विदेशी बिजनेस पार्टनर्स से सिक्योरिटीज बेचकर बैंकों को पैसे चुकाने की कोशिश कर रहे थे।

भारत वापसी की शर्त: “निष्पक्ष सुनवाई चाहिए”
माल्या ने कहा कि वे भारत तभी लौटेंगे, जब उन्हें निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन की गारंटी मिले। उन्होंने बताया कि यूके की हाई कोर्ट ने भारत की जेलों की स्थिति को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है, जिससे उनकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया जटिल हो गई। माल्या ने कहा कि भारत में बिजनेस फेल्योर को फ्रॉड मान लिया जाता है, जो गलत है।
माल्या का बयान: “अगर मुझे भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का भरोसा मिले, तो मैं वापसी पर गंभीरता से विचार करूंगा। लेकिन अभी मुझे ऐसा भरोसा नहीं है।”
प्रत्यर्पण केस
माल्या ने बताया कि यूके में प्रत्यर्पण केस चल रहा है। यूके कोर्ट ने सिर्फ यह तय किया है कि CBI के आरोपों पर ट्रायल हो सकता है, लेकिन उनकी गिल्ट साबित नहीं हुई। माल्या ने कहा कि वे कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और बेल पर हैं।
RCB और ब्रांडिंग का जादू
माल्या ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और किंगफिशर की ब्रैंडिंग की कहानी भी साझा की। उन्होंने बताया कि 1996 में किंगफिशर का लोगो वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के साथ जोड़ा गया, जिससे “ऊ ला ला ला ले ओ” जिंगल मशहूर हुआ। RCB की IPL 2025 जीत पर माल्या ने ट्वीट कर खुशी जताई, जिसने पॉडकास्ट को और चर्चा में लाया। उन्होंने कहा कि किंगफिशर को “किंग ऑफ गुड टाइम्स” का टैग मिला, लेकिन मीडिया ने इसे उनकी पर्सनल लाइफ से जोड़ दिया।
माल्या का दावा: “मैंने किंगफिशर को जवानों का ब्रैंड बनाया। ‘किंग ऑफ गुड टाइम्स’ ब्रैंड का टैग था, मेरा नहीं।”

बचपन और परिवार: “मैं शौकीन नहीं था”
माल्या ने अपने बचपन की बात करते हुए बताया कि कोलकाता में उनका पालन-पोषण सख्त हुआ। उनके पिता विटल माल्या ने उन्हें 400 रुपये की सिपाही पर रखा और UB में सख्त ट्रेनिंग दी। माल्या ने कहा कि “शौकीन” और “फ्लैम्बॉयंट” का टैग मीडिया ने बनाया। उन्होंने अपनी मां से सीखा कि “वक्त बहस में बर्बाद न करें”, और पिता से “कठिन मेहनत और बैलेंस शीट पढ़ना” सीखा।
माल्या: “मेरे पास न फैंसी खिलौने थे, न कारें। मैंने मेहनत से सब बनाया।”
मौजूदा जिंदगी: “सेमी-रिटायर्ड, लेकिन टूटा नहीं”
माल्या ने बताया कि 2016 में पासपोर्ट रद्द होने के बाद वे यूके में “सेमी-रिटायर्ड” हैं। वे अपने छह कुत्तों के साथ वक्त बिताते हैं, क्लासिक कार्स में इंट्रेस्ट रखते हैं और विदेशी बिजनेस चलाते हैं। उनकी नेटवर्थ, जो Forbes ने 2013 में 750 मिलियन डॉलर बताई थी, अब “जीरो” है क्योंकि उनकी सारी भारतीय संपत्तियां बिक चुकी हैं। लेकिन वे न्यूयॉर्क में ट्रंप प्लाजा पेंटहाउस और फ्रांस में Le Grande Jardin जैसी संपत्तियों के मालिक हैं।
माल्या: “मैं साधारण जिंदगी जीता हूँ। कानूनी लड़ाई महंगी है, लेकिन मैं टूटा नहीं।”

“मैं जेल जाने को तैयार, लेकिन निष्पक्ष सुनवाई चाहिए”- माल्या
माल्या ने कहा कि वे जेल जाने को तैयार हैं, अगर यही उनकी “किस्मत” है। लेकिन वे मानते हैं कि CBI और ED ने उनके खिलाफ “झूठे सबूत” बनाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड्स का हवाला देते हुए कहा कि उनके सेटलमेंट ऑफर दर्ज हैं। माल्या ने हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें बैंकों से स्टेटमेंट ऑफ अकाउंट मांगा गया।
माल्या का सवाल: “जब बैंकों ने 14,100 करोड़ वसूल लिए, तो मुझे चोर क्यों कहा जा रहा? मुझे अकाउंट का ब्यौरा क्यों नहीं दिया?”
सोशल मीडिया पर हंगामा: समर्थन और आलोचना
पॉडकास्ट के बाद सोशल मीडिया पर माल्या को लेकर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने उनके खुलेपन और राज शमानी की इंटरव्यू स्किल्स की तारीफ की, तो कुछ ने इसे एक पीआर स्टंट बताया। उद्योगपति हर्ष गोयनका ने माल्या का समर्थन करते हुए कहा कि बैंकों ने माल्या से दोगुने से ज्यादा रकम वसूल ली, फिर भी उन्हें अपराधी की तरह पेश किया जा रहा है। वहीं, कुछ यूजर्स ने माल्या को एक भगोड़ा अपराधी बताया, जो अभी भी यूके में लग्जरी लाइफ जी रहा है।
इस पॉडकास्ट ने माल्या को फिर से सुर्खियों में ला दिया। कुछ लोग उनके साहस और खुलासों की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ उन्हें भगोड़ा मानते हैं। पॉडकास्ट के बाद X पर माल्या चर्चा में छा गए। कुछ लोगों ने उनके खुलेपन और राज की इंटरव्यू स्किल्स की तारीफ की, तो कुछ ने इसे PR स्टंट बताया।
नोट: यह खबर राज शमानी के पॉडकास्ट Figuring Out (FO364) और विजय माल्या के बयानों पर आधारित है। Unified Bharat विजय माल्या द्वारा दी गई टिप्पणियों या दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।