प्रमुख बिंदु-
Varanasi-Khajuraho Vande Bharat: दीवाली की रोशनी के साथ बुंदेलखंड को एक चमकदार सौगात मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने खजुराहो-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा दी है। यह तेज रफ्तार ट्रेन न केवल धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, बल्कि क्षेत्र के व्यापार और रोजगार को भी पंख लगाएगी। खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा के अथक प्रयासों से यह संभव हुआ है। रेल मंत्रालय ने ट्रेन का टाइम टेबल जारी कर दिया है, लेकिन शुरूआत की तारीख का इंतजार अभी बाकी है।
ट्रेन का रूट और समय सारिणी
यह वंदे भारत एक्सप्रेस वाराणसी कैंट से शुरू होकर विंध्याचल, प्रयागराज छिवकी, चित्रकूट धाम, बांदा, महोबा और अंत में खजुराहो तक पहुंचेगी। कुल 441 किलोमीटर की दूरी को यह ट्रेन महज साढ़े सात घंटे में तय करेगी, जो मौजूदा ट्रेनों से कहीं ज्यादा तेज है।
सुबह के सफर की शुरुआत वाराणसी से 5:00 बजे होगी। ट्रेन सबसे पहले 6:55 बजे विंध्याचल पहुंचेगी, जहां 2 मिनट का ठहराव रहेगा। इसके बाद 8:00 बजे प्रयागराज छिवकी, 10:05 बजे चित्रकूट धाम, 11:05 बजे बांदा, 12:08 बजे महोबा (2 मिनट रुककर) और अंत में दोपहर 1:10 बजे खजुराहो।
वापसी यात्रा खजुराहो से दोपहर 3:20 बजे शुरू होगी। यह ट्रेन 6:13 बजे चित्रकूट धाम, उसके बाद बांदा, महोबा, प्रयागराज छिवकी होते हुए रात 11:00 बजे वाराणसी पहुंचेगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह शेड्यूल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। हालांकि, कुछ स्थानीय नेता नैनी, शंकरगढ़, मानिकपुर और अतर्रा जैसे स्टेशनों पर अतिरिक्त स्टॉपेज की मांग कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्री जुड़ सकें।

पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
खजुराहो के विश्व धरोहर मंदिरों से काशी विश्वनाथ धाम तक का यह रूट धार्मिक पर्यटन का नया अध्याय लिखेगा। खजुराहो, जो यूनेस्को की सूची में शामिल है, अब वाराणसी के लाखों श्रद्धालुओं के लिए आसान हो जाएगा। चित्रकूट धाम और विंध्याचल जैसे तीर्थस्थलों को जोड़ने से संगम नगरी प्रयागराज के रास्ते में भी पर्यटक बढ़ेंगे।
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर असर गहरा होगा। बुंदेलखंड के किसान, व्यापारी और युवा अब तेज कनेक्टिविटी से लाभान्वित होंगे। सांसद शर्मा ने कहा कि यह ट्रेन रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी, खासकर पर्यटन से जुड़े कारोबार में। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, खजुराहो में पर्यटन से सालाना करोड़ों की कमाई होती है, और यह ट्रेन इसे दोगुना कर सकती है। विमानन क्षेत्र में भी हलचल है, खजुराहो-वाराणसी एयर सेवा इसी महीने शुरू हो रही है, जो रेल से तुलना में महंगी लेकिन तेज विकल्प बनेगी।

सांसद के प्रयास और सरकारी समर्थन
यह उपलब्धि खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा की मेहनत का नतीजा है। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से कई दौर की बातचीत की। अगस्त से ही उन्होंने रेल मंत्री को रोजाना सैकड़ों पत्र भेजे, जिसमें पर्यटन गिरावट का जिक्र किया गया। रेल मंत्री ने इसे दीवाली गिफ्ट बताते हुए मंजूरी दी।
शर्मा ने अपने सोशल मीडिया पर ट्रेन का शेड्यूल और रेल मंत्रालय का पत्र शेयर किया। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री जी ने बुंदेलखंड की जनता को यह अनमोल उपहार दिया। केंद्रीय रेल मंत्री का आभार।” स्थानीय विधायक अरविंद पटैरिया ने भी इसे ऐतिहासिक बताया, कहा कि खजुराहो को अब दूसरी वंदे भारत मिल रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इसे राज्य के विकास का प्रतीक माना।
यात्रियों के लिए क्या खास?
वंदे भारत की खासियतें यात्रियों को लुभाएंगी। वाई-फाई, मोबाइल चार्जिंग, आरामदायक सीटें और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं होंगी। किराया सामान्य ट्रेनों से थोड़ा ज्यादा रहेगा। बुकिंग जल्द शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ यात्रियों ने छतरपुर जैसे जिला मुख्यालय पर स्टॉपेज की मांग उठाई है।

रेलवे ने स्पष्ट किया कि ट्रेन की शुरुआत एक से डेढ़ माह में हो सकती है। तब तक, क्षेत्रवासी उत्साहित हैं। यह ट्रेन न केवल दूरी छोटी करेगी, बल्कि संस्कृति के पुल को मजबूत बनाएगी। बुंदेलखंड अब तेजी से भारत की धड़कन से जुड़ रहा है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
