प्रमुख बिंदु-
वाराणसी: सावन के पवित्र महीने में, वाराणसी (Varanasi) के राजातालाब क्षेत्र में 28 जुलाई 2025 को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। कांवड़ यात्रा के दौरान दो कांवड़ियों, शुभम यादव और पल्टू यादव पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। आरोप है कि हमलावरों ने कांवड़ियों को ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारे लगाने से रोका और उन पर इस्लाम अपनाने का दबाव डाला। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिलाध्यक्ष राजेश पांडे को भी हिरासत में लिया गया।

क्या हुआ राजातालाब में?
28 जुलाई 2025 की शाम करीब 5 बजे, बडैनीकला निवासी पल्टू यादव और उनके दोस्त शुभम यादव अदलपुरा से जल लेकर जंसा शिव मंदिर जा रहे थे। दोनों ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारे लगा रहे थे। राजातालाब के रेलवे फाटक के पास, मस्जिद के सामने, 10-12 युवकों ने उन्हें रोक लिया। पल्टू के अनुसार, हमलावरों ने पहले सामान्य बातचीत की और कांवड़ यात्रा के बारे में सवाल पूछे। फिर उन्होंने कहा, “ये ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारे तुम्हें नहीं बोलने चाहिए। इसके बजाय ‘अल्लाह हू अकबर’ बोलो और हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाओ।”
जब कांवड़ियों ने इसका विरोध किया, तो हमलावरों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। पल्टू के सिर पर गहरी चोट आई और शुभम को सड़क पर दौड़ाकर पीटा गया। अन्य कांवड़ियों के हस्तक्षेप से उनकी जान बची। घायलों को ऑटो से अस्पताल ले जाया गया। इस घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़का दिया और कांवड़ियों ने सड़क जाम कर हंगामा शुरू कर दिया।

6 आरोपि गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलते ही राजातालाब पुलिस, क्षेत्राधिकारी (एसीपी) और अन्य पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। पल्टू की तहरीर पर पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ मारपीट, लूट, धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने और लालच देने का मामला दर्ज किया। पुलिस ने मुनव्वर समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य की तलाश में रातभर छापेमारी की गई। पुलिस का कहना है कि कुछ आरोपी दुकान बंद कर फरार हो गए।
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष राजेश पांडे और मंत्री पवन पाठक घटनास्थल पर पहुंचे। राजेश पांडे अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर आए थे और आरोपियों के घर की ओर जाने की जिद करने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके दौरान डीसीपी और एडीसीपी के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने राजेश पांडे को हिरासत में ले लिया और उनकी बंदूक जब्त कर ली। रातभर जंसा और राजातालाब में तनाव का माहौल रहा और पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्तों को बंद कर दिया।

कांग्रेस का कानून व्यवस्था पर निशाना
इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने X पर लिखा, “काशी में कांवड़ियों को पीट दिया गया। वो भी उस शासन में, जो खुद को सनातन धर्म का रक्षक कहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी मंत्रीपरिषद के साथ प्रधानमंत्री के स्वागत में व्यस्त हैं, लेकिन जमीन पर भक्तों का अपमान हो रहा है।”
काशी में कांवरिया को पीट दिया गया — वो भी उस शासन में, जो खुद को ‘सनातन रक्षक’ कहता है।
— Ajay Rai🇮🇳 (@kashikirai) July 28, 2025
मुख्यमंत्री जी पूरी मंत्रिपरिषद के साथ प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में लगे हैं, लेकिन ज़मीन पर भक्त अपमानित हो रहे हैं।
VVIP के लिए फूल,
और श्रद्धालुओं के लिए धूल?
यह सरकार आस्था की… pic.twitter.com/3HlmF3QCv3
वहीं, स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विहिप और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता रातभर जंसा थाने के बाहर जमा रहे। कुछ स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश बताया। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई थानों की फोर्स तैनात की और लोगों को शांत रहने की अपील की।
काशी, जिसे हिंदू धर्म में मोक्ष की नगरी कहा जाता है, वहां ऐसी घटनाएं धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, हर साल सावन में लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस तरह की घटनाएं न केवल स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ाती हैं, बल्कि पूरे देश में धार्मिक सद्भाव पर सवाल उठाती हैं।

यह घटना काशी जैसे पवित्र शहर में सामाजिक और धार्मिक तनाव को उजागर करती है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की, लेकिन यह घटना समाज में गहरे बैठे तनावों को दर्शाती है। कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करने के लिए सभी समुदायों को मिलकर काम करने की जरूरत है। प्रशासन को भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।