DCP चंद्रकांत मीणा पर गिरी गाज: वाराणसी गैंगरेप कांड में प्रशासनिक कार्रवाई तेज
प्रमुख बिंदु-
वाराणसी, 15 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 29 मार्च 2025 को एक 19 वर्षीय छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद DCP वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा को सोमवार देर रात उनके पद से हटा दिया गया। इस जघन्य अपराध के 17वें दिन हुई इस पहली बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई में उन्हें लखनऊ स्थित डीजीपी मुख्यालय से अटैच किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, मीणा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शुरुआती दिनों में कोई सख्त कदम नहीं उठाया और न ही लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारी या दरोगा के खिलाफ कोई रिपोर्ट दी। इस लापरवाही से उच्चाधिकारियों में भारी नाराजगी थी, और यह कार्रवाई उसी का परिणाम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में तीन से चार अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
प्रधानमंत्री की सख्ती के बाद बड़ा एक्शन
11 अप्रैल को अपने 50वें वाराणसी दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबतपुर एयरपोर्ट पर उतरते ही पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, और जिलाधिकारी एस. राजलिंगम से इस मामले की पूरी जानकारी ली। पीएम ने साफ निर्देश दिए कि सभी दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। पीएम की इस सख्ती के चार दिन बाद ही DCP चंद्रकांत मीणा को हटाने का फैसला लिया गया, जिससे पुलिस महकमे में हलचल मच गई है।

कौन हैं चंद्रकांत मीणा?
2018 बैच के IPS चंद्रकांत मीणा राजस्थान के अलवर के निवासी हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले मीणा 2022 में वाराणसी में तैनात हुए थे। 2023 में उन्हें ADCP काशी जोन और फिर DCP क्राइम की जिम्मेदारी दी गई। बाद में उन्हें DCP वरुणा जोन बनाया गया। उन्हें 2023 में डीजी सिल्वर मेडल से सम्मानित भी किया गया था।

क्या है पूरा मामला?
29 मार्च को वाराणसी के खजूरी इलाके की एक 19 वर्षीय छात्रा अपनी सहेली के घर से लौट रही थी। रास्ते में उसकी मुलाकात राज विश्वकर्मा नाम के एक परिचित से हुई, जो उसे लंका स्थित एक कैफे में ले गया। आरोप है कि वहां उसने छात्रा को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद अगले छह दिनों तक 23 युवकों ने बारी-बारी से अलग-अलग होटलों, कैफे, और अन्य स्थानों पर उसे कैद रखकर सामूहिक दुष्कर्म किया। 4 अप्रैल को पीड़िता बदहवास हालत में अपने घर पहुंची, जहां वह दो दिन तक बेहोशी की हालत में रही। 6 अप्रैल को उसकी मां ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में 11 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पुलिस ने अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अनमोल गुप्ता, राज विश्वकर्मा, आयुष धूसिया, और साजिद शामिल हैं। शेष 10 फरार आरोपियों की शिनाख्त हो चुकी है, और उनकी तलाश में छापेमारी जारी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
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पीड़िता की हालत गंभीर
मेडिकल जांच में पता चला कि पीड़िता हेपेटाइटिस-बी से संक्रमित है और उसकी हालत गंभीर है। 11 अप्रैल को उसे पंडित दीनदयाल राजकीय जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उसकी मेडिकल हिस्ट्री बीएचयू ट्रॉमा सेंटर और आईएमएस-बीएचयू को भेजी गई है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह पर उसका इलाज चल रहा है। पीड़िता की मां ने बताया कि वह गहरे मानसिक सदमे में है और परिवार के पुरुष सदस्यों को देखकर डरने लगती है। डॉक्टरों ने उसे तेल, मसाले, और मिर्च से परहेज करने की सलाह दी है।
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आरोपियों में डर, जांच तेज
गिरफ्तार 13 आरोपियों के ब्लड, सीमेन, और बालों के सैंपल डीएनए जांच के लिए भेजे गए हैं। मेडिकल टीम ने बताया कि अगर कोई लक्षण दिखाई देता है, तो दोबारा टेस्ट कराए जा सकते हैं। जेल में आरोपियों के बीच डर का माहौल है, और वे एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं। जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी अनमोल गुप्ता ने अपने कैफे ‘कॉन्टिनेंटल’ की आड़ में नशे और सेक्स रैकेट का जाल बिछाया था। पुलिस ने इस कैफे सहित अन्य संदिग्ध स्थानों की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच तेजी से चल रही है, और फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इस घटना ने वाराणसी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, और पीएम मोदी के निर्देशों के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। समाज में भी इस घटना को लेकर गुस्सा है, और लोग कठोर सजा की मांग कर रहे हैं।
(सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी गई है ताकि उसकी निजता सुरक्षित रहे।)
नोट: यह खबर अभी तक की उपलब्ध घटनाक्रम पर आधारित है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, नए तथ्य सामने आ सकते हैं।