वाराणसी में Ganga का कहर! जलस्तर फिर तेजी से बढ़ा, पहुंचा खतरे के निशान के बेहद करीब

Ganga River Floods in Varanasi

सिटी डेस्क/ वाराणसी: गंगा नदी (Ganga) का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते वाराणसी में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) की राजघाट गेज साइट पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर 2 बजे Ganga का जलस्तर 70.20 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी बिंदु (70.262 मीटर) से मात्र 6 सेंटीमीटर नीचे है।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

जलस्तर प्रति घंटा 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है और विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि यह गति जारी रही, तो जलस्तर जल्द ही खतरे का निशान (71.262 मीटर) को पार कर सकता है। साल 1978 में गंगा का उच्चतम बाढ़ स्तर (HFL) 73.901 मीटर दर्ज किया गया था और मौजूदा स्थिति उस रिकॉर्ड के करीब पहुंचने की आशंका पैदा कर रही है। जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर बाढ़ से निपटने की व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Ganga River Floods in Varanasi

गंगा-वरुणा का उफान

पिछले दो दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। एक सप्ताह पहले भी जलस्तर में तेजी देखी गई थी, लेकिन बाद में यह स्थिर होकर थोड़ा कम हुआ, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली थी। हालांकि, अब दोबारा जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी ने चिंता बढ़ा दी है। शुक्रवार को जलस्तर 70.20 मीटर तक पहुंच गया और यह चेतावनी बिंदु के बेहद करीब है।

Ganga के इस उफान का असर वरुणा नदी पर भी पड़ रहा है, जहां पलट प्रवाह (बैकफ्लो) के कारण जलस्तर बढ़ गया है। इससे वाराणसी के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। दशाश्वमेध, मानिकर्णिका और अस्सी जैसे प्रमुख घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं और तटवर्ती क्षेत्रों में पानी प्रवेश कर रहा है।

Ganga River Floods in Varanasi

प्रभावित क्षेत्र और जनजीवन

Ganga के बढ़ते जलस्तर ने वाराणसी के निचले इलाकों, जैसे चंदन शहीद, सराय मोहाना, राजघाट भदऊ चुंगी, कोनिया, विजयीपुरा पाइपलाइन ब्रिज, कपिलधारा ब्रिज, खजूरी कोनिया, मंगरहा वीरबाबा मंदिर, मौर्या बस्ती, सरायया रेलवे ब्रिज और जलालीपुरा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी है। वरुणा नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में भी पानी फैल रहा है, जिससे सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। मानिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार अब छतों और संकरी गलियों में हो रहे हैं। दशाश्वमेध घाट पर Ganga आरती को ऊंचे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है और नावों से आरती देखने पर रोक लगा दी गई है। अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस मंच पानी में डूब गया है और मां शीतला मंदिर सहित कई मंदिर जलमग्न हैं।

Ganga River Floods in Varanasi

प्रशासन की तैयारियां

जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शिवहरी मीना ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया। चिरईगांव के प्राथमिक स्कूल में बाढ़ राहत शिविर स्थापित किया गया है, जहां प्रभावित परिवारों के लिए सामुदायिक रसोई, स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त टेंट, चिकित्सा सुविधाएं और बिजली की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने 46 राहत शिविर स्थापित किए हैं, और एनडीआरएफ, पीएसी और जल पुलिस की टीमें घाटों पर तैनात हैं। लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है, और नाव संचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।

Ganga River Floods in Varanasi

बाढ़ का खतरा और ऐतिहासिक संदर्भ

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, Ganga का जलस्तर पिछले 24 घंटों में 0.7 मीटर बढ़ा है, और यह प्रति घंटा 10 मिलीमीटर की दर से बढ़ रहा है। यदि यह गति बनी रही, तो जलस्तर जल्द ही खतरे का निशान पार कर सकता है। 1978 में Ganga का जलस्तर 73.901 मीटर तक पहुंचा था, जिसने वाराणसी में भारी तबाही मचाई थी। मौजूदा स्थिति उस स्तर की ओर बढ़ती दिख रही है, जिसके कारण स्थानीय निवासी और प्रशासन सशंकित हैं। वरुणा नदी में पलट प्रवाह ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, क्योंकि इससे नए क्षेत्रों में पानी फैल रहा है।

Ganga River Floods in Varanasi

राहत और बचाव कार्य

प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए राहत कार्य तेज कर दिए हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का उपयोग किया जा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारी, जैसे आमिन सुरेंद्र मिश्रा, स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सतर्कता बरती जाए और राहत कार्यों में कोई कोताही न हो।

वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों के बढ़ते जलस्तर ने बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। घाटों के जलमग्न होने और तटवर्ती क्षेत्रों में पानी फैलने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रशासन की तत्परता और राहत कार्यों से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन जलस्तर की तेज वृद्धि चिंता का विषय बनी हुई है। लोगों से अपील है कि वे प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

PM मोदी का वाराणसी दौरा: 2,200 करोड़ के 52 प्रोजेक्ट लॉन्च,– जानें क्या हैं वो 52 प्रोजेक्ट? UPI के नए नियम 1 अगस्त से लागू – जानें क्या बदला 2025 में लॉन्च होंगी ये शानदार बाइक्स 31 जुलाई 2025: आज का राशिफल! 30 जुलाई 2025: आज का राशिफल! – Daily Horoscope लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले राहुल गांधी – Key Highlights