Diwali 2025: दीपावली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे काशी की गलियां और बाजार रौनक से भरते जा रहे हैं। इस बार शहर और देहात में कुल 32 स्थानों पर 461 अस्थायी पटाखा दुकानों को मंजूरी मिल चुकी है। धनतेरस से दीपावली तक तीन दिनों के लिए जारी होने वाले लाइसेंस के साथ दुकानदार अपनी तैयारी में जुट गए हैं। लेकिन सुरक्षा और अवैध कारोबार की चुनौतियां भी कम नहीं हैं। प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं ताकि त्योहार की खुशियां बिना किसी हादसे के मनाई जा सकें। पिछले साल करीब 80 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, और इस बार भी उम्मीद है कि बाजार में धूम रहेगी।
अनुमतियां और आवेदन की प्रक्रिया
इस दीपावली पर पटाखों की बिक्री के लिए कुल 535 से अधिक आवेदन आए थे, लेकिन 461 दुकानों को ही अस्थायी अनुमति दी गई है। बाकी 70 से ज्यादा आवेदनों पर अभी जांच चल रही है, क्योंकि इनमें रिपोर्ट अधूरी हैं या मानकों में कमी पाई गई है। जिला प्रशासन, पुलिस और अग्निशमन विभाग ने मिलकर इन स्थानों का निरीक्षण किया।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ही मंजूरी दी गई है। दुकानदारों को आज से ही अपनी दुकानें सजाने की छूट मिल गई है। तीन दिन पहले जोनल डीसीपी कार्यालयों से लाइसेंस जारी होंगे। यदि कोई नियम तोड़ेगा, तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया से सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल वैध और सुरक्षित दुकानें ही चलें।

सुरक्षा उपायों पर विशेष फोकस
पटाखा बाजारों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। 12 प्रमुख स्थानों जैसे गोदौलिया, दशाश्वमेध, भेलूपुर, लंका, शिवपुर, सिगरा, चौक, रामनगर, भिखारीपुर, मच्छोदरी पार्क, नाटी इमली और भरत मिलाप मैदान पर फायर ब्रिगेड की टीमें 24 घंटे तैनात रहेंगी। प्रत्येक गाड़ी में आधुनिक उपकरण, पानी के टैंक और अग्निशामक यंत्र होंगे।
अधिकारी और कर्मचारी शिफ्ट में ड्यूटी देंगे ताकि रिस्पांस टाइम न्यूनतम रहे। हर दुकान पर फायर एक्सटिंग्विशर, दो बोरी बालू, 50 लीटर पानी का ड्रम अनिवार्य है। दुकानों के बीच दो फीट की दूरी रखनी होगी, और खुले बिजली के तारों से बचाव के लिए लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ाई गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

प्रमुख स्थानों पर दुकान
वाराणसी में पटाखा बाजार विभिन्न इलाकों में फैले हुए हैं, ताकि लोग आसानी से खरीदारी कर सकें। सबसे ज्यादा 50 दुकानें बेनिया बाग पार्क में लगेंगी। इसके बाद बृज इन्क्लेव में 22, स्वयंवर वाटिका लंका में 21, कबीर नगर पार्क में 21, आवास विकास कॉलोनी लालपुर में 20, मंडुवाडीह में 23 और कटिंग मेमोरियल मैदान में 22 दुकानें होंगी। अन्य स्थानों में लालपुर के मुड़कट्टा बाबा मैदान, शिवपुर का मिनी स्टेडियम, चौबेपुर का रामलीला मैदान, आदमपुर का मच्छोदरी पार्क, चेतगंज का क्वींस कॉलेज मैदान, सारनाथ का आशापुर प्राइमरी स्कूल मैदान, सिगरा का पाणिग्रहण लॉन, चितईपुर का अखरी बाईपास, भेलूपुर का चेतसिंह किला शामिल हैं।
देहात क्षेत्रों में रोहनिया रामलीला मैदान, राजातालाब का राजा साहब बगीचा, रामनगर का शहनाई पैलेस, फुलपुर के खुले मैदान, बड़ागांव के बसनी मैदान, चोलापुर का दुर्गा मंदिर मैदान और चेतगंज का सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय जैसे 32 जगहों का चयन किया गया है। इनसे बाजार में विविधता आएगी और भीड़ कम होगी।

अवैध पटाखों के खिलाफ सख्त अभियान
त्योहार की चमक के बीच अवैध पटाखों का कारोबार एक बड़ी चुनौती है। हाल ही में पुलिस ने दालमंडी इलाके में छापेमारी कर दो दर्जन से अधिक गोदामों से अवैध पटाखों का जखीरा बरामद किया। एक व्यक्ति शेख मोहम्मद आसिफ के घर से बड़ी मात्रा में पटाखे जब्त किए गए। सरकार के निर्देश पर पूरे जिले में अवैध भंडारण और बिक्री के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यालय से निर्देश हैं कि केवल हरे पटाखे ही बिकें, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। पिछले कुछ दिनों में कई जगहों पर छापे मारे गए, और अवैध व्यापारियों पर कार्रवाई की गई। प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण दोनों को ध्यान में रखते हुए त्योहार मनाया जाए।आम जनमानस से अपील है कि वैध दुकानों से ही खरीदारी करें, ताकि कोई हादसा न हो।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
