प्रमुख बिंदु-
Varanasi News: वाराणसी के पक्की बाजार से कचहरी चौराहे तक रविवार, 10 अगस्त 2025 को प्रशासन का बुलडोजर गरजा। पुलिस लाइन से कचहरी रोड तक सड़क चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने का बड़ा अभियान चलाया गया। इस दौरान जेसीबी ने मजार की दीवार, दर्जनों दुकानों और मकानों को ढहा दिया। करीब 300 मीटर के इस क्षेत्र में 500 से अधिक पुलिसकर्मी और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान तैनात रहे। यह कार्रवाई सुबह 11:30 बजे शुरू हुई और लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली। प्रशासन का कहना है कि यह अभियान यातायात व्यवस्था को सुधारने और सड़क चौड़ीकरण परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए जरूरी था।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
रविवार सुबह वाराणसी के पुलिस लाइन से कचहरी चौराहे तक अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ। सबसे पहले जेसीबी ने कचनार शहीद मजार की दीवार को तोड़ा, जिसके बाद दायम खान मस्जिद के पास बनी 6 से अधिक अतिक्रमण वाली दुकानों को ध्वस्त किया गया। इसके अलावा, पक्की बाजार और गोलघर कचहरी चौराहे के बीच करीब 35 मकान और दुकानें इस अभियान की जद में आईं। कई दुकानों में सामान भी मौजूद था, जिसे हटाने का समय नहीं मिला।
लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यकारी अभियंता केके सिंह ने बताया कि इस 300 मीटर लंबी सड़क को 60 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। प्रशासन ने पहले ही स्थानीय लोगों को नोटिस जारी कर सूचित कर दिया था। कार्रवाई के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई और एक लेन बंद होने से करीब 1 किलोमीटर लंबा जाम भी लग गया।

सड़क चौड़ीकरण का मकसद
पुलिस लाइन से कचहरी चौराहे तक की सड़क वाराणसी में यातायात के लिए बेहद अहम है। इस रास्ते से न केवल आम लोग, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य वीआईपी का काफिला भी गुजरता है। वाराणसी में अधिकतर वीआईपी हेलिकॉप्टर से पुलिस लाइन पहुंचते हैं और वहां से सर्किट हाउस तक सड़क मार्ग से जाते हैं। इस सड़क की कम चौड़ाई के कारण यातायात में बाधा उत्पन्न होती थी।
कचहरी चौराहे से पांडेयपुर और सारनाथ जाने वाले वाहनों का भी यही मुख्य रास्ता है। इसलिए, इस 300 मीटर के हिस्से को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया। PWD ने पहले ही नापी पूरी कर ली थी और 71 प्रभावित लोगों को 3 करोड़ 52 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया जा चुका है।

क्या रही लोगों की प्रतिक्रिया
यह क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य माना जाता है, और मजार व मस्जिद के पास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई ने स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा की। कई दुकानदारों का कहना था कि उन्हें सामान हटाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। कुछ लोगों ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप भी लगाया। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सभी प्रभावित लोगों को पहले नोटिस दी गई थी और मुआवजा भी दिया जा चुका है। साथ ही, बचे हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए 3-4 दिन की मोहलत दी गई है। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल और दंगा नियंत्रण वाहन की तैनाती से इलाके में तनाव का माहौल रहा, लेकिन कोई बड़ा विरोध नहीं हुआ।

लोगों को मिलेगी जाम से राहत
लोक निर्माण विभाग का कहना है कि यह अभियान शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु करने और सड़क चौड़ीकरण परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए जरूरी है। इस प्रोजेक्ट के तहत सड़क को 60 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा, जिससे न केवल वीआईपी मूवमेंट आसान होगा, बल्कि आम लोगों को भी जाम से राहत मिलेगी। प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई पूरी तरह पारदर्शी और नियमानुसार की गई है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि मुआवजे की राशि और पुनर्वास की व्यवस्था पर और ध्यान देने की जरूरत है। इस अभियान के बाद वाराणसी के अन्य क्षेत्रों में भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज होने की संभावना है।

वाराणसी में सड़क चौड़ीकरण के लिए चलाया गया यह बुलडोजर अभियान यातायात सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन इसने स्थानीय लोगों के बीच कई सवाल भी खड़े किए हैं। प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई शहर के विकास के लिए जरूरी थी, लेकिन प्रभावित दुकानदारों और मकान मालिकों की चिंताओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आने वाले दिनों में इस अभियान का असर वाराणसी की यातायात व्यवस्था और स्थानीय लोगों के जीवन पर स्पष्ट होगा।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।