Vaishno Devi Landslide: वैष्णो देवी में लैंडस्लाइड में जान गवाने वालों का आकड़ा हुआ 32, अभी भी कई लापता!

Vaishno Devi Landslide: जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी धाम के पुराने ट्रैक पर मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को दोपहर 3 बजे हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस हादसे में मरने वालों की संख्या बुधवार, 27 अगस्त 2025 तक बढ़कर 32 हो गई है। अर्धकुमारी मंदिर के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के निकट हुए इस लैंडस्लाइड ने श्रद्धालुओं के बीच दहशत फैला दी। चश्मदीदों का कहना है कि अचानक बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिरने से सबकुछ तहस-नहस हो गया। भारी बारिश के कारण वैष्णो देवी यात्रा को स्थगित कर दिया गया है और राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।

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हादसे का भयावह मंजर

मंगलवार दोपहर को वैष्णो देवी के 12 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग पर अर्धकुमारी के पास भूस्खलन हुआ। इस दौरान बड़े-बड़े पत्थर, पेड़ और मलबा पहाड़ी से नीचे गिरा, जिसने कई श्रद्धालुओं को अपनी चपेट में ले लिया। एक चश्मदीद, पंजाब के मोहाली की किरण ने बताया, “मैं दर्शन के बाद नीचे आ रही थी, तभी लोग चिल्लाने लगे। मैंने देखा कि बड़े-बड़े पत्थर तेजी से गिर रहे थे। मैं किसी तरह सुरक्षित जगह पर पहुंची, लेकिन घायल हो गई।”

एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “हमारा पांच लोगों का ग्रुप था, जिसमें से तीन घायल हैं। सबकुछ इतनी जल्दी हुआ कि समझ ही नहीं आया।” हादसे में 23 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और कई लोग अभी भी लापता हैं। रियासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि मलबे में कई लोग फंसे हो सकते हैं।

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राहत और बचाव कार्य

हादसे के तुरंत बाद प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और सीआरपीएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गईं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया। घायलों को कटरा के नारायण अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। सेना ने इलाके को तीन हिस्सों, अर्धकुमारी, कटरा-ठक्कड़ कोट रोड और जौरियन में बांटकर बचाव कार्य शुरू किया। जम्मू जिले में अब तक 3500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें से ज्यादातर को जम्मू के यूथ हॉस्टल में रखा गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

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बारिश और बाढ़ का कहर

जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है। मंगलवार को जम्मू शहर में 6 घंटे में 22 सेमी बारिश दर्ज की गई, जो अब तक की सबसे ज्यादा है। कुल 250 मिमी से अधिक बारिश ने कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। झेलम नदी का जलस्तर 22 फीट पार करने के कारण दक्षिण कश्मीर में बाढ़ अलर्ट जारी किया गया है।

तवी और चिनाब नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब है। कठुआ में रवि नदी के उफान के कारण रणजीत सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए, जिससे आसपास के इलाकों में पानी घुस गया। अनंतनाग में लिद्दर नदी और पहलगाम में शेषनाग नाले का जलस्तर भी बढ़ गया है।

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रेल और सड़क यातायात पर असर

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू-कटरा मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप है। नॉर्दर्न रेलवे ने 22 ट्रेनें रद्द कर दीं और 27 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। हालांकि, कटरा-श्रीनगर के बीच रेल सेवा जारी है। कठुआ में सहार खड़ नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त होने से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर यातायात बाधित है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों के पास न जाने की अपील की है।

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प्रशासन अलर्ट

जम्मू-कश्मीर में हालात को देखते हुए प्रशासन ने धारा 163 लागू कर रात में आवाजाही पर रोक लगा दी है। सभी स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक भारी बारिश और बादल फटने की चेतावनी दी है। अनंतनाग, किश्तवाड़, डोडा, कठुआ, रामबन, उधमपुर, रियासी, राजौरी, जम्मू और सांबा में रेड अलर्ट जारी है। डीसी कठुआ राजेश शर्मा ने लोगों से सतर्क रहने और जलाशयों के पास न जाने की अपील की है।

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