Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में बादल फटने से मची तबाही, खीर गंगा में बाढ़, कई लोग लापता! सामने आया भयावह वीडियो

Uttarkashi Cloudburst

Uttarkashi Cloudburst: 5 अगस्त 2025 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के खीर गंगा क्षेत्र में एक भीषण बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा ने धराली गांव और आसपास के इलाकों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन का कहर बरपाया, जिसके चलते कई घर, होटल और दुकानें बह गईं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें मौके पर तैनात हैं। यह घटना उत्तराखंड में मानसून के दौरान बार-बार होने वाली प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को दर्शाती है।

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घटना का विवरण

मंगलवार की सुबह, उत्तरकाशी के हर्षिल के पास धराली गांव में बादल फटने से खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह बादल फटना खीर गंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में पानी और मलबा तेजी से नीचे की ओर बहा। इस बाढ़ ने धराली बाजार क्षेत्र को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया, जहां कई घर, 20-25 होटल और होमस्टे बह गए। बाढ़ का पानी इतना तेज था कि कुछ ही सेकंड में पूरा गांव जलमग्न हो गया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर भागने का मौका तक नहीं मिला। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में भयावह दृश्य दिखाई दे रहा है।

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राहत और बचाव कार्य

जैसे ही घटना की सूचना मिली, उत्तराखंड पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और भारतीय सेना की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने बताया कि राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए गए हैं, लेकिन खराब कनेक्टिविटी और अवरुद्ध सड़कों ने बचाव कार्यों में बाधा डाली है। भारतीय सेना की इबेक्स ब्रिगेड और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की 16 सदस्यीय टीम भी बचाव अभियान में शामिल हो चुकी है।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर स्थिति का जायजा लिया और केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “धराली में बादल फटने से हुए भारी नुकसान की खबर अत्यंत दुखद है। मैं स्थिति पर लगातार नजर रख रहा हूं और सभी टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।” स्थानीय प्रशासन ने लोगों से नदियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है।

क्षेत्र में बार-बार आपदाएं

उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। यह पहाड़ी राज्य अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए अतिसंवेदनशील है। मौसम विभाग ने 10 अगस्त तक उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बादल फटने की घटना तब होती है जब गर्म हवाएं बारिश की बूंदों को बादलों में रोके रखती हैं और अचानक भारी मात्रा में पानी एक साथ नीचे गिरता है। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बन जाती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियोजित निर्माण कार्य इन आपदाओं की तीव्रता को बढ़ा रहे हैं। धराली, जो गंगोत्री धाम के रास्ते में एक प्रमुख पड़ाव है, पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है, जिसके कारण इस क्षेत्र में होटल और होमस्टे की संख्या बढ़ी है। लेकिन इस आपदा ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गहरा झटका दिया है।

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राहत और बचाव कार्यों के साथ-साथ, प्रशासन के सामने कई चुनौतियां हैं। अवरुद्ध सड़कें और खराब संचार नेटवर्क बचाव कार्यों को जटिल बना रहे हैं। इसके अलावा, मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए विशेष उपकरणों की जरूरत है, जो एसडीआरएफ मुख्यालय से भेजे जा रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, अगले कुछ दिनों में और बारिश होने की संभावना है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। स्थानीय लोग और पर्यटक ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं, लेकिन बारिश के कारण ठंड और अन्य समस्याएं बढ़ रही हैं। प्रशासन ने हर्षिल और झाला में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां प्रभावित लोगों को आश्रय और भोजन प्रदान किया जा रहा है।

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