यूपी में 1.93 लाख शिक्षक भर्ती का ऐलान वायरल, ट्वीट डिलीट होने से भड़के युवा
प्रमुख बिंदु-
लखनऊ (UP), 21 मई 2025: उत्तर प्रदेश सरकार की प्रस्तावित 1.93 लाख शिक्षक भर्ती को लेकर बुधवार सुबह अचानक तब हलचल मच गई जब प्रदेश सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से इस भर्ती को लेकर एक ट्वीट किया गया और फिर कुछ ही देर में उसे डिलीट कर दिया गया।
यह ट्वीट सुबह 9:00 बजे किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि राज्य में तीन चरणों में कुल 1,93,000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। हर चरण में करीब 65,000 शिक्षक पद भरने की योजना है और मार्च 2026 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ट्वीट में यह भी कहा गया था कि यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त है और इसे सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र और राज्य सरकार दोनों की सहभागिता में चलाया जाएगा। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि यह ट्वीट कुछ ही देर बाद डिलीट कर दिया गया। इसके बाद से सोशल मीडिया पर सरकार की नियत और मंशा* पर सवाल उठने लगे हैं।

सोशल मीडिया पर मचा बवाल
ट्वीट डिलीट होते ही #UPShikshakBharti , #1.93LakhTeachers, और #UPGovt जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। युवाओं में ग़ुस्सा और असमंजस साफ़ देखा गया। कई यूजर्स ने ट्वीट को रीट्वीट करते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
एक यूजर ने लिखा, @UPGovt कृपया स्पष्ट करें कि ट्वीट डिलीट क्यों किया गया? युवाओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।”
वहीं एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “सरकार युवाओं के भविष्य से खेल रही है। पहले उम्मीद जगाओ और फिर ट्वीट डिलीट कर दो।”

शिक्षा विभाग ने भी किया खंडन
शिक्षा विभाग के कुछ सूत्रों ने दावा किया है कि कोई आधिकारिक आदेश या विज्ञापन अभी जारी नहीं हुआ है। कुछ लोगों का मानना है कि यह ट्वीट पूर्व-निर्धारित ड्राफ्ट पोस्ट हो सकता है जो गलती से सार्वजनिक हो गया हो। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
2018 के बाद कोई बड़ी भर्ती नहीं
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के लिए यह ट्वीट उम्मीद की किरण जैसा था। लेकिन इसके डिलीट होने से उनके मन में निराशा और अविश्वास की भावना गहराई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में अंतिम बड़ी शिक्षक भर्ती 2018 में हुई थी, जब 69,000 प्राथमिक शिक्षकों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। उसके बाद से अब तक कोई बड़ी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
ट्वीट में क्या था?
सुबह 9:00 बजे किए गए ट्वीट में दावा किया गया था कि योगी आदित्यनाथ सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मार्च 2026 तक तीन चरणों में 1,93,000 शिक्षकों की भर्ती करेगी। प्रत्येक चरण में लगभग 65,000 पद भरे जाने थे। ट्वीट में यह भी कहा गया था कि यह प्रक्रिया सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की मंजूरी के साथ होगी। साथ ही, प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) की हालिया बैठक में इस योजना को हरी झंडी मिलने की बात कही गई थी। हालांकि, कुछ ही घंटों में ट्वीट डिलीट होने से सवाल उठने लगे कि क्या यह घोषणा गलती से की गई थी या जानबूझकर युवाओं की भावनाओं से खेला गया?

शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं का कहना है कि सरकार बार-बार उनके धैर्य की परीक्षा ले रही है। एक अभ्यर्थी ने कहा, “हम सालों से टेट और सुपर टेट की तैयारी कर रहे हैं। सरकार पहले भर्ती की घोषणा करती है, फिर चुप्पी साध लेती है।” युवा अब मांग कर रहे हैं कि सरकार स्पष्ट करे कि क्या वाकई भर्ती होगी या यह केवल अफवाह थी।
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था और सरकारी भर्तियों की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यदि भर्ती की योजना है, तो इसका आधिकारिक विज्ञापन जारी होना चाहिए। अन्यथा, यह युवाओं के विश्वास को और कमजोर करेगा।