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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (UP) में बिजली कटौती की बढ़ती शिकायतों ने योगी सरकार को एक्शन मोड में ला दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को अपने सरकारी आवास पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में बिजली कटौती की शिकायतों की गहन समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में बिजली आपूर्ति को सुचारू करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
बिजली कटौती की शिकायतों ने बढ़ाई सरकार की चिंता
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से बिजली कटौती की समस्या गंभीर होती जा रही है। शहरों से लेकर गांवों तक, लोग अघोषित बिजली कटौती से परेशान हैं। गर्मी और उमस के इस मौसम में बिजली की अनियमित आपूर्ति ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में ही 12-16 घंटे बिजली गायब रहती है, हर 30 मिनट में कटौती हो रही है।” इसके अलावा, बिल भुगतान और ओवरबिलिंग की शिकायतें भी सामने आ रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास बिजली विभाग पर कम होता जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया है। सूत्रों के अनुसार, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हाल ही में विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई थी, जिसके बाद सीएम ने यह बैठक बुलाने का फैसला किया। इस बैठक में बिजली कटौती के कारणों, अधिकारियों की जवाबदेही और समाधान के लिए रणनीति पर चर्चा होगी।

ऊर्जा विभाग पर सख्ती की तैयारी
सीएम योगी ने पहले भी कई बार बिजली कटौती को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। 2024 में उन्होंने कहा था कि गांव हो या शहर, अनावश्यक बिजली कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बावजूद, शिकायतें कम नहीं हुईं। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली उत्पादन में कमी, पुराने ट्रांसफार्मर और जर्जर तारों की वजह से यह समस्या बनी हुई है। बैठक में अधिकारियों से बिजली आपूर्ति के रोस्टर का पालन करने, ट्रांसफार्मर की मरम्मत में तेजी लाने और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हाल ही में मध्यांचल क्षेत्र के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। हालांकि, इस आदेश का पालन कई क्षेत्रों में नहीं हो पा रहा है, जिससे सरकार की छवि पर भी असर पड़ रहा है।

उपभोक्ताओं को राहत देने की योजना
सीएम योगी की इस बैठक से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने पहले ही बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, हाल ही में योगी सरकार ने आदेश दिया था कि उपभोक्ताओं को बार-बार बिजली विभाग के दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। इसके अलावा, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर पैनल पर सब्सिडी बढ़ाने का प्रस्ताव भी हाल की कैबिनेट बैठक में पास हुआ है, जिससे बिजली की मांग को कम करने में मदद मिल सकती है।
बैठक में बिजली कटौती की शिकायतों को तुरंत दूर करने, आपातकालीन सुधार कार्यों को तेज करने और बिजली विभाग की हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि त्योहारों और विशेष अवसरों पर बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो, जैसा कि पिछले साल दीपावली के दौरान 24 घंटे बिजली देने का आदेश दिया गया था।

उत्तर प्रदेश की जनता को उम्मीद है कि इस बैठक के बाद बिजली कटौती की समस्या पर स्थायी समाधान निकलेगा। विपक्षी दलों, जैसे समाजवादी पार्टी, ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने दावा किया है कि योगी सरकार 24 घंटे बिजली देने के वादे में नाकाम रही है। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि वह बिजली आपूर्ति को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है।


राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।