प्रमुख बिंदु-
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में एक बार फिर मेटा (Meta) और उत्तर प्रदेश पुलिस की सतर्कता ने एक 20 वर्षीय छात्रा की जान बचा ली। इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से संबंधित पोस्ट के बाद मेटा के अलर्ट सिस्टम ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, और मात्र 16 मिनट में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्रा को बचा लिया। यह घटना मेटा और यूपी पुलिस के बीच चल रही साझेदारी का एक और उदाहरण है, जिसके तहत अब तक सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Meta के अलर्ट पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई
31 अगस्त 2025 को बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली एक 20 वर्षीय बी.ए. थर्ड ईयर की छात्रा ने इंस्टाग्राम पर सल्फास की गोलियों का पैकेट दिखाते हुए आत्महत्या से संबंधित एक टेक्स्ट पोस्ट किया। इस पोस्ट को मेटा के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सेफ्टी सिस्टम ने तुरंत डिटेक्ट किया। दोपहर 12:45 बजे मेटा ने उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर को ई-मेल के जरिए अलर्ट भेजा। पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कृष्णा ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सोशल मीडिया सेंटर ने छात्रा के मोबाइल नंबर के आधार पर उसकी लोकेशन का पता लगाया और बरेली पुलिस को सूचित किया।

16 मिनट में पहुंची पुलिस, बचाई जान
बरेली के सीबीगंज थाने की पुलिस ने बिना समय गंवाए कार्रवाई शुरू की। थाना प्रभारी, एक महिला उपनिरीक्षक और पुलिसकर्मियों की टीम मात्र 16 मिनट में छात्रा के घर पहुंच गई। वहां पहुंचने पर पुलिस ने देखा कि छात्रा उल्टियां कर रही थी और बेचैनी की स्थिति में थी। पुलिस ने परिजनों के साथ मिलकर तुरंत प्राथमिक उपचार किया, जिससे छात्रा की हालत स्थिर हुई। इस त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। पुलिस की इस सक्रियता की छात्रा के परिवार और स्थानीय लोगों ने जमकर सराहना की।
आत्महत्या का कारण
छात्रा ने पुलिस को बताया कि उसकी एक लड़के से इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती हुई थी, जो बाद में प्रेम में बदल गई। लेकिन हाल ही में दोनों के बीच झगड़ा हो गया था और लड़के ने उससे बात करना बंद कर दिया। उसने छात्रा का मोबाइल नंबर भी ब्लॉक कर दिया, जिससे वह गहरे अवसाद में चली गई। छात्रा के पिता ने गेहूं के खेत के लिए लाई गई सल्फास की गोलियां घर में रखी थीं, जिन्हें छात्रा ने आत्महत्या के इरादे से इस्तेमाल किया। इस घटना ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग और युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य की गंभीरता को उजागर किया है।
Meta और यूपी पुलिस की साझेदारी
उत्तर प्रदेश पुलिस और मेटा के बीच 2022 से एक विशेष व्यवस्था चल रही है। इसके तहत, अगर कोई व्यक्ति फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से संबंधित पोस्ट करता है, तो मेटा का AI सिस्टम उसे ‘हाई रिस्क’ के रूप में चिह्नित करता है और तुरंत यूपी पुलिस को ई-मेल या फोन के जरिए अलर्ट भेजता है। 1 जनवरी 2023 से 25 अगस्त 2025 तक इस व्यवस्था के तहत यूपी पुलिस ने 1315 लोगों की जान बचाई है। मेटा का सिस्टम कीवर्ड्स, इमेज रिकग्निशन और पैटर्न एनालिसिस के जरिए खतरनाक पोस्ट को पहचानता है, जिससे समय पर कार्रवाई संभव हो पाती है।

पुलिस ने की काउंसलिंग
छात्रा को बचाने के बाद पुलिस ने उसकी काउंसलिंग की और उसे भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने के लिए समझाया। छात्रा ने आश्वासन दिया कि वह दोबारा ऐसा कदम नहीं उठाएगी। पुलिस ने परिजनों को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी। यूपी पुलिस ने इस घटना के बाद अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मेटा के साथ मिलकर काम करती रहेगी। बरेली पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक जान बचाई, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया कि समय पर हस्तक्षेप से अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।