प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 12 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) 2026 की तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत 18 जुलाई 2025 से मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू होगा। यह प्रक्रिया 15 जनवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ पूरी होगी। मार्च-अप्रैल 2026 में होने वाले इन चुनावों को 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
18 जुलाई से शुरू होगा मतदाता सूची पुनरीक्षण
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारियों को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए व्यापक योजना तैयार की है। 18 जुलाई 2025 से मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य शुरू होगा। इस दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) 14 अगस्त से घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य अर्ह मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करना और पुरानी सूची से मृतकों या अयोग्य व्यक्तियों के नाम हटाना होगा।
1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा भी वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए आयोग की वेबसाइट https://sec.up.nic.in/OnlineVoters/ पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध होगी। BLO आवेदकों के दस्तावेजों की जांच कर सूची में नाम जोड़ेंगे। पुनरीक्षण अभियान के दौरान छुट्टियों में भी दफ्तर खुले रहेंगे और समय-सीमा को किसी भी स्थिति में नहीं बढ़ाया जाएगा। दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया 6-12 दिसंबर 2025 तक चलेगी, जिसके बाद 13-19 दिसंबर तक उनका समाधान किया जाएगा।

57,695 ग्राम पंचायतों में होंगे चुनाव
पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य पूरा कर लिया है। नई अधिसूचना के अनुसार, प्रदेश में अब 57,695 ग्राम पंचायतें होंगी, जो पिछली बार की तुलना में 504 कम हैं। इस पुनर्गठन से ग्राम प्रधानों और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों की सीटों की संख्या में भी कमी आएगी। इसके लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित समितियों ने 5 जून 2025 तक प्रस्ताव तैयार किए थे।
पुनर्गठन प्रक्रिया में ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों का आंशिक पुनर्गठन किया गया। कुछ ग्राम पंचायतों को शहरी निकायों में शामिल किया गया, जिसके कारण उनकी वोटर लिस्ट हटाई जाएगी। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और ग्रामीण क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर की गई है।

सितंबर-अक्टूबर से शुरू होगी आरक्षण प्रक्रिया
पंचायत चुनावों में आरक्षण की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर 2025 से शुरू होगी। इस दौरान ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के लिए सीटों का आरक्षण तय किया जाएगा। आरक्षण 2011 की जनगणना और पुरानी नियमावली के आधार पर होगा। इसमें 27% सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), 20.69% अनुसूचित जाति (SC) और 0.56% अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित होंगी। साथ ही, प्रत्येक आरक्षित कोटे में 33% सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित रहेंगी।
इस बार पुनर्गठन के कारण कई पंचायतों में पिछली बार आरक्षित सीटें सामान्य हो सकती हैं, जबकि कुछ नई पंचायतों में पहली बार आरक्षण लागू होगा। यह बदलाव राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

दिसंबर 2025 तक तैयारियां पूरी करने का लक्ष्य
राज्य निर्वाचन आयोग ने 67 जिलों में मतपेटिकाओं की आपूर्ति के लिए ई-टेंडर जारी किए हैं। यह कदम चुनाव प्रक्रिया को सुचारु और समयबद्ध बनाने के लिए उठाया गया है। आयोग का लक्ष्य है कि सभी तैयारियां दिसंबर 2025 तक पूरी हो जाएं, ताकि मार्च-अप्रैल 2026 में मतदान बिना किसी रुकावट के संपन्न हो सके।
पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव 2027 का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी इसमें हिस्सा लेती है। राजनीतिक दल पहले से ही अपनी रणनीतियां तैयार करने में जुट गए हैं। ग्राम प्रधानों और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव में जो दल बाजी मारेगा, उसे विधानसभा चुनाव में बढ़त मिल सकती है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।