प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 31 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट को शुद्ध करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लिया है। खबर है कि AI की मदद से करीब सवा करोड़ डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान की गई है, जिन्हें वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन करें, ताकि मतदाता सूची में पारदर्शिता सुनिश्चित हो। यह कदम न केवल चुनावी प्रक्रिया को और निष्पक्ष बनाएगा, बल्कि ग्रामीण लोकतंत्र को भी मजबूती देगा।
AI से डुप्लीकेट वोटरों की पहचान
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार वोटर लिस्ट को शुद्ध करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से अलग-अलग ग्राम पंचायतों में डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान की गई है। AI ने मतदाता सूची में उन लोगों के नाम उजागर किए हैं, जिनके नाम एक से अधिक ग्राम पंचायतों में दर्ज थे। सूत्रों के अनुसार, करीब सवा करोड़ मतदाताओं के नाम डुप्लीकेट पाए गए हैं। यह तकनीक मतदाता सूची में मौजूद गड़बड़ियों को कम करने में अहम भूमिका निभा रही है। AI की यह प्रक्रिया तेज और सटीक है, जिससे समय और संसाधनों की बचत हो रही है।

BLO को भौतिक सत्यापन का जिम्मा
AI द्वारा डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान के बाद, राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन करें। इस प्रक्रिया में BLO यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदाता सूची में केवल वही लोग शामिल हों, जो वास्तव में उस ग्राम पंचायत में रहते हैं। जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक ग्राम पंचायतों में पाए गए हैं, उन्हें सूची से हटाने की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल डुप्लीकेट वोटिंग को रोकेगा, बल्कि मतदाता सूची की विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा।
पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियां
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च-अप्र söt4 में होने की संभावना है। इसके लिए पंचायती राज विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। 18 जुलाई, 2025 से ग्राम पंचायतों के परिसीमन और वोटर लिस्ट में सुधार का काम शुरू हो चुका है। 15 जनवरी, 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। इस दौरान, जिनकी आयु 1 जनवरी, 2026 तक 18 वर्ष हो जाएगी, वे मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। लोग पंचायत कार्यालयों या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं।

पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
राज्य निर्वाचन आयोग का यह कदम पंचायत चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाने से न केवल मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि केवल योग्य मतदाता ही वोट डाल सकें। इसके अलावा, आयोग ने राजनीतिक दलों और जनता से अपील की है कि वे मतदाता सूची के संशोधन में सहयोग करें। यह प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतंत्र को और मजबूत करने में मददगार साबित होगी।

राजनीतिक दलों के लिए सेमीफाइनल
पंचायत चुनाव 2026 को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। यह चुनाव राजनीतिक दलों के लिए अपनी जमीन मजबूत करने का बड़ा अवसर है। पंचायत चुनावों के जरिए दल अपनी संगठनात्मक ताकत को परखेंगे और जनता के बीच अपने मुद्दों को लेकर जाएंगे। स्वच्छ और निष्पक्ष मतदाता सूची इस प्रक्रिया को और विश्वसनीय बनाएगी। इसलिए, AI और भौतिक सत्यापन के जरिए वोटर लिस्ट को शुद्ध करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।