यूपी में मानसून का धमाकेदार कमबैक: 20 शहरों में बारिश, बनारस में 125 साल पुराना रिकॉर्ड टुटा, बंद हुए स्कूल

UP Monsoon

UP Monsoon Update: उत्तर प्रदेश में मानसून ने विदाई लेने से पहले आखिरी बार अपना रौद्र रूप दिखा दिया है। अक्टूबर की शुरुआत में ही 20 से ज्यादा जिलों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को ठहरा दिया। वाराणसी और चंदौली में सड़कें तालाब बन गईं, जबकि लखनऊ में रातभर बरसात ने ठंडक का एहसास कराया। मौसम विभाग ने 27 जिलों में अलर्ट जारी किया है, जिसमें 16 जिलों को भारी बारिश की चेतावनी दी गई।

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भारी बारिश का कहर: पूर्वांचल में जलप्रलय जैसी स्थिति

उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है। शुक्रवार को वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, भदोही और मिर्जापुर में सुबह से ही बादल फट पड़े। वाराणसी में नाटी इमली इलाके में इतनी तेज बरसात हुई कि मुख्य सड़कें पानी से लबालब हो गईं। स्थानीय निवासी रामेश्वर सिंह ने बताया, “घरों में पानी घुस आया, बाजार बंद हो गए। दशहरे की तैयारियां ठप हैं।” चंदौली में कई गलियां पूरी तरह डूब गईं, जिससे वाहनों का आवागमन रुक गया।

UP Monsoon Chaos Varanasi

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र ने इस बारिश को हवा दी है। IMD के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने कहा, “3 से 5 अक्टूबर तक पूर्वी यूपी में ऑरेंज अलर्ट रहेगा। सोनभद्र, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी में 10-15 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है।” इसी तरह, कुशीनगर, मऊ, बलिया और देवरिया में भी अच्छी बरसात दर्ज की गई। लखनऊ में रातभर चली रिमझिम ने सुबह तक जारी रहने का सिलसिला बनाए रखा, जिससे तापमान 30 डिग्री से नीचे आ गया। पश्चिमी यूपी के आगरा, कानपुर और झांसी में हल्की बूंदाबांदी ने उमस से राहत दी। कुल मिलाकर, 20 शहरों में बारिश ने मानसून की याद ताजा कर दी।

UP Monsoon Chaos Varanasi

बच्चों की सुरक्षा के लिए बंद हुए स्कूल

बारिश के असर से शिक्षा का क्षेत्र भी प्रभावित हुआ। जौनपुर और वाराणसी में 8वीं कक्षा तक के सभी स्कूल शनिवार को बंद कर दिए गए। जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर अभिभावकों को घर पर रखने की सलाह दी। वाराणसी के डीएम ने कहा, “बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया। सड़कों पर जलभराव से आवागमन कठिन हो गया है।” जौनपुर में भी यही स्थिति रही, जहां कई इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं दर्ज हुईं।

प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। तेज हवाओं (40-50 किमी/घंटा) और वज्रपात के अलर्ट के बीच घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई। ग्रामीण इलाकों में नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। गंगा और घाघरा का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे कमजोर तटबंधों पर खतरा मंडरा रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश फसलें नष्ट न करे, इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम मजबूत करने की जरूरत है।

अक्टूबर में सामान्य से अधिक बरसात

मौसम विभाग ने अक्टूबर के लिए सामान्य से 20 प्रतिशत ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान जताया है। IMD के अनुसार, अगले तीन दिनों तक यही सिलसिला चलेगा। 4 अक्टूबर को देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, कुशीनगर, महराजगंज और सिद्धार्थनगर में रेड अलर्ट रहेगा, जहां बहुत भारी बारिश (20 सेंटीमीटर से ज्यादा) हो सकती है। 6-7 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के असर से फिर बारिश की संभावना है।

इस साल मानसून सीजन (1 जून से 30 सितंबर) में प्रदेश में कुल 695.7 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 730.4 मिमी से 5 प्रतिशत कम रही। पश्चिमी यूपी में 12 प्रतिशत ज्यादा (752.5 मिमी) बरसात हुई, जबकि पूर्वी हिस्से में 17 प्रतिशत कम (666 मिमी)। वैज्ञानिकों का मानना है कि अक्टूबर की अतिरिक्त बारिश खरीफ फसलों के लिए फायदेमंद होगी, लेकिन शहरी इलाकों में जल निकासी की समस्या बढ़ा सकती है।

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किसानों के लिए दोहरी मार

किसान समुदाय में मिली-जली प्रतिक्रियाएं हैं। पूर्वांचल के एक किसान मोहम्मद अली ने कहा, “धान की फसल को नमी मिली, लेकिन ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं।” वहीं, पश्चिमी यूपी के रबी बीज बोने वाले किसानों को राहत मिली। कृषि विशेषज्ञ डॉ. राकेश यादव ने बताया, “यह बारिश मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएगी, लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में नुकसान हो सकता है। सरकार को बीमा योजना के तहत मदद सुनिश्चित करनी चाहिए।”

कुल मिलाकर, यह मानसून का विदाई तोहफा है, जो ठंडी हवाओं के साथ सर्दी की दस्तक दे रहा। लेकिन सतर्कता बरतें, क्योंकि प्रकृति का मिजाज कब बदल जाए, कहा नहीं जा सकता।

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