प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 25 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 415 ग्राम पंचायतों को मॉडल ग्राम पंचायत बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पहल का लक्ष्य मार्च 2026 तक इन पंचायतों में फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं तक पहुंच आसान होगी, जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है प्रोजेक्ट का उद्देश्य?
इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक से एक ग्राम पंचायत को चुना गया है, जिसमें कुल 415 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इनमें से 277 ग्राम पंचायतें उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल और 138 पंचायतें उत्तर प्रदेश पश्चिम परिमंडल से हैं। BSNL उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) एके गर्ग के अनुसार, केंद्र सरकार का जोर ग्रामीण विकास पर है। उन्होंने कहा, “प्रदेश के हर ब्लाक की एक-एक ग्राम पंचायत को दूरसंचार सेवाओं से समृद्ध बनाया जाना है। पायलट प्रोक्जेक्ट के रूप में 415 ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया है”
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है, ताकि उनकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़े। प्रत्येक चयनित ग्राम पंचायत में कम से कम पांच सरकारी संस्थानों, पांच व्यावसायिक संस्थानों और गांव के न्यूनतम पांच प्रतिशत घरों को फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो, जिससे डिजिटल सेवाओं तक पहुंच आसान हो सके।
ग्रामीण डिजिटल सशक्तिकरण
BSNL उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल के प्रधान महाप्रबंधक (पीजीएम) मनीष कुमार ने बताया कि यह प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्रों में संचार सुविधाओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हाई-स्पीड इंटरनेट के जरिए ग्रामीण लोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी योजनाओं से आसानी से जुड़ सकेंगे। उदाहरण के लिए, ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे बेहतर शिक्षण सामग्री तक पहुंच सकेंगे, टेलीमेडिसिन से ग्रामीणों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श मिलेगा और डिजिटल भुगतान प्रणाली से सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके खातों में पहुंचेगा।

यह प्रोजेक्ट भारतनेट परियोजना का हिस्सा है, जिसके तहत 2.14 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं। BSNL को 1.50 करोड़ एफटीटीएच कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य दिया गया है, जो मार्च 2027 तक पूरा होगा। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश में शुरूआती कदम उठाए जा रहे हैं, जो ग्रामीण भारत में डिजिटल क्रांति की नींव रखेगा।
कहां कितनी ग्राम पंचायतों का चयन?
इस प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। प्रयागराज में 20, प्रतापगढ़ में 14, बाराबंकी में 13, अमेठी में 11, सुलतानपुर और हरदोई में 10-10, मऊ, जौनपुर और जालौन में 9-9, शाहजहांपुर, सीतापुर और बांदा में 8-8, गोरखपुर, कानपुर देहात, कौशांबी, चंदौली और महराजगंज में 7-7, कानपुर नगर, अंबेडकरनगर, रायबरेली, बस्ती, ललितपुर, गाजीपुर और अयोध्या में 6-6
वहीं, लखनऊ, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी और देवरिया में 5-5, आजमगढ़, झांसी, बहराइच, फर्रुखाबाद और कुशीनगर में 4-4, हमीरपुर, उन्नाव, मीरजापुर, भदोही, वाराणसी और महोबा में 3-3, बलिया, संतकबीरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर और गोंडा में 2-2, तथा बलरामपुर, सोनभद्र और कन्नौज में 1-1 ग्राम पंचायत शामिल हैं। यह चयन इस तरह किया गया है कि पूरे प्रदेश में इस प्रोजेक्ट का प्रभाव दिखाई दे और यह अन्य पंचायतों के लिए मॉडल बन सके।
क्या होगा प्रभाव?
यह पायलट प्रोजेक्ट न केवल उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा। BSNL की यह पहल केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को पाटना है। बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा, क्योंकि लोग ऑनलाइन व्यवसाय, ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग जैसे अवसरों का लाभ उठा सकेंगे।
इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट ग्राम पंचायतों की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने में मदद करेगा, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी। BSNL की रणनीति में 4जी और 5जी सेवाओं का विस्तार, साथ ही उन्नत टीवी स्ट्रीमिंग और वीपीएन सेवाएं शामिल हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति को और तेज करेंगी। यह प्रोजेक्ट मार्च 2026 तक अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसके परिणाम ग्रामीण भारत के लिए एक नया युग शुरू करेंगे।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।