बीएड डिग्री धारकों के लिए खुशखबरी! 6 महीने के PDPET ब्रिज कोर्स से खुलेंगे प्राइमरी टीचर बनने के द्वार, BTC के बराबर मान्‍यता

UP Govt Approves 6-Month PDPET Course for B.Ed Holders to Become Primary Teachers

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीएड डिग्री धारकों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से 6 महीने के ऑनलाइन ब्रिज कोर्स ‘प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम फॉर एलीमेंट्री टीचर्स’ (PDPET) को मंजूरी दे दी है। यह कोर्स बीएड को बेसिक टीचर सर्टिफिकेट (BTC) के समकक्ष मान्यता दिलाने का रास्ता साफ करेगा। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद यह फैसला हजारों अभ्यर्थियों की लंबी प्रतीक्षा को समाप्त करने वाला है। खासकर 2005 से लंबित मुकदमों से जूझ रहे लगभग 30 हजार शिक्षकों को इससे सीधा लाभ मिलेगा।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

PDPET कोर्स: क्या है खासियत?

PDPET कोर्स राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा विकसित एक विशेष प्रमाणपत्र कार्यक्रम है, जो बीएड धारकों को प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा 1 से 5) में पढ़ाने के लिए जरूरी कौशल प्रदान करता है। यह 6 महीने का ऑनलाइन कोर्स है, जो ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में चलेगा। NIOS इसकी जिम्मेदारी संभालेगा, और पंजीकरण आधिकारिक वेबसाइट dledbr.nios.ac.in के माध्यम से होगा।s

कोर्स का मुख्य उद्देश्य बीएड और डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीईएलईडी) के बीच की खाई को पाटना है। एनसीटीई के अनुसार, बीएड धारक माध्यमिक स्तर के लिए प्रशिक्षित होते हैं, लेकिन प्राइमरी बच्चों की उम्र (6 से 14 वर्ष) के अनुरूप शिक्षण विधियों में कमी रह जाती है। इस कोर्स में भाषा विकास, गणितीय कौशल, पर्यावरण शिक्षा और समावेशी शिक्षण जैसे विषय शामिल हैं। अभ्यर्थियों को असाइनमेंट जमा करने और अंतिम परीक्षा देनी होगी, जो जुलाई 2025 के अंतिम सप्ताह में आयोजित हो सकती है। कोर्स फीस लगभग 5,000 रुपये और परीक्षा शुल्क 250 रुपये प्रति पेपर है।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

यह मंजूरी सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के उस फैसले का सीधा परिणाम है, जिसमें एनसीटीई की 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था। अदालत ने स्पष्ट कहा था कि प्राइमरी स्तर (कक्षा 1 से 5) के लिए केवल BTC या डीईएलईडी धारक ही योग्य होंगे, क्योंकि बीएड प्राइमरी बच्चों की विशेष जरूरतों के अनुरूप नहीं है। इस फैसले ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में हजारों बीएड अभ्यर्थियों की नौकरियां खतरे में डाल दीं।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और सुधांशु धूलिया की बेंच ने फैसले में कहा कि बीएड को प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल करना ‘मनमाना और अविवेकपूर्ण’ था, क्योंकि यह राइट टू एजुकेशन (आरटीई) एक्ट 2009 के उद्देश्यों से मेल नहीं खाता। हालांकि, अदालत ने मौजूदा इन-सर्विस शिक्षकों के लिए राहत देते हुए ब्रिज कोर्स का मार्ग प्रशस्त किया। उत्तर प्रदेश में यह फैसला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां 2021 के यूपीटीईटी में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन बीएड वालों को प्राइमरी पदों से वंचित कर दिया गया। अब, इस कोर्स से वे अपनी योग्यता को अपडेट कर सकेंगे।

WEST BENGAL ASSISTANT TEACHER

यूपी सरकार का सकारात्मक कदम

योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तुरंत लागू करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से समन्वय स्थापित किया। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कोर्स अगस्त 2025 से शुरू होगा, और पंजीकरण की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर 2025 तक है। राज्य में 30 हजार से अधिक बीएड धारक प्राइमरी शिक्षक इन-सर्विस हैं, जो 2018 से 2023 के बीच नियुक्त हुए थे। इनमें से अधिकांश को अब नौकरी बरकरार रखने के लिए कोर्स पूरा करना अनिवार्य होगा।

सरकार का यह निर्णय न केवल अभ्यर्थियों को राहत देगा, बल्कि प्राइमरी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 1.5 लाख से अधिक प्राइमरी पद रिक्त हैं, और यह कोर्स प्रशिक्षित शिक्षकों की पूर्ति में सहायक सिद्ध होगा। अभ्यर्थी संगठनों ने सरकार की सराहना की है, लेकिन कुछ ने मांग की है कि कोर्स को मुफ्त या सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाए। विभाग ने स्पष्ट किया है कि सेंटर चार्ज या अतिरिक्त शुल्क न देने की सलाह दी जाती है, और किसी भी धोखाधड़ी की शिकायत NIOS से की जा सकती है। यह कदम राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकार की शिक्षा नीति को मजबूत करने का प्रमाण है।

CM Yogi Teachers Day

अभ्यर्थियों के लिए क्या मतलब?

इस फैसले से सबसे बड़ा लाभ उन 30 हजार शिक्षकों को मिलेगा, जो वर्षों से अदालती लड़ाई लड़ रहे थे। 2005 से चले आ रहे मुकदमों में अभ्यर्थी प्राइमरी टीचर भर्ती के लिए बीएड को समकक्ष मानने की मांग कर रहे थे। अब, कोर्स पूरा करने के बाद वे यूपीटीईटी या अन्य भर्तियों में भाग ले सकेंगे। पात्रता के मानदंड सरल हैं: एनसीटीई मान्यता प्राप्त बीएड डिग्री और प्राइमरी स्तर पर इन-सर्विस होना।

हालांकि, नए अभ्यर्थियों के लिए यह कोर्स भविष्य में वैकल्पिक हो सकता है, लेकिन मौजूदा शिक्षकों के लिए अनिवार्य है। शिक्षा विशेषज्ञ कहते हैं, “यह कोर्स प्राइमरी शिक्षा को वैज्ञानिक आधार देगा, लेकिन सरकार को इसे सभी जिलों में जागरूकता अभियान के साथ जोड़ना चाहिए।” अभ्यर्थियों से अपील है कि आधिकारिक साइट से ही पंजीकरण करें और फर्जी एजेंटों से सावधान रहें। कुल मिलाकर, यह फैसला शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत है, जो हजारों परिवारों के सपनों को साकार करेगा।

TVS Apache RTX 300 लॉन्च KTM बाइक्स अब सबसे ज्यादा सस्ती Logitech MX Master 4 लॉन्च! अनुराग कश्यप की क्राइम-ड्रामा वाली 9 फिल्में जो दिमाग हिला दे! BMW खरीदने का सुनहरा मौका Best Adventure Bike