Ultra-Processed Food खाने वाले पुरष हो जाएं सतर्क! स्पर्म काउंट हो सकता है कम, स्टडी ने बताई बड़ी बात

Ultra-Processed Foods Harm Men's Fertility & Health Study Reveals

सेहत डेस्क: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में Ultra-Processed Food (UPFs) ने हमारी थाली में खास जगह बना ली है। ये खाद्य पदार्थ भले ही स्वादिष्ट और जल्दी तैयार होने वाले हों, लेकिन हालिया शोधों ने इनके खतरनाक प्रभावों को उजागर किया है, खासकर पुरुषों की प्रजनन क्षमता और यौन स्वास्थ्य पर। जर्नल सेल मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक स्टडी और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन पुरुषों में स्पर्म काउंट कम कर सकता है, हार्मोन असंतुलन पैदा कर सकता है और मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।

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अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स क्या हैं?

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वे खाद्य पदार्थ हैं, जो औद्योगिक प्रक्रियाओं से गुजरते हैं और इनमें कई तरह के योजक (additives) जैसे प्रिजर्वेटिव्स, कृत्रिम मिठास और इमल्सीफायर्स शामिल होते हैं। इनमें पैकेज्ड स्नैक्स, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, इंस्टेंट नूडल्स, फ्रोजन फूड्स और मीठे नाश्ते जैसे अनाज शामिल हैं। ये खाद्य पदार्थ चीनी, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा से भरपूर होते हैं, लेकिन इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है। भारत में इनकी खपत तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण मोटापा, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।

Ultra-Processed Food

पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव

हालिया शोधों से पता चला है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन पुरुषों की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। कोपेनहेगन विश्वविद्यालय की एक स्टडी में 20-35 वर्ष के 43 स्वस्थ पुरुषों पर अध्ययन किया गया। एक समूह को तीन सप्ताह तक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स और दूसरे को अनप्रोसेस्ड फूड्स दिए गए। नतीजों में पाया गया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने वाले पुरुषों में स्पर्म काउंट और स्पर्म की गतिशीलता (motility) में कमी आई। इसके अलावा, फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH) का स्तर भी कम हुआ, जो शुक्राणु उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।

Container with sperm in a man's hand. Concept of donating sperm and testing fertility

हार्मोनल असंतुलन

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद रसायन, जैसे एंडोक्राइन डिसरप्टर्स (जैसे cxMINP), हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। इन रसायनों से सेक्स हार्मोन्स पर बुरा असर पड़ता है, जिससे पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। साथ ही, इन खाद्य पदार्थों में उच्च कैलोरी और कम पोषण होने से वजन बढ़ता है और मेटाबॉलिक स्वास्थ्य खराब होता है। स्टडी में यह भी देखा गया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने वाले पुरुषों का औसतन एक किलोग्राम अधिक वजन बढ़ा, जो हृदय स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।

भारत में बढ़ती खपत और चेतावनी

2025 के आर्थिक सर्वेक्षण ने भारत में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की बढ़ती खपत को एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बताया है। सर्वेक्षण के अनुसार, इन खाद्य पदार्थों की बिक्री 2011 से 2021 के बीच 13.7% की दर से बढ़ी है। इनके आकर्षक स्वाद, लंबी शेल्फ लाइफ और आक्रामक मार्केटिंग ने इन्हें लोकप्रिय बनाया है। सर्वेक्षण ने इनकी खपत को कम करने के लिए ‘स्वास्थ्य कर’ और सख्त लेबलिंग नियमों का सुझाव दिया है, ताकि लोग इनके नुकसान के बारे में जागरूक हों।

बचाव के उपाय

पुरुषों की प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करना जरूरी है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, अलसी का तेल और मछली (ट्यूना, सालमन) स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, जिंक और फॉलिक एसिड से भरपूर भोजन, जैसे पालक और अनार का जूस, भी फायदेमंद हैं। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पैकेज्ड फूड्स के लेबल्स को ध्यान से पढ़ना भी महत्वपूर्ण है।

स्टडी सोर्स: https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1550413125003602?via%3Dihub

यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। यूनिफाइड भारत आपको सलाह देता है कोई भी उपाय अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

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