Udhampur Encounter: आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए जवान
प्रमुख बिंदु-
जम्मू, 24 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर (Udhampur) जिले में गुरुवार को आतंकवादियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में भारतीय सेना के हवलदार झंटू अली शेख शहीद हो गए। यह घटना दुदु-बसंतगढ़ क्षेत्र में उस समय हुई, जब सुरक्षा बलों ने आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया था। इस मुठभेड़ ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों की चुनौतियों को फिर से उजागर किया है।

खुफिया सूचना पर शुरू हुआ अभियान
सेना के जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए बताया, “विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, आज उधमपुर के बसंतगढ़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान शुरू किया गया। आतंकियों के साथ संपर्क स्थापित होने पर तीव्र गोलीबारी हुई। हमारे वीर जवान हवलदार झंटू अली शेख, जो 6 PARA SF से थे, ने प्रारंभिक गोलीबारी में गंभीर चोटें सहीं और सर्वोत्तम चिकित्सा प्रयासों के बावजूद शहीद हो गए।” सेना ने बताया कि अभियान अभी जारी है और क्षेत्र में आतंकियों को निष्क्रिय करने के लिए तलाशी चल रही है।
#GOC #WhiteKnightCorps and all ranks salute #Braveheart Hav Jhantu Ali Shaikh of 6 PARA SF, who made the supreme #sacrifice during a counter #terror #operation.
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) April 24, 2025
His indomitable courage and the valour of his team will never be forgotten.
We stand in solidarity with the bereaved… pic.twitter.com/BzogemMct9
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
यह मुठभेड़ जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दो दिन बाद हुई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें नौसेना के एक अधिकारी, वायुसेना का एक कर्मचारी और खुफिया ब्यूरो का एक कर्मी शहीद हुए। यह हमला हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को और कम करने का फैसला किया। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बताया कि भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को निष्कासित कर दिया, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया और अटारी भूमि-पारगमन पोस्ट को बंद कर दिया। ये कदम हमले में “सीमा पार से संबंध” के मद्देनजर उठाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बरतने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का निर्देश दिया।

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आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
उधमपुर में हुई मुठभेड़ ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को और मजबूत किया है। सूत्रों के अनुसार, इस अभियान में शामिल आतंकी एक बड़े समूह का हिस्सा हो सकते हैं, जो मार्च में हिरानगर के रास्ते सीमा पार से घुसपैठ कर चुके थे। हाल ही में, पुंछ और किश्तवाड़ जिलों में भी सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाए, जिसमें कई आतंकी ढेर किए गए। अनंतनाग पुलिस ने पहलगाम हमले के तीन संदिग्धों – आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू ताल्हा – के स्केच जारी किए और उनकी गिरफ्तारी के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की।

देश में शोक की लहर
हवलदार झंटू अली शेख की शहादत ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिजनों का दुख भी कम नहीं है। देश भर में लोग शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखा रहे हैं। कश्मीर घाटी में पर्यटकों की संख्या में कमी आई है, और कई राज्यों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष उड़ानें शुरू की हैं।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारत का संकल्प अटल है। सरकार और सुरक्षा बल इस संकट से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं, ताकि घाटी में शांति और स्थिरता बहाल हो सके।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।