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ग्लोबल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने नवंबर 2025 में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन (QUAD Summit) के लिए अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है। यह निर्णय भारत और अमेरिका के बीच हाल के तनावों के बीच आया है, जिसमें व्यापारिक टैरिफ और ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता के दावों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत आने का वादा किया था, लेकिन अब उनकी यात्रा की कोई योजना नहीं है। व्हाइट हाउस ने अभी तक इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव का कारण
भारत और अमेरिका के बीच संबंध, जो पहले ट्रम्प के पहले कार्यकाल में काफी दोस्ताना थे, हाल के महीनों में तनावपूर्ण हो गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन के सैन्य संघर्ष को समाप्त करने का श्रेय लेने की बार-बार कोशिश की, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि यह संघर्षविराम भारत और पाकिस्तान के सैन्य चैनलों के माध्यम से बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के हुआ था।
ट्रम्प का यह दावा कि उन्होंने संघर्ष को खत्म करवाया और पाकिस्तान उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने वाला है, ने प्रधानमंत्री मोदी को नाराज किया। इसके अलावा, भारत के रूस से तेल खरीदने के कारण ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 50% तक के भारी टैरिफ लगाए, जिसे कई विशेषज्ञों ने भारत को दंडित करने की कोशिश माना।
QUAD शिखर सम्मेलन और इसका महत्व
क्वाड (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं और यह संगठन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। भारत इस साल नवंबर में नई दिल्ली में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है।
ट्रम्प के पहले कार्यकाल और बाइडेन प्रशासन के दौरान भारत ने इस मंच पर सक्रिय भूमिका निभाई थी। ट्रम्प प्रशासन ने जनवरी 2025 में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की थी, लेकिन अब ट्रम्प की भारत यात्रा रद्द होने से इस मंच की गतिशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प का यह कदम भारत को बीजिंग और मॉस्को के करीब ला सकता है, जिससे क्वाड की रणनीतिक एकता कमजोर हो सकती है।
व्यापारिक टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया
ट्रम्प ने भारत के रूस से तेल आयात को लेकर 25% और फिर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया, जिससे भारत के 86 बिलियन डॉलर के निर्यात पर असर पड़ सकता है। भारत ने इन टैरिफ को अनुचित ठहराते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में समस्या है, तो मत खरीदिए।”
यह बयान भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और ट्रम्प के दबाव के खिलाफ मजबूत रुख को दर्शाता है। ट्रम्प ने भारत के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश की, लेकिन भारत ने अपनी कृषि और डेयरी क्षेत्रों की रक्षा के लिए सख्त रुख अपनाया, जो ट्रम्प की मांगों के खिलाफ एक प्रमुख बाधा रहा।
ट्रम्प की भारत यात्रा रद्द होने से भारत-अमेरिका संबंधों में ठहराव आ सकता है, जो पहले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के खिलाफ एक मजबूत साझेदारी के रूप में देखा जाता था। भारत ने हाल ही में चीन और रूस के साथ अपनी कूटनीतिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत किया है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की रूस और चीन की हाल की यात्राएँ शामिल हैं।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।