टी. राजा सिंह का BJP से इस्तीफा
प्रमुख बिंदु-
हैदराबाद, 30 जून 2025: तेलंगाना के गोशामहल विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक टी. राजा सिंह (T Raja Singh) ने 30 जून 2025 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यह फैसला तेलंगाना BJP इकाई में चल रहे नेतृत्व विवाद के बीच आया है। राजा सिंह ने अपने इस्तीफे में तेलंगाना BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एन. रामचंदर राव की नियुक्ति पर गहरी नाराजगी जताई।
उन्होंने इसे न केवल अपने लिए, बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए “झटका और निराशा” करार दिया। अपने पत्र में, उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वह हिंदुत्व विचारधारा और गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

रामचंदर राव की नियुक्ति पर बवाल
टी. राजा सिंह का इस्तीफा तेलंगाना BJP में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही खींचतान का परिणाम है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व MLC एन. रामचंदर राव को तेलंगाना BJP का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जा रहा है, जो वर्तमान अध्यक्ष और केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी की जगह लेंगे। इस नियुक्ति ने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को निराश किया, जिनमें राजा सिंह भी शामिल हैं। राजा सिंह ने अपने इस्तीफे में कहा कि तेलंगाना में BJP के पास कई योग्य नेता, विधायक और सांसद हैं, जो पार्टी को मजबूत नेतृत्व दे सकते हैं।
उन्होंने रामचंदर राव की नियुक्ति को “दिशाहीन” बताते हुए कहा कि यह फैसला उस समय लिया गया है, जब तेलंगाना में BJP के पास पहली बार सरकार बनाने का सुनहरा अवसर है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, रामचंदर राव का चयन RSS के समर्थन और उनकी गैर-विवादास्पद छवि के कारण हुआ। हालांकि, राजा सिंह जैसे नेताओं का मानना है कि यह निर्णय कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज करता है।
The silence of many should not be mistaken for agreement.
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) June 30, 2025
I speak not just for myself, but for countless karyakartas and voters who stood with us with faith, and who today feel let down.
Jai Shri Ram 🚩 pic.twitter.com/JZVZppknl2
हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता: राजा सिंह का संकल्प
अपने इस्तीफे में टी. राजा सिंह ने स्पष्ट किया कि वह BJP से अलग होने के बावजूद हिंदुत्व विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित रहेंगे। उन्होंने कहा, “मैं हिंदुत्व और गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए पहले से भी अधिक ताकत के साथ आवाज उठाता रहूंगा।” राजा सिंह, जो अपने उग्र और विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने हमेशा हिंदुत्व को अपनी राजनीति का केंद्र बनाया है। उन्होंने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तेलंगाना में नेतृत्व के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।

गोशामहल से तीन बार के विधायक (2014, 2018 और 2023) राजा सिंह ने अपने क्षेत्र में मजबूत जनाधार बनाया है। उनकी छवि एक कट्टर हिंदुत्ववादी नेता की रही है, जिसके कारण वह कई बार विवादों में भी रहे। इस साल अप्रैल में, राम नवमी जुलूस के दौरान कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा और पुलिस को धमकाने के आरोप में उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए थे।
तेलंगाना BJP पर प्रभाव: क्या होगा भविष्य?
टी. राजा सिंह का इस्तीफा तेलंगाना BJP के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पार्टी के भीतर असंतोष को और बढ़ा सकता है। राजा सिंह ने अपने पत्र में चेतावनी दी कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने से पार्टी को लंबे समय तक नुकसान हो सकता है। तेलंगाना में BJP हाल के वर्षों में अपनी स्थिति मजबूत कर रही थी और पार्टी को उम्मीद थी कि वह स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगी। हालांकि, राजा सिंह जैसे प्रभावशाली नेताओं का पार्टी छोड़ना इस रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ा है। कई यूजर्स ने राजा सिंह के फैसले का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे पार्टी के लिए नुकसानदायक बताया। तेलंगाना BJP के सामने अब चुनौती है कि वह अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखे और नेतृत्व विवाद को सुलझाए, ताकि आगामी चुनावों में उसकी संभावनाएं प्रभावित न हों।

टी. राजा सिंह का BJP से इस्तीफा तेलंगाना में पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। रामचंदर राव की नियुक्ति को लेकर उठा विवाद यह दर्शाता है कि BJP के भीतर नेतृत्व चयन की प्रक्रिया को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। राजा सिंह का हिंदुत्व के प्रति समर्पण और गोशामहल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके समर्थकों के बीच उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या BJP इस संकट को हल कर पाएगी, या यह विवाद पार्टी की एकता को और कमजोर करेगा।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।