5 महीने की गर्भवती टीचर का दावा, बच्चे का पिता है 13 साल का छात्र
प्रमुख बिंदु-
सूरत, 02 मई 2025: गुजरात के सूरत (Surat) शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने समाज में नैतिकता और शिक्षक-छात्र संबंधों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक 23 वर्षीय ट्यूशन टीचर अपने 13 वर्षीय नाबालिग छात्र को लेकर फरार हो गई थी। चार दिन की तलाश के बाद पुलिस ने टीचर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में टीचर ने दावा किया कि वह पांच महीने की गर्भवती है और बच्चे का पिता उसका 13 साल का छात्र है। इस मामले ने न केवल सूरत, बल्कि पूरे देश में हलचल मचा दी है। आइए, इस घटना के विभिन्न पहलुओं और संबंधित खबरों पर गहराई से नजर डालें।

घटना का विवरण
25 अप्रैल 2025 को सूरत के पूना इलाके में रहने वाला 13 वर्षीय छात्र अपनी ट्यूशन टीचर के साथ गायब हो गया। छात्र के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद सूरत पुलिस ने चार टीमें गठित कर तलाश शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में टीचर और छात्र को सूरत रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। चार दिन बाद, 30 अप्रैल को पुलिस ने दोनों को राजस्थान सीमा के पास एक बस से पकड़ा, जो जयपुर से अहमदाबाद आ रही थी।
स्टूडेंट को लेकर फरार होने वाली टीचर एक प्राइवेट स्कूल में टीचर है। पहले बच्चे की स्कूल टीचर थी टीचर ने बयान में बताया कि लड़का जब 5वीं कक्षा में पढ़ता था, तब वह उसके घर जाकर ही ट्यूशन पढ़ाती थी। इसके बाद वह स्टूडेंट को ट्यूशन पढ़ाने अपने ही घर बुलाने लगी थी। पूछताछ में टीचर ने बताया कि वह और छात्र पिछले दो साल से प्रेम संबंध में थे और उसने गर्भवती होने के बाद छात्र के साथ भागने का फैसला किया। लिस पूछताछ में लड़के ने भी बताया कि टीचर ने एक बार उसके घर पर ही उसका शारिरिक शोषण किया था।

टीचर ने पुलिस को बताया कि उसने पहले से ही भागने की योजना बनाई थी। उसने 23 अप्रैल को एक ट्रॉली बैग और नए कपड़े खरीदे थे। दोनों ने सूरत से वडोदरा, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली और वृंदावन तक की यात्रा की, जिसमें उन्होंने होटलों में रात बिताई और कई बार शारीरिक संबंध बनाए। छात्र पुलिस पूछताछ में बताया कि टीचर ने एक बार उसके घर पर ही उसका शारिरिक शोषण किया था। मेडिकल जांच में पुष्टि हुई कि छात्र पिता बनने में सक्षम है।
कानूनी कार्रवाई और सामाजिक प्रभाव
पुपुलिस ने टीचर के खिलाफ नाबालिग का अपहरण करने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया था। अब पोक्सो की धारा 4, 8, 12 भी जोड़ दी गई है। टीचर को एक दिन की रिमांड पर लिया गया है, और पुलिस वडोदरा के होटल में सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूत जुटा रही है। इस मामले ने शिक्षक-छात्र संबंधों की पवित्रता पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिगों के साथ इस तरह के संबंध न केवल कानूनी रूप से अपराध हैं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं।

संबंधित घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब गुजरात में इस तरह की घटना सामने आई है। जनवरी 2025 में, गांधीनगर में एक 26 वर्षीय टीचर 14 साल के छात्र के साथ फरार हो गई थी। उस मामले में भी दोनों के बीच अनैतिक संबंध होने की बात सामने आई थी। इसके अलावा, सूरत के नरेना आश्रम शाला में 2024 में एक प्रिंसिपल पर 35 छात्राओं के यौन शोषण का आरोप लगा था, जिसके बाद विभाग ने सख्त कार्रवाई की थी। ये घटनाएं शिक्षा संस्थानों में निगरानी और नैतिक शिक्षा की कमी को उजागर करती हैं।
समाज और शिक्षा प्रणाली पर सवाल
यह मामला समाज में नैतिक पतन और शिक्षा प्रणाली में खामियों को दर्शाता है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि नाबालिग बच्चे आसानी से प्रभावित हो सकते हैं, और शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस घटना ने अभिभावकों में भी चिंता बढ़ा दी है, जो अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो रहे हैं। शिक्षा विभाग को अब स्कूलों और ट्यूशन सेंटरों में सख्त दिशानिर्देश लागू करने की आवश्यकता है।
सूरत का यह मामला केवल एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि समाज में बदलते मूल्यों और शिक्षा प्रणाली की कमियों का प्रतीक है। पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ, समाज को भी इस तरह की घटनाओं से सबक लेना होगा। बच्चों को सुरक्षित और नैतिक वातावरण प्रदान करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।