प्रमुख बिंदु-
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में 6 अगस्त 2025 को एक चौंकाने वाली घटना ने सियासी हलकों में हड़कंप मचा दिया। अपनी जनता पार्टी और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर सारस चौराहे पर स्वागत के दौरान दो युवकों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने पहले मौर्य को माला पहनाई और फिर पीछे से उनके सिर पर थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मौर्य ने इस हमले के लिए योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि हमलावर ने इसे सनातन धर्म के विरोध से जोड़ा है।
हमले की घटना और उसका घटनाक्रम
रायबरेली के मिल एरिया थाना क्षेत्र के सारस चौराहे पर बुधवार दोपहर स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला फतेहपुर जाते समय रुका था। यहां उनके समर्थक बड़ी संख्या में स्वागत के लिए एकत्र हुए थे। जैसे ही मौर्य अपनी गाड़ी से उतरे, कार्यकर्ताओं ने उन्हें माला पहनाकर अभिवादन शुरू किया। इसी दौरान, दो युवक भीड़ में घुस आए। इनमें से एक युवक, जिसकी पहचान रोहित द्विवेदी के रूप में हुई, ने पहले मौर्य को माला पहनाई और फिर अचानक उनके सिर पर थप्पड़ मार दिया। दूसरा युवक, शिवम यादव, भी इस घटना में शामिल था। हमला इतना अप्रत्याशित था कि वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए।

मौर्य के समर्थकों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और दोनों हमलावरों को दौड़ाकर पकड़ लिया। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने उनकी जमकर पिटाई की, जिससे दोनों को गंभीर चोटें आईं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि हमलावरों को लात-घूंसे और डंडों से पीटा गया। मौके पर मौजूद पुलिस ने बड़ी मुश्किल से आरोपियों को भीड़ से छुड़ाया और हिरासत में लिया। मिल एरिया थानाध्यक्ष अजय राय ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की गई है। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी और सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई।

स्वामी प्रसाद मौर्य का करणी सेना और योगी सरकार पर हमला
घटना के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीखी प्रतिक्रिया दी और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ये करणी सेना के गुंडे हैं, जो योगी सरकार के संरक्षण में कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पुलिस की मौजूदगी में ऐसी घटना होना प्रदेश में जंगलराज का सबूत है।” मौर्य ने आरोप लगाया कि करणी सेना के लोग अपनी जाति के प्रभाव का फायदा उठाकर खुलेआम हिंसा कर रहे हैं और सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। उन्होंने इसे सियासी साजिश करार देते हुए कहा, “ये हमला मेरी आवाज को दबाने की कोशिश है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं।”
मौर्य ने योगी सरकार पर गुंडों और माफियाओं को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब पुलिस के सामने अपराधी इतने बुलंद हौसले से हमला कर सकते हैं, तो अकेले में ये क्या करते होंगे? प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।” मौर्य के बयान ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है और विपक्षी दलों ने इसे योगी सरकार की नाकामी के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है।

हमलावर का दावा: सनातन धर्म का अपमान बना कारण
पुलिस हिरासत में मौजूद हमलावर रोहित द्विवेदी ने दावा किया कि उसने स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला इसलिए किया क्योंकि वे बार-बार सनातन धर्म, भगवान राम और ब्राह्मणों का अपमान करते हैं। रोहित ने खुद को करणी सेना का सदस्य बताया और कहा, “मौर्य के विवादित बयानों से हम आहत थे, इसलिए यह कदम उठाया।” यह पहली बार नहीं है जब मौर्य के बयानों ने विवाद खड़ा किया हो। इससे पहले भी उनके रामचरितमानस और हिंदू धर्म पर टिप्पणियों को लेकर हंगामा हो चुका है। 2023 में उनके खिलाफ रायबरेली में ही एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जब हिंदू युवा वाहिनी ने उनके एक बयान को आपत्तिजनक बताया था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हमले के पीछे सियासी रंजिश के साथ-साथ मौर्य की बढ़ती सियासी सक्रियता भी एक कारण हो सकती है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह हमला किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा था।
पहले भी हो चुके हैं हमले
यह पहला मौका नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला हुआ हो। दो साल पहले लखनऊ में एक पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन के दौरान उन पर एक युवक ने जूता फेंका था। उस समय भी समर्थकों ने हमलावर की जमकर पिटाई की थी और पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। इसके अलावा, 2024 में आगरा में एक सभा के दौरान भी उन पर जूता फेंकने की घटना हुई थी। बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं मौर्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं।
इस बार हमले के दौरान पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमलावर मौर्य तक पहुंचने में कामयाब रहा, जिससे सुरक्षा में चूक की बात सामने आ रही है। मौर्य ने कहा, “पुलिस की मौजूदगी में यह घटना होना शर्मनाक है। यह दिखाता है कि योगी सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है।” इस घटना ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रायबरेली में स्वामी प्रसाद मौर्य पर हुआ यह हमला न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा कर सकता है। मौर्य के करणी सेना और योगी सरकार पर लगाए गए आरोपों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। पुलिस की जांच से यह साफ होगा कि हमले के पीछे की मंशा क्या थी और क्या यह सियासी साजिश का हिस्सा था। फिलहाल, इस घटना ने एक बार फिर मौर्य को सुर्खियों में ला दिया है और प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर बहस छेड़ दी है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।