डिजिटल युग में रचनात्मकता, जुड़ाव और सामाजिक बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जा रहा है Social Media Day
प्रमुख बिंदु-
New Delhi : आज, 30 जून को Social Media Day मनाया जा रहा है, जो डिजिटल युग में संचार, कनेक्टिविटी और सामाजिक बदलाव में सोशल मीडिया की क्रांतिकारी भूमिका (Revolutionary role) को सेलिब्रेट करता है। यह दिन हमें यह समझने का मौका देता है कि सोशल मीडिया डे क्यों मनाते हैं और यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है। भारत में, जहां लाखों युवा फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रोजाना कई घंटे बिताते हैं, यह दिन रचनात्मकता, जागरूकता और वैश्विक जुड़ाव को बढ़ावा देने का प्रतीक है।
सोशल मीडिया डे क्यों मनाते हैं?
यह दिन सोशल मीडिया की उस शक्ति को उजागर करता है जो व्यक्तियों, समुदायों और व्यवसायों को एक वैश्विक मंच पर जोड़ती है। यह विचारों के आदान-प्रदान, सामाजिक बदलाव और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देता है। सोशल मीडिया ने संचार को लोकतांत्रिक बनाया है, जिससे कोई भी अपनी आवाज दुनिया तक पहुंचा सकता है। भारत में #MeToo, #VocalForLocal और #ClimateAction जैसे अभियानों ने लाखों लोगों को प्रभावित किया, जो सोशल मीडिया की सामाजिक शक्ति को दर्शाता है। यह दिन हमें जिम्मेदार उपयोग, डिजिटल लिटरेसी और सकारात्मक प्रभाव पर ध्यान देने की प्रेरणा देता है।

शुरुआत और इतिहास
विश्व सोशल मीडिया डे की शुरुआत 2010 में मशहूर डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म Mashable ने की थी। जून का महीना टेक इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने इस दौरान रिकॉर्ड बनाए। मैशेबल ने 30 जून को सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को मान्यता देने और इसके सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए चुना। इस पहल को कंटेंट क्रिएटर्स, डिजिटल मार्केटर्स और ब्रांड्स ने अपनाया, जिससे यह एक वैश्विक उत्सव बन गया। आज #SocialMediaDay हैशटैग के साथ लोग अपनी कहानियां, अनुभव और रचनात्मक पोस्ट साझा करते हैं, जिससे यह दिन डिजिटल दुनिया में एक खास पहचान रखता है।

सोशल मीडिया का प्रभाव
सोशल मीडिया ने संचार के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। फेसबुक और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म्स व्यक्तिगत और पेशेवर रिश्तों को मजबूत करते हैं, जबकि एक्स और थ्रेड्स तेजी से सूचनाएं साझा करने में माहिर हैं। इंस्टाग्राम, यूट्यूब और स्नैपचैट ने वीडियो, तस्वीरें और लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए रचनात्मकता को नया आयाम दिया।
‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ होम साइंस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में युवा रोजाना 3-4 घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं। यह न केवल मनोरंजन, बल्कि करियर निर्माण, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता का माध्यम भी है। उदाहरण के लिए, यूट्यूब ने जस्टिन बीबर जैसे सितारों को जन्म दिया और भारत में भी कई उभरते कलाकार, जैसे भुवन बाम और पलक मुच्छल, सोशल मीडिया के जरिए स्टार बने।

जिम्मेदार उपयोग की जरूरत
Social Media हमें साइबरबुलिंग, फेक न्यूज और प्राइवेसी उल्लंघन जैसे नकारात्मक प्रभावों से सावधान रहने की भी याद दिलाता है। इस दिन डिजिटल लिटरेसी पर वेबिनार आयोजित हो रहे हैं, जो यूजर्स को सुरक्षित और रचनात्मक उपयोग सिखाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया की लत से बचने और सही जानकारी साझा करने की जिम्मेदारी जरूरी है। भारत में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई एनजीओ और स्टार्टअप्स इस दिन मुफ्त वर्कशॉप्स आयोजित कर रहे हैं।

सामाजिक बदलाव और भविष्य
सोशल मीडिया ने भारत में सामाजिक बदलाव को गति दी है। छोटे व्यवसायों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं तक, यह प्लेटफॉर्म सभी को अपनी बात कहने का मौका देता है। भविष्य में, AI, AR और मेटावर्स जैसे नए टूल्स सोशल मीडिया को और प्रभावी बनाएंगे। Social Media Day हमें इस डिजिटल क्रांति का जश्न मनाने और इसके जिम्मेदार उपयोग की प्रतिबद्धता लेने का अवसर देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सोशल मीडिया सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि विचारों, रचनात्मकता और सामाजिक बदलाव का एक शक्तिशाली मंच है।

यह दिन हमें डिजिटल दुनिया में सकारात्मक योगदान देने, जिम्मेदारी से उपयोग करने और वैश्विक समुदाय को मजबूत करने की प्रेरणा देता है। #SocialMediaDay के साथ, आइए इसकी ताकत को सेलिब्रेट करें और इसे बेहतर भविष्य के लिए उपयोग करें।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।