सीतापुर में हेडमास्टर ने की बेल्ट से BSA की धुनाई: फर्जी हाजिरी का दबाव, BSA बोले- बिना स्कूल आए मैडम की हाजिरी लगाओ

Sitapur Headmaster Assaults BSA Over Fake Attendance

सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर (Sitapur) जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। यहां एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के दफ्तर में घुसकर उन्हें बेल्ट से पीट दिया। पूरा मामला सीसीटीवी में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लेकिन यह सिर्फ मारपीट की घटना नहीं है।

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इसके पीछे फर्जी हाजिरी लगाने का दबाव, महीनों से स्कूल न आने वाली महिला टीचर का वेतन निकालना और प्रशासनिक मनमानी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। 23 सितंबर को हुई इस घटना के बाद हेडमास्टर बृजेंद्र वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जबकि BSA अखिलेश प्रताप सिंह ने अपनी सुरक्षा की मांग की। गांव के बच्चे और ग्रामीण हेडमास्टर के समर्थन में उतर आए।

दफ्तर में बेल्ट की बरसात, सीसीटीवी ने खोला राज  

सीतापुर के महमूदाबाद ब्लॉक के नदवा प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर बृजेंद्र कुमार वर्मा 23 सितंबर को BSA अखिलेश प्रताप सिंह के दफ्तर पहुंचे। वह अपनी सफाई देने आए थे, क्योंकि उनके खिलाफ एक महिला सहायक अध्यापिका अवंतिका गुप्ता की शिकायत पर जांच चल रही थी। BSA का कहना है कि वर्मा ने महिला टीचर को परेशान किया था, जबकि वर्मा का दावा है कि उन्होंने सिर्फ अनुपस्थिति की शिकायत की थी।  

सफाई देने के दौरान बहस इतनी बढ़ गई कि वर्मा ने अचानक फाइल मेज पर पटक दी। फिर कमर से बेल्ट निकाली और BSA पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि सिर्फ 6 सेकंड में वर्मा ने 5 बार बेल्ट मारी। BSA ने पुलिस को फोन करने की कोशिश की, तो वर्मा ने उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। साथ ही सरकारी दस्तावेज भी फाड़ दिए। दफ्तर में मौजूद लिपिक प्रेम शंकर मौर्य ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन वर्मा ने उनके साथ भी धक्का-मुक्की की। हंगामा सुनकर अन्य कर्मचारी दौड़े और वर्मा को पकड़ लिया।  

Sitapur Headmaster Assaults BSA Over Fake Attendance

BSA ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी, जिसमें हमले को ‘सुनियोजित’ बताया। उन्होंने कहा, “वर्मा दोषी थे, जब सबने इशारा किया तो वे भड़क उठे।” पुलिस ने वर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (मारपीट), 504 (अपमान) और 506 (धमकी) में मुकदमा दर्ज किया। वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। विभाग ने उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया और सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी। BSA को जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया, जहां सिर पर चोट और अन्य मामूली इंजरी की पुष्टि हुई।  

Sitapur Headmaster Assaults BSA Over Fake Attendance

यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। एक्स पर हजारों यूजर्स ने वीडियो शेयर किया, तो कुछ ने हेडमास्टर को हीरो बताया।  

विवाद की जड़: फर्जी हाजिरी का दबाव और महीनों की अनुपस्थिति  

इस मारपीट की असली वजह स्कूल की एक महिला टीचर अवंतिका गुप्ता से जुड़ी बताई जा रही है। हेडमास्टर वर्मा का आरोप है कि अवंतिका महीनों से स्कूल नहीं आ रही थीं, लेकिन BSA के कहने पर उनकी फर्जी हाजिरी लगाई जा रही थी। वर्मा ने जब इसका विरोध किया, तो उनके खिलाफ शिकायतें की गईं। अवंतिका को BSA की करीबी बताया जा रहा है।  

पुलिस हिरासत में वर्मा ने कहा, “बीएसए ने फोन पर दबाव डाला कि अवंतिका स्कूल नहीं आएंगी, आप ही स्कूल संभालो। मैंने शिकायत की, तो मुझे मुख्यालय से अटैच कर दिया। तीन महीने से टॉर्चर हो रहा था।” वर्मा की पत्नी सीमा वर्मा ने वीडियो जारी कर सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, “बीएसए ने IGRS और RTI के बहाने परेशान किया। 23 सितंबर को दफ्तर बुलाया, वहां कुछ लोगों ने पहले ही पीटा। मेरे पति ने बचाव में हाथापाई की।” 

Sitapur Headmaster Assaults BSA Over Fake Attendance

सूत्रों के मुताबिक, विवाद की शुरुआत तब हुई जब वर्मा ने अवंतिका की अनुपस्थिति पर नोटिस जारी किया। यह नोटिस राजनीतिक ग्रुपों में वायरल हो गया, जिससे BSA नाराज हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि अवंतिका की गाड़ी रोज प्रधान के घर के पास से गुजरती है, लेकिन स्कूल कभी नहीं आती। फिर भी उनका वेतन निकल रहा था। यह मामला भ्रष्टाचार का रूप ले चुका है।  

वायरल ऑडियो का खुलासा: ‘मेडिकल लीव बोल देना, गांव की चिंता मत कर’  

घटना के बाद सबसे बड़ा खुलासा एक ऑडियो का वायरल होना है। इसमें BSA अखिलेश सिंह हेडमास्टर से बात कर रहे हैं। BSA कहते हैं, “आपको जो कह रहा हूं, वो करिए। गांव की चिंता मत करिए। शिकायत आएगी तो हम देखेंगे।” हेडमास्टर पूछते हैं, “लोग मैडम को क्यों नहीं आतीं?” BSA जवाब देते हैं, “कह दीजिए मैडम मेडिकल लीव पर हैं। इतना तो मैनेज कर ही लो।”  

हेडमास्टर कहते हैं, “सर, कम से कम एक दिन तो आ जाएं। उनकी गाड़ी प्रधान के घर के सामने से गुजरती है, लोग पूछेंगे तो क्या बताऊं?” BSA फिर कहते हैं, “आप लोग टाइम से आते हो? कल से सेल्फी मंगाना शुरू करो, एक साल तक। अगर 8 बजे तक सेल्फी न आई तो अब्सेंट मार्क कर दो।” ऑडियो में BSA किसी अधीनस्थ को निर्देश देते सुनाई देते हैं, “डेली 7:30 बजे पहुंचना, 2:30 बजे छोड़ना। सेल्फी न आई तो सस्पेंड।”

यह ऑडियो एक्स पर तेजी से शेयर हो रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता डॉ. अशुतोष वर्मा ने इसे पोस्ट कर कहा, “यह फर्जी हाजिरी का सबूत है। हेडमास्टर ईमानदार थे, उन्हें फंसाया जा रहा है।” ऑडियो की प्रामाणिकता की जांच चल रही है, लेकिन यह शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों को हवा दे रहा है।  

सांसद ने उठाया मुद्दा: जांच की मांग

इस घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। सीतापुर से कांग्रेस सांसद राकेश राठौर ने BSA पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “यह बेहद निंदनीय है, लेकिन पीछे के कारण जानना जरूरी। BSA फर्जी हाजिरी का दबाव बना रहे थे। दफ्तर में कई सीसीटीवी हैं, लेकिन सिर्फ एक फुटेज सामने आया। हेडमास्टर को भी बुरी तरह पीटा गया। मैं सीएम से निष्पक्ष जांच की मांग करूंगा। सभी फुटेज चेक हों, आरोपों की सत्यता जांचें।”  

राठौर ने कहा, “बीएसए कार्यालय में मनमानी चल रही। पसंदीदा टीचरों को छूट, सालों से स्कूल न आने वालों पर कार्रवाई न। ईमानदार को सताया जा रहा।” वर्मा की पत्नी ने भी सीएम से अपील की, “तीन महीने से टॉर्चर हो रहा। फर्जी केस में फंसाया।”

प्रशासन ने कहा कि जांच चल रही है। डीएम ने BSA को सुरक्षा दी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पूरे सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक हों। समाजवादी पार्टी ने भी जांच की मांग की।  

बच्चे बोले- ‘गुरुजी लौटें, वरना स्कूल बंद’  

24 सितंबर को नदवा गांव में हंगामा मच गया। हेडमास्टर के समर्थन में सैकड़ों ग्रामीण और बच्चे स्कूल गेट पर इकट्ठा हो गए। बच्चों ने ताला जड़ दिया और नारा लगाया, “जब तक गुरुजी नहीं लौटेंगे, स्कूल नहीं खुलेंगे। हम किसी और से नहीं पढ़ेंगे।” पुलिस पहुंची, लेकिन बच्चे नहीं माने। ग्रामीणों ने कहा, “वर्मा ने स्कूल में पढ़ाई सुधारी। अनुपस्थित टीचरों पर सवाल उठाए। वे समय से आते थे, लोकप्रिय हैं।”  

Sitapur Headmaster Assaults BSA Over Fake Attendance

एक बच्चे ने कहा, “सर ने हमें अच्छा पढ़ाया। BSA ने फर्जी हाजिरी का दबाव बनाया।” प्रदर्शन के कारण कक्षाएं बाधित रहीं। ग्रामीणों ने अवंतिका पर भी आरोप लगाए कि वे मनमानी छुट्टियां लेती हैं। पुलिस ने समझा-बुझाकर प्रदर्शन खत्म कराया, लेकिन गुस्सा शांत नहीं हुआ। गांव में वर्मा को हीरो माना जा रहा है।  

यह घटना शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर कर रही है। फर्जी हाजिरी, दबाव और भ्रष्टाचार के आरोप अब जांच का इंतजार कर रहे हैं। मामला और गहरा सकता है।

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