Varanasi Gang Rape case : इंस्टाग्राम चैट और वीडियो सबूतों ने उलझाया मामला, SIT की जांच से सामने आएगा सच!
प्रमुख बिंदु-
वाराणसी, 17 अप्रैल 2025 (Varanasi Gang Rape case): उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पांडेपुर लालपुर थाना क्षेत्र में हुए चर्चित गैंगरेप मामले ने एक नया और सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। इस मामले ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोरी हैं, और अब नए सबूतों के सामने आने के बाद विशेष जांच दल (SIT) के गठन के साथ इसकी परतें खुलने की उम्मीद है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इस संवेदनशील मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आश्वासन दिया है, जिसकी रिपोर्ट एक महीने के भीतर सामने आएगी।
मामले की शुरुआत और आरोप
यह मामला तब सामने आया जब एक 19 वर्षीय युवती ने 29 मार्च से 4 अप्रैल 2025 तक 23 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर लालपुर-पांडेपुर थाने में 12 नामजद और 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़िता का दावा है कि उसे नशीला पदार्थ देकर शहर के विभिन्न स्थानों, जैसे कैफे, होटल और गेस्ट हाउस में ले जाया गया, जहां उसके साथ हैवानियत की गई। इस मामले में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें राज विश्वकर्मा, अनमोल गुप्ता, आयुष धूसिया, साजिद, और इमरान जैसे नाम शामिल हैं।

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नया मोड़: परिजनों के दावे और सबूत
मामले में नाटकीय बदलाव तब आया जब गुरुवार को गिरफ्तार आरोपियों के परिजन और उनके अधिवक्ता सैकड़ों की संख्या में पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य सौंपे, जिनमें इंस्टाग्राम चैट, सीसीटीवी फुटेज, और घटना के दिन के वीडियो शामिल हैं। परिजनों का दावा है कि ये साक्ष्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पीड़िता अपनी मर्जी से आरोपियों के साथ थी और घटना के बाद भी उसका व्यवहार सामान्य था।
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता ने कुछ आरोपियों से पैसे की मांग की और पैसे न देने पर उन्हें फंसाने की धमकी दी। उन्होंने दावा किया कि यह पूरा मामला योजनाबद्ध तरीके से रचा गया है और उनके बेटों को झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। इसके अलावा, कोर्ट में पीड़िता के बयान में विरोधाभास भी सामने आए, जहां उसने प्रारंभिक FIR में शामिल तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ आरोपों से इनकार कर दिया।

SIT का गठन और जांच का दायरा
इन नए साक्ष्यों और परिजनों की शिकायतों के बाद पुलिस कमिश्नर ने मामले की गहन जांच के लिए एक छह सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस SIT का नेतृत्व DCP क्राइम प्रमोद कुमार करेंगे, और इसमें तीन IPS और दो PPS अधिकारी शामिल हैं। SIT को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि अन्य अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी तब तक नहीं होगी, जब तक SIT ठोस सबूत पेश नहीं करती।
पुलिस कमिश्नर ने यह भी बताया कि प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर कोई आंतरिक चोट के निशान नहीं मिले, और न ही नशीले पदार्थ के लक्षण पाए गए। हालांकि, पीड़िता की मेडिकल जांच में उसे हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव पाया गया, जिसके कारण उसका इलाज बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में चल रहा है। इस बीच, पुलिस ने आरोपियों के डीएनए जांच के लिए सैंपल भेजे हैं, जिससे मामले की सच्चाई और स्पष्ट होने की उम्मीद है।
#WATCH | UP | On alleged gangrape case, Varanasi CP, Mohit Agrawal says, "On 6th April, an FIR was registered in which a 19-year-old woman alleged that a number of her friends raped her at separate locations on separate dates. The woman had accused a total of 23 people. In this… pic.twitter.com/ynmieCm7Sx
— ANI (@ANI) April 17, 2025
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सेक्स रैकेट का एंगल और आरोपी की भूमिका
जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस को गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोनों से 546 लड़कियों के अश्लील वीडियो मिले, जो उत्तर प्रदेश के अलावा छह अन्य राज्यों में साझा किए गए थे। इस मामले का कथित मास्टरमाइंड कांटिनेंटल कैफे का मालिक अनमोल गुप्ता बताया जा रहा है, जो एक बड़े सेक्स रैकेट का संचालन कर रहा था। यह रैकेट वाराणसी से लेकर महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, और तमिलनाडु तक फैला हुआ था।
पीएम मोदी की सख्ती और प्रशासनिक कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अप्रैल को अपने वाराणसी दौरे के दौरान इस मामले का संज्ञान लिया और पुलिस कमिश्नर, मंडलायुक्त, और जिलाधिकारी से विस्तृत जानकारी मांगी। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद DCP वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा को उनकी कार्यप्रणाली में लापरवाही के चलते वाराणसी से हटाकर लखनऊ डीजीपी मुख्यालय से अटैच कर दिया गया।

इस मामले ने न केवल वाराणसी बल्कि पूरे देश में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। SIT की जांच से यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि क्या यह एक जघन्य अपराध था या फिर एक सुनियोजित साजिश। पुलिस कमिश्नर ने आश्वासन दिया है कि जांच में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी और सच को सामने लाया जाएगा। इस बीच, शहर के अवैध बार, कैफे, और रेस्टोरेंट पर छापेमारी तेज कर दी गई है।