प्रमुख बिंदु-
Varanasi/Shri Krishna Janmashtami : काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव इस बार भी भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। 16 अगस्त की रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव (Shri Krishna Janmashtami) धूमधाम से होगा, जिसमें लड्डू गोपाल जन्म के ढाई घंटे बाद बाबा विश्वनाथ के मंगला स्वरूप के दर्शन करेंगे। यह दूसरा अवसर है जब काशी विश्वनाथ धाम में लड्डू गोपाल को पालने में विराजमान कर बाबा विश्वनाथ के साथ भक्तों को एक साथ दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। Shri Krishna Janmashtami के आयोजन में लाखों भक्त ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दर्शन कर सकेंगे।
जन्मोत्सव की शुरुआत और अनुष्ठान
Shri Krishna Janmashtami 16 अगस्त की रात 11:00 बजे से शुरू होगा और 17 अगस्त की मध्यरात्रि 12:05 बजे तक विधि-विधान के साथ मनाया जाएगा। जन्म के बाद मंगल गीत गाए जाएंगे और लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक होगा। इस पंचामृत को प्रसाद के रूप में हजारों भक्तों में वितरित किया जाएगा। जन्म के ढाई घंटे बाद, सुबह 2:30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे और 3:00 बजे मंगला आरती होगी।
इस दौरान लड्डू गोपाल को मंदिर के अर्चक पालने में गर्भगृह में ले जाएंगे, जहां वे बाबा विश्वनाथ के मंगला स्वरूप के दर्शन करेंगे। बाबा विश्वनाथ एक चांदी की थाली में भरे पानी में लड्डू गोपाल का प्रतिबिंब देखेंगे, ताकि नन्हा कान्हा उनके विकराल रूप से भयभीत न हो। यह परंपरा पुराणों में वर्णित उस घटना को दर्शाती है, जब भगवान शिव ने श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनकी परछाई देखी थी।

भव्य शोभायात्रा और मथुरा को उपहार
जन्मोत्सव के बाद भगवान कृष्ण को पालने में बैठाकर झूला झुलाया जाएगा और बाबा विश्वनाथ का महाअभिषेक होगा। मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ मोरपंख धारण करेंगे और लड्डू गोपाल के साथ भक्तों को एक साथ दर्शन होंगे। मंदिर परिसर में मंगल मंत्रोच्चार और ‘हर हर महादेव’ व ‘जय श्री कृष्ण’ के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो जाएगा।
काशी विश्वनाथ धाम ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लिए विशेष उपहार भेजे हैं, जिनमें कान्हा की पोशाकें, चॉकलेट, लड्डू, फल, मिठाइयां और धाम की मंगल वस्तुएं शामिल हैं। ये उपहार न्यास कार्यालय से डमरू दल और अर्चकों की टोली द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ को समर्पित किए गए और फिर मथुरा रवाना किए गए। मंदिर न्यास के पीआरओ ने बताया कि यह परंपरा काशी और मथुरा के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आदान-प्रदान को दर्शाती है, जैसा कि रंगभरी एकादशी पर मथुरा से उपहार प्राप्त होते हैं।

मंदिर की तैयारियां
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि Shri Krishna Janmashtami को ऐतिहासिक बनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिर परिसर को सजाया गया है और भक्तों के लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध होगी। एसडीएम शंभूशरण ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव पूरी भव्यता के साथ मनाया जाएगा। रात में लड्डू गोपाल को सत्यनारायण मंदिर में विश्राम कराया जाएगा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर में Shri Krishna Janmashtami का यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह परंपरा भगवान शिव और श्रीकृष्ण के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंध को दर्शाती है। पुरोहितों के अनुसार, यह आयोजन काशी की यशोदा परंपरा को जीवंत करता है, जिसमें माता यशोदा ने भगवान शिव को कान्हा का प्रतिबिंब दिखाया था। यह उत्सव काशी और मथुरा की आध्यात्मिक एकता को भी रेखांकित करता है।

Shri Krishna Janmashtami पर भक्तों के लिए विशेष अवसर
16 अगस्त की रात से 17 अगस्त की सुबह तक यह आयोजन लाखों भक्तों के लिए एक अनूठा अवसर होगा। देश-विदेश के सनातन धर्मी ऑनलाइन दर्शन के माध्यम से इस अलौकिक पल के साक्षी बनेंगे। मंदिर चौक में लड्डू गोपाल का अभिषेक और जन्म अनुष्ठान भक्तों के बीच उत्साह और भक्ति का संचार करेगा। मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ और लड्डू गोपाल के एक साथ दर्शन से काशी का धाम हरि और शिव की अद्भुत छटा से जगमगाएगा।

काशी विश्वनाथ मंदिर में Shri Krishna Janmashtami का यह उत्सव शिव और कृष्ण की भक्ति का अनूठा संगम है। लड्डू गोपाल और बाबा विश्वनाथ के दर्शन, मंगल गीत और पंचामृत प्रसाद से भक्तों का मन मोहित होगा। मथुरा को भेजे गए उपहार और काशी की यह परंपरा सनातन संस्कृति की गहराई को दर्शाती है। यह आयोजन काशी को एक बार फिर भक्ति और आध्यात्मिकता का केंद्र बनाएगा।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।