भारत ने आतंकवादियों को निशाना बनाया – थरूर
प्रमुख बिंदु-
वर्ल्ड डेस्क (Shashi Tharoor in America): 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिसे भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता का प्रतीक माना जा रहा है। इस कार्रवाई को वैश्विक मंच पर स्पष्ट करने के लिए भारत सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया, जिनमें से एक का नेतृत्व शशि थरूर कर रहे हैं। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, कोलंबिया और ब्राजील का दौरा करेगा।

शशि थरूर का न्यूयॉर्क में दमदार संबोधन
कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में अपने संबोधन में थरूर ने कहा, “हम एक ऐसे शहर में हैं, जो 9/11 जैसे क्रूर आतंकी हमले का दंश झेल चुका है। यह एक वैश्विक समस्या है, और हमें इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।” उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के 9/11 मेमोरियल दौरे को भावुक क्षण बताते हुए कहा कि यह दौरा आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का संदेश देता है।

थरूर ने जोर देकर कहा, “मैं विपक्षी पार्टी से हूं, लेकिन मैंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक लेख में लिखा था कि अब कठोर और चतुराई से हमला करने का समय है। भारत ने ठीक यही किया।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई नपे-तुले और सटीक हमलों पर केंद्रित थी, जो किसी लंबे युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत जवाब थी।
#WATCH | New York, US: During an interaction at the Consulate, Congress MP Shashi Tharoor says, " I don't work for the government, as you know. I work for an opposition party…I myself authored an op-ed…saying the time has come to hit hard but hit smart. I'm pleased to say… pic.twitter.com/9dPVuWzZJn
— ANI (@ANI) May 25, 2025
प्रतिनिधिमंडल का मिशन: पाकिस्तान की पोल खोलना
केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को वैश्विक मंच पर मजबूती से पेश करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों सहित विभिन्न देशों का दौरा करेंगे। थरूर के नेतृत्व वाला समूह अमेरिका, पनामा, गुयाना, कोलंबिया और ब्राजील का दौरा करेगा। इस समूह में शांभवी चौधरी (LJP राम विलास), डॉ. सरफराज अहमद (JMM), जीएम हरीश बालयोगी (TDP), शशांक मणि त्रिपाठी (BJP), भुवनेश्वर कलिता (BJP), मिलिंद मुरली देवड़ा (शिवसेना), तरणजीत सिंह संधू और तेजस्वी सूर्या (BJP) शामिल हैं।

थरूर ने कहा, “हम कार्यपालिका, विधायिका, विदेश नीति विशेषज्ञों और मीडिया से मिलकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई दुनिया के सामने लाएंगे।” उन्होंने द रेजिस्टेंस फ्रंट और लश्कर-ए-तैयबा के संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र को 2023 और 2024 में इस संगठन के खिलाफ सबूत दिए थे, लेकिन पाकिस्तान और चीन के विरोध के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी।
थरूर ने न्यूयॉर्क में कहा, “भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिखाया कि हम सटीकता के साथ जवाब दे सकते हैं। हम शांति चाहते हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे।” उन्होंने पीएम मोदी के “न्यू नॉर्मल” के संकल्प का भी जिक्र किया, जिसमें आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा जवाब देना भारत की नई नीति है। थरूर ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

कांग्रेस में विवाद: थरूर के चयन पर सवाल
थरूर को प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपे जाने पर कांग्रेस के भीतर विवाद छिड़ गया। पार्टी ने दावा किया कि उन्होंने थरूर का नाम प्रस्तावित नहीं किया था, बल्कि चार अन्य सांसदों—आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, नासिर हुसैन और एक अन्य—के नाम सुझाए थे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे सरकार की “निष्ठाहीनता” करार दिया। वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि थरूर की वाकपटुता और विदेश नीति में अनुभव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद की कूटनीतिक पहल भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाती है। शशि थरूर के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि भारत न केवल सैन्य कार्रवाई बल्कि कूटनीति के जरिए भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।