Saugat-E-Modi : कपड़े, मिठाई से भरी 500 से 600 रुपये की ईद किट: BJP माइनॉरिटी मोर्चा की मेगा योजना
प्रमुख बिंदु
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) माइनॉरिटी मोर्चा ने “सौगात-ए-मोदी” (Saugat-E-Modi) अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत देशभर के 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को ईद से पहले विशेष किट्स वितरित की जाएंगी। यह अभियान कल मंगलवार को दिल्ली के निजामुद्दीन से शुरू हुआ। इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गरीब मुस्लिम परिवार बिना किसी परेशानी के अपना ईद का त्योहार मना सकें। सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक किट की कीमत 500 से 600 रुपये के बीच है, जिसके आधार पर इस अभियान का कुल खर्च लगभग 160 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

किट में क्या है खास?
“सौगात-ए-मोदी” किट में मुस्लिम परिवारों को अपना त्यौहार मनाने के लिए जरूरी सामानों की भरमार होगी। इसमें खाने-पीने की चीजें जैसे सेवइयां, आटा, खजूर, ड्राई फ्रूट्स और चीनी शामिल होंगी, ताकि त्योहार की तैयारी में कोई कमी न रहे। इसके साथ ही कपड़े भी दिए जाएंगे, जिसमें महिलाओं के लिए सूट का कपड़ा और पुरुषों के लिए कुर्ता-पजामा होगा। बीजेपी माइनॉरिटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने और ईद जैसे खास मौकों पर यह अभियान जरूरतमंदों तक पहुंचेगा। 32,000 कार्यकर्ता देशभर की 32,000 मस्जिदों के साथ मिलकर इस सौगात को गरीबों तक पहुंचाएंगे।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

बीजेपी और उसके लोगों को हर त्योहार मनाना चाहिए। समाजवादियों का हमेशा से मानना रहा है कि सभी त्योहार मनाए जाने चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। यह खुशी की बात है कि बीजेपी अब बड़े पैमाने पर त्योहार मना रही है। बीजेपी ऐसी पार्टी है जो एक भी वोट पाने के लिए कुछ भी कर सकती है।
– समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव
भाजपा द्वारा ईद, बैसाखी, गुड फ्राइडे, ईस्टर पर 32 लाख गरीब अल्पसंख्यक परिवारों तक ’सौगात-ए-मोदी’ के रूप में पीएम का ’प्रेम संदेश व भेंट’ पहुँचाने की घोषणा यह केवल इनका राजनीतिक स्वार्थ। जब मुस्लिम व बहुजन समाज जान-माल, मजहब की सुरक्षा को लेकर दुखी व चिन्तित तो इसका क्या लाभ? जबकि बेहतर होता अगर भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारें मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के कुछ गरीब परिवारों को यह सौगात-ए-मोदी देने की बजाय उनकी अपार गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ापन आदि को दूर करने के लिए रोजगार की स्थायी व्यवस्था करतीं व उनकी सुरक्षा पर भी उचित ध्यान देती।
– बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती


बिहार चुनाव के मद्देनज़र बीजेपी की ये कोशिश है। मुसलमान के लिए अगर बीजेपी कुछ कर सकती है तो उनके लिए न्याय करे, उनका उन्हें हक दिलाए। यही सबसे बड़ी सौगात होगी’।
– सपा सांसद अफजाल अंसारी
उन्हें अपराधबोध हो रहा है क्योंकि उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच की भाईचारे को नष्ट कर दिया है, जो देश की आजादी के लिए एक साथ लड़े थे। अब अगर बीजेपी को लगता है कि वे सौगातें देकर चीजों को ठीक कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि वे मूर्खों के स्वर्ग में जी रहे हैं।
– कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी


अगर दिवाली पर सरकार हिंदू लोगों की मदद करती है और उसी तरह अगर सरकार ने 36 लाख मुस्लिम लोगों की मदद करने का फैसला किया है, तो हम इसका स्वागत करते हैं। हालांकि, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में नकली ‘हिंदुत्ववादी’ लोग मुसलमानों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। मैं उनकी इस ‘सौगात-ए-मोदी’ पर प्रतिक्रिया जानना चाहता हूँ। क्या वे इसे स्वीकार करेंगे?
– शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत
बीजेपी का दावा: सबका साथ, सबका विकास
ANI के रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी माइनॉरिटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा, “रमजान के पवित्र महीने और ईद, गुड फ्राइडे, ईस्टर जैसे अवसरों पर हम जरूरतमंदों तक पहुंचेंगे। जिला स्तर पर ईद मिलन समारोह भी आयोजित होंगे।” वहीं, मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी यासिर जिलानी ने इसे बीजेपी की कल्याणकारी योजनाओं को मुस्लिम समुदाय तक पहुंचाने और राजनीतिक समर्थन जुटाने की रणनीति बताया। इस योजना के तहत बीजेपी माइनॉरिटी मोर्चा 32 लाख मुस्लिम परिवारों और 3 हजार मस्जिदों तक पहुंचने की योजना बना रहा है। 32 लाख किट्स का खर्च बीजेपी के अपने संसाधनों से किया जा रहा है, जो इस अभियान को और भी अहम बनाता है।
(ANI के इनपुट के साथ)
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।