CBI की चार्जशीट के बाद बिगड़ी पूर्व J&K राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत, दिल्ली अस्पताल में भर्ती

CBI की सख्त कार्रवाई के तुरंत बाद स्वास्थ्य बिगड़ा, सत्यपाल मलिक ने अस्पताल से कहा – “मैं ही था घोटाले का व्हिसलब्लोअर”

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरुवार को CBI द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल करने के कुछ घंटों बाद अस्पताल से अपनी एक तस्वीर साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी तबीयत बहुत खराब है। पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक इस समय दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, उनकी दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया है, जिसके कारण उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ गई है। यह खबर उनके समर्थकों और शुभचिंतकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

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CBI की छापेमारी और चार्जशीट

हाल ही में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सत्या पाल मलिक और छह अन्य लोगों के खिलाफ किरु हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह प्रोजेक्ट जम्मू के किश्तवाड़ जिले में 2,200 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। मलिक ने पहले इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके बाद CBI ने जांच शुरू की। उनके सहयोगियों ने इसे “बदले की राजनीति” करार दिया है। यह चार्जशीट तब दाखिल की गई, जब मलिक अस्पताल में भर्ती थे, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया।

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मलिक का बयान – “मैं ही था घोटाले का व्हिसलब्लोअर”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अस्पताल में भर्ती होने के दौरान एक गंभीर बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने खुद को 2,200 करोड़ रुपये के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट घोटाले का व्हिसलब्लोअर बताया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सबसे पहली जानकारी और शिकायत उन्होंने ही की थी, और अब उसी घोटाले में उन्हें आरोपी बनाया जा रहा है।

उन्होंने अस्पताल से जारी तस्वीर के साथ यह भी लिखा:
मेरी तबीयत बहुत खराब है, लेकिन मैं सच बोलने से नहीं डरता। मैंने जो भ्रष्टाचार देखा, उसे उजागर किया, और अब मुझे ही टारगेट किया जा रहा है।

उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब CBI ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है और देशभर में उनके करीबियों के घर छापेमारी की गई है। ऐसे में उनका यह बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में काफी चर्चा में है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और समर्थन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटनाक्रम पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:“अगर कोई पूर्व राज्यपाल सच बोलता है, तो उसके घर पर CBI भेजी जाती है।”राहुल गांधी का यह बयान उस संदर्भ में था जब मलिक ने पुलवामा हमले और अन्य सरकारी नीतियों को लेकर भाजपा नेतृत्व की आलोचना की थी। कांग्रेस पार्टी ने इसे “लोकतंत्र की आवाज़ को दबाने का प्रयास” बताया है और मांग की है कि मलिक के स्वास्थ्य की पारदर्शी मेडिकल रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी CBI कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:“जो व्यक्ति भ्रष्टाचार उजागर करता है, वही निशाने पर आता है। सत्यपाल मलिक ने जो कहा, वह राष्ट्रहित में था। अब उन्हें CBI और बीमारी के दोहरे संकट में झोंका जा रहा है।”संजय सिंह ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या हर व्हिसलब्लोअर का यही हश्र होगा?

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सीपीएम और सीपीआई जैसे वामपंथी दलों ने भी मलिक के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपने संवैधानिक पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की, उसे आरोपी बनाना सीधे-सीधे लोकतंत्र का अपमान है |भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। हालांकि कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने निजी तौर पर कहा कि “CBI स्वतंत्र संस्था है और वह अपने हिसाब से काम कर रही है।”

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राजनीतिक सफर

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन दशकों में फैला हुआ है, जिसमें उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों और प्रशासनिक भूमिकाओं में कार्य किया। 1946 में उत्तर प्रदेश के बागपत में जन्मे मलिक ने पॉलिटिकल साइंस में एमए और एलएलबी किया। वे 1970 के दशक में राजनीति में सक्रिय हुए और राज्यसभा, लोकसभा सांसद तथा केंद्रीय मंत्री जैसे पदों पर कार्य किया।

विभिन्न दलों से जुड़े रहने के बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़कर चार राज्यों—बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय—में राज्यपाल के रूप में कार्य किया। जम्मू-कश्मीर में उनके कार्यकाल के दौरान अनुच्छेद 370 को हटाया गया, जो एक ऐतिहासिक घटना थी।

हाल ही में उन्होंने किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक की थी। अब CBI ने इसी मामले में उन्हें चार्जशीट किया है। चार्जशीट के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आई और उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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