प्रमुख बिंदु-
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) जिले में दशहरे के पावन पर्व पर प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। राया बुजुर्ग गांव में तालाब की सरकारी जमीन पर बने मैरिज हॉल को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया, जबकि बगल में बनी मस्जिद को गिराने की तैयारी जोरों पर है। भारी पुलिस बल की तैनाती और ड्रोन निगरानी के बीच यह कार्रवाई चल रही है। स्थानीय लोगों में तनाव है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है।
मैरिज हॉल जमींदोज, मस्जिद पर भी कार्रवाई
गुरुवार सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में पांच बुलडोजरों ने जनता मैरिज हॉल की दीवारें ढहा दीं। यह हॉल करीब 30 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में फैला था और तालाब की 2160 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध रूप से खड़ा किया गया था। संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि यह प्लॉट नंबर 691 पर तालाब भूमि है, जबकि बगल का प्लॉट 469 खाद गड्ढे के लिए आरक्षित था। एसपी केके बिश्नोई ने कहा, “यह अवैध कब्जा था। 30 दिनों का नोटिस दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर प्रशासन ने खुद हाथ में लिया।”

मस्जिद, जो 550 वर्ग फीट में बनी है, को गिराने का काम अभी बाकी है। मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने डीएम-एसपी से मिलकर चार दिनों का वक्त मांगा, ताकि वे खुद इसे हटा सकें। हालांकि, डीएम ने कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया। तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, दोनों निर्माण 10-15 साल पुराने हैं और इन्हें मिंजार हुसैन नामक व्यक्ति ने बनवाया था, जो मस्जिद के मौलवी भी हैं। कार्रवाई के दौरान मलबे को ट्रॉली में भरकर हटाया जा रहा है, और पूरा इलाका सील कर दिया गया है।

प्रशासन की तैयारी: छावनी बना गांव, ड्रोन से चौकसी
राया बुजुर्ग गांव, जो संभल मुख्यालय से महज 30 किमी दूर है, आज पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। करीब 200 पुलिसकर्मी, पीएसी जवान और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात हैं। ड्रोन कैमरों से हवाई निगरानी की जा रही है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। बुधवार शाम को ही गांव में बैठक बुलाकर ग्रामीणों को घरों में रहने की हिदायत दी गई थी। एसपी बिश्नोई ने चेतावनी दी कि किसी भी विरोध की कोशिश पर सख्ती की जाएगी।
यह कार्रवाई जून 2025 में जारी पहले नोटिस के बाद हुई, जब राजस्व विभाग ने धारा 67 के तहत सर्वे किया। 13 सितंबर को लाल निशान लगाए गए थे, और 2 सितंबर को अंतिम नोटिस जारी हुआ। तहसीलदार कोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद ध्वस्तीकरण का आदेश दिया। कोई अपील न होने से एक्शन तेजी से आगे बढ़ा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इससे तालाब का प्राकृतिक स्वरूप बहाल होगा, लेकिन कुछ लोग आर्थिक नुकसान की बात कर रहे हैं।

10 साल पुराना कब्जा
यह मामला असमोली थाना क्षेत्र के राया बुजुर्ग गांव का है, जहां ग्राम समाज की तालाब भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायतें लंबे समय से थीं। जून 2025 में शुरू हुए जिला-व्यापी सर्वे में यह मस्जिद-मदरसा और मैरिज हॉल सामने आया। तहसीलदार सिंह ने बताया कि मिंजार हुसैन ने बिना अनुमति के निर्माण करवाया। एक तरफ प्रशासन का दावा है कि यह सरकारी संपत्ति की रक्षा का कदम है, वहीं कुछ ग्रामीणों का मानना है कि पुराने कब्जे को अब क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
पिछले कुछ महीनों में संभल में कई ऐसी कार्रवाइयां हुई हैं, जैसे जून में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर मंदिर-मस्जिद पर बुलडोजर चला। सितंबर में भी नॉनवेज होटल और मदरसों पर एक्शन लिया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह योगी सरकार की ‘अतिक्रमण मुक्त अभियान’ का हिस्सा है, लेकिन इससे सामुदायिक तनाव बढ़ने का खतरा रहता है। मस्जिद कमेटी का अनुरोध स्वीकार होता है या नहीं, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।