S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ से भारतीय वायुसेना ने पाक हमले की साजिश नाकाम की, जवाब में हार्पी ड्रोन्स से लाहौर का रडार सिस्टम तबाह
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना ने बुधवार रात पाकिस्तान की ओर से भारत के कई शहरों पर हमले की नापाक कोशिश को नाकाम कर दिया। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने अपनी अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ‘S-400 सुदर्शन चक्र मिसाइल सिस्टम’ का इस्तेमाल कर सभी दुश्मन टारगेट्स को हवा में ही नष्ट कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने इसराइली हार्पी ड्रोन्स का उपयोग करते हुए पाकिस्तान के लाहौर में स्थित रडार सिस्टम को पूरी तरह तबाह कर दिया। यह कार्रवाई भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से चरम पर है।
S-400 ट्रायम्फ, जिसे रूस की अल्माज़-एंटे कंपनी ने विकसित किया है, दुनिया की सबसे उन्नत सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों में से एक है। भारत ने इसे 2018 में 5.43 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत रूस से खरीदा था। यह प्रणाली हवाई खतरों जैसे लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल और स्टील्थ विमानों को हवा में ही नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

S-400 सुदर्शन चक्र का पहला युद्धक इस्तेमाल
भारत ने पहली बार युद्ध की स्थिति में S-400 सुदर्शन चक्र मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल किया। यह प्रणाली रूस द्वारा विकसित दुनिया की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है। इसका नाम भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र के साथ जोड़ा गया है, जो इसकी सटीकता और अजेयता को दर्शाता है। S-400 ने पाकिस्तान के ड्रोन्स और मिसाइलों को 400 किलोमीटर की रेंज में हवा में ही नष्ट कर दिया। इस सिस्टम ने श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा और चंडीगढ़ जैसे शहरों और सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश को पूरी तरह विफल कर दिया।
India's 🇮🇳 S-400 Air Defence system 👏🏻
— Richard Kettleborough (@RichKettle07) May 8, 2025
~ Developed by Russia's Almaz-Antey, the S-400 is among the most advanced long-range surface-to-air missile systems in the world
~ Look at the Trailer of S-400 👇🏻 #Lahore pic.twitter.com/KmXn1knIlI
S-400 की ताकत और तकनीक
S-400 ट्रायम्फ एक मल्टी-लेयर वायु रक्षा प्रणाली है, जो फाइटर जेट, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन्स जैसे हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। इसकी रेंज 40 से 400 किलोमीटर तक है और यह 100 से 40,000 फीट की ऊंचाई पर टारगेट्स को भेद सकता है। एक रेजीमेंट में आठ लॉन्चर होते हैं, प्रत्येक में चार मिसाइलें, यानी एक बार में 32 मिसाइलें दागी जा सकती हैं।

इसका रडार 600 किलोमीटर तक टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है और एक साथ 80 टारगेट्स पर नजर रखते हुए 36 पर निशाना साध सकता है। S-400 की मिसाइलें स्टील्थ विमानों और न्यूक्लियर मिसाइलों को भी नष्ट करने में सक्षम हैं। यह -50 से -70 डिग्री सेल्सियस तापमान में काम कर सकती है और 5-10 मिनट में तैनात हो जाती है।
हार्पी ड्रोन्स से जवाबी हमला
पाकिस्तान के हमले को नाकाम करने के बाद भारत ने इसराइली हार्पी ड्रोन्स से जवाबी कार्रवाई की। ये ड्रोन्स इसराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित लोइटरिंग म्युनिशन सिस्टम हैं, जो निगरानी और हमले दोनों में सक्षम हैं। हार्पी ड्रोन्स ने लाहौर के रडार सिस्टम को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को बड़ा झटका लगा। ये ड्रोन्स 9 घंटे तक उड़ सकते हैं और 1,000 किलोमीटर की रेंज में हमला करने में सक्षम हैं। इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, इंफ्रारेड और सीसीडी कैमरों से लैस ये ड्रोन्स रडार को चकमा दे सकते हैं, जिससे इन्हें रोकना मुश्किल होता है।
पाकिस्तान की नाकाम कोशिश
पाकिस्तान ने बुधवार रात भारत के 15 शहरों और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमले की कोशिश की। टारगेट्स में श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, आदमपुर और चंडीगढ़ के सैन्य अड्डे शामिल थे। भारतीय वायुसेना की सतर्कता और S-400 की ताकत ने इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारी सेनाएं हर स्थिति के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान की कोई भी नापाक हरकत कामयाब नहीं होगी।
संरचना और उपकर
- रडार सिस्टम (91N6E बिग बर्ड) : यह 600 किलोमीटर तक की दूरी पर टारगेट्स को पहचान सकता है। यह 360-डिग्री निगरानी प्रदान करता है और 300 टारगेट्स को एक साथ ट्रैक कर सकता है।
- कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (55K6E) : यह रडार से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण करता है और हमले की रणनीति बनाता है।
- मिसाइल लॉन्चर (5P85TE2) : प्रत्येक रेजीमेंट में आठ लॉन्चर होते हैं और हर लॉन्चर में चार मिसाइलें होती हैं। एक रेजीमेंट एक बार में 32 मिसाइलें दाग सकता है।
- एंटी-एयर मिसाइलें : चार प्रकार की मिसाइलें (40N6E, 48N6, 9M96E, 9M96E2) जो 40 से 400 किलोमीटर की रेंज में टारगेट्स को नष्ट कर सकती हैं।
- सहायक रडार (96L6E) : कम ऊंचाई वाले टारगेट्स, जैसे क्रूज मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए।

भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर अपनी अपार ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का परिचय देते हुए, S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ और हार्पी ड्रोन के सटीक उपयोग से पाकिस्तान के लाहौर स्थित रडार सिस्टम को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया। यह ऑपरेशन भारत की रक्षा क्षमता और सामरिक कौशल का शानदार प्रदर्शन है, जिसने न केवल सीमा पर दुश्मन की हरकतों को कुचला, बल्कि दुनिया को भारत की अजेय सैन्य शक्ति का संदेश भी दिया।
S-400 की लंबी दूरी की मारक क्षमता और हार्पी ड्रोन की रडार-विनाशक चालाकी ने पाकिस्तान को स्तब्ध कर दिया, जिससे भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को और मजबूती मिली। यह उपलब्धि हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है, जो हमारी सेना की नायाब ताकत और देशभक्ति को दर्शाती है।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।