प्रमुख बिंदु-
IAF Chief Operation Sindoor: भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उसके छह सैन्य विमानों को मार गिराया, जिसमें पांच फाइटर जेट और एक महत्वपूर्ण निगरानी विमान शामिल था। यह खुलासा भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने 9 अगस्त 2025 को बेंगलुरु में आयोजित 16वें एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर के दौरान किया।
उन्होंने बताया कि रूस से खरीदा गया S-400 एयर डिफेंस सिस्टम इस ऑपरेशन में गेम-चेंजर साबित हुआ, जिसने 300 किलोमीटर की दूरी से पाकिस्तानी विमानों को निशाना बनाया। यह पहली बार है जब भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान पर आधिकारिक बयान दिया है। इस ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तान की सैन्य ताकत को झटका दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की रणनीतिक ताकत को प्रदर्शित किया।
ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले का जवाब
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई 2025 की रात को हुई थी, जो 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। भारत ने इस हमले को जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जोड़ा। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने बताया कि बहावलपुर और मुरिदके में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालयों पर सटीक हमले किए गए। सैटेलाइट तस्वीरों और स्थानीय मीडिया के जरिए इन हमलों की पुष्टि हुई, जिसमें आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया, जबकि आसपास की इमारतें सुरक्षित रहीं।

S-400: पाकिस्तान के लिए अभेद्य दीवार
ऑपरेशन सिंदूर में भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। एयर चीफ मार्शल सिंह ने बताया कि इस सिस्टम ने पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट्स, जिनमें JF-17, दो F-16 और एक C-130J शामिल थे, साथ ही एक SAAB-2000 AEW&C (एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल) विमान को 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया। यह अब तक का सबसे लंबी दूरी का सतह-से-हवा हमला माना जा रहा है।
S-400 की रेंज और सटीकता ने पाकिस्तानी वायुसेना को भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसने से रोका और उनके लंबी दूरी के ग्लाइड बमों को बेअसर कर दिया। पाकिस्तान का SAAB-2000 AEW&C, जिसे उनकी वायुसेना की “तीसरी आंख” कहा जाता है, इस हमले में नष्ट होने से उनकी निगरानी क्षमता को 75% तक नुकसान पहुंचा।

पाकिस्तान की हार और युद्धविराम
ऑपरेशन सिंदूर के 80-90 घंटों के भीतर भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना के 11 एयरबेसों पर सटीक हमले किए, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और उन्नत ड्रोनों का उपयोग हुआ। जैकबाबाद एयरबेस पर F-16 हैंगर का आधा हिस्सा ध्वस्त हो गया, और मुरिद व चकलाला के कमांड सेंटर्स सहित छह रडार भी नष्ट किए गए। इस भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान ने 10 मई 2025 को डीजीएमओ स्तर पर बातचीत की पेशकश की और युद्धविराम स्वीकार किया।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन सटीक और संयमित था, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्यस्थता के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि युद्धविराम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत से हुआ।

रणनीतिक समय और वैश्विक प्रभाव
एयर चीफ मार्शल सिंह का यह खुलासा ऑपरेशन के तीन महीने बाद आया, जिसने कई सवाल खड़े किए। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सैटेलाइट इमेजरी, रडार डेटा और स्थानीय खुफिया जानकारी के विश्लेषण में समय लगा, जिसके कारण नुकसान की पुष्टि में देरी हुई।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को वॉशिंगटन पोस्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी स्वीकार किया, जिसने पाकिस्तान को हुए भारी नुकसान की पुष्टि की। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित कर भारत के दावों को और मजबूती दी। यह ऑपरेशन न केवल सैन्य दृष्टिकोण से बल्कि राजनयिक स्तर पर भी भारत की स्थिति को मजबूत करने वाला साबित हुआ।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।