Russia Earthquake: रूस के कामचटका में आया 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप, जापान और प्रशांत क्षेत्र सुनामी का खतरा

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Petropavlovsk/Kamchatsky: रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप के पास बुधवार सुबह 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली Earthquake आया, जिसने प्रशांत महासागर के कई देशों में सुनामी की चेतावनी और व्यापक निकासी के आदेशों को जन्म दिया। इस भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की शहर से 126 किलोमीटर (80 मील) दक्षिण-पूर्व में और 19.3 किलोमीटर की गहराई पर था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह भूकंप अब तक के छठे सबसे बड़े भूकंपों में से एक है। Earthquake के बाद कामचटका में 3 से 4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें दर्ज की गईं, जिससे रूस और जापान के तटीय क्षेत्रों में नुकसान की खबरें सामने आई हैं।

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Earthquake-Tsunami का प्रभाव

कामचटका प्रायद्वीप, जो प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस भूकंप ने रूस के उत्तरी कुरिल द्वीपों में सखालिन क्षेत्र के सेवेरो-कुरिल्स्क बंदरगाह शहर में बाढ़ का कारण बना, जहां लगभग 2,000 निवासियों को निकाला गया। रूसी आपातकाल मंत्रालय के अनुसार, 3 से 4 मीटर ऊंची सुनामी लहरों ने तटीय क्षेत्रों को प्रभावित किया, जिससे एक मछली प्रसंस्करण संयंत्र और अन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा।

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कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोडोव ने इसे “दशकों में सबसे शक्तिशाली भूकंप” बताया। स्थानीय स्वास्थ्य मंत्री ओलेग मेलनिकोव ने बताया कि कुछ लोग भागते समय घायल हुए, लेकिन कोई गंभीर चोट या मृत्यु की सूचना नहीं मिली है। एक किंडरगार्टन की इमारत की बाहरी दीवार को भी नुकसान पहुंचा।

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जापान में सुनामी और निकासी

जापान की मौसम एजेंसी ने Earthquake के बाद तुरंत सुनामी चेतावनी जारी की, जिसमें होक्काइडो से वाकायामा तक पूर्वी और उत्तरी तटीय क्षेत्रों में 3 मीटर तक ऊंची लहरों की आशंका जताई गई। जापान के फायर एंड डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने 133 नगरपालिकाओं में 9 लाख से अधिक लोगों को निकासी का परामर्श दिया। होक्काइडो के नेमुरो तट पर 30 से 40 सेंटीमीटर ऊंची प्रारंभिक लहरें दर्ज की गईं, जो अनुमान से कम थीं।

जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने लोगों से आग्रह किया कि वे चेतावनी समाप्त होने तक सुरक्षित स्थानों पर रहें, क्योंकि दूसरी और तीसरी लहरें अधिक खतरनाक हो सकती हैं। जापान, जो 2011 में 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी से प्रभावित हुआ था, उन्होंने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से कर्मचारियों को निकाला, लेकिन कोई असामान्यता नहीं पाई गई।

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हवाई और अन्य प्रशांत क्षेत्रों में अलर्ट

हवाई में सुनामी चेतावनी के बाद तटीय क्षेत्रों से लोगों को ऊंचे स्थानों या इमारतों की चौथी मंजिल पर जाने के निर्देश दिए गए। हवाई के गवर्नर जोश ग्रीन ने कहा कि मिडवे द्वीप समूह से प्राप्त डेटा के अनुसार, 6 फीट ऊंची लहरें आ सकती हैं, जो कारों और बाड़ को हटा सकती हैं। होनोलूल में यातायात जाम की स्थिति बनी, क्योंकि लोग तटीय क्षेत्रों से भाग रहे थे।

सुनामी की पहली लहर हवाई में स्थानीय समयानुसार शाम 7:17 बजे (05:00 GMT) पहुंचने की उम्मीद थी। अलास्का, कैलिफोर्निया और कनाडा के पश्चिमी तटों के लिए भी सुनामी वॉच जारी किया गया। गुआम और माइक्रोनेशिया के अन्य द्वीपों में समुद्र तल में उतार-चढ़ाव और मजबूत धाराओं की चेतावनी दी गई। पेरू, इक्वाडोर और न्यूजीलैंड ने भी तटीय क्षेत्रों में सतर्कता और निकासी के आदेश जारी किए।

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1952 के भूकंप से तुलना

यह भूकंप 4 नवंबर 1952 के 9.0 तीव्रता वाले कामचटका Earthquake की याद दिलाता है, जो उस क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। उस घटना ने हवाई में 9.1 मीटर ऊंची सुनामी लहरें उत्पन्न की थीं, लेकिन सुदूर क्षेत्र होने के कारण कोई मृत्यु नहीं हुई थी। वर्तमान Earthquake, हालांकि तीव्र, 1952 की तुलना में कम विनाशकारी रहा, क्योंकि इसका केंद्र गहराई में कम था और जनसंख्या कम घनी थी। रूसी भूभौतिकी सेवा के अनुसार,Earthquake 6.9 तीव्रता तक के 30 से अधिक आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए, लेकिन और मजबूत झटकों की आशंका नहीं है।

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वैश्विक प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा कि हवाई, अलास्का और अमेरिका के पश्चिमी तट पर सुनामी चेतावनी प्रभावी है। जापान भी प्रभावित है। कृपया tsunami.gov पर नवीनतम जानकारी देखें। मजबूत रहें और सुरक्षित रहें! न्यूजीलैंड ने तटीय क्षेत्रों में असामान्य धाराओं और लहरों की चेतावनी जारी की, जबकि फिलीपींस और इंडोनेशिया में 1 मीटर से कम ऊंची लहरों की आशंका जताई गई।

8.8 तीव्रता का यह Earthquake और इसके बाद की सुनामी ने प्रशांत क्षेत्र में हलचल मचा दी है। हालांकि रूस और जापान में प्रारंभिक नुकसान सीमित रहा, लेकिन निकासी और सतर्कता के उपाय जारी हैं। कामचटका में बाढ़ और क्षति की खबरें हैं, जबकि जापान में छोटी लहरें दर्ज की गईं। यह घटना रिंग ऑफ फायर की भूकंपीय सक्रियता को रेखांकित करती है और प्रशांत देशों को भविष्य में ऐसी आपदाओं के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर देती है।

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