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नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर कोर्ट का डंडा पड़ गया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को IRCTC होटल घोटाले और लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप तय कर दिए। लालू परिवार ने इन आरोपों को साजिश करार दिया, लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि रेल मंत्री रहते लालू ने अपनी हैसियत का दुरुपयोग किया। यह फैसला RJD के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, जब सीट बंटवारे की बात चल रही है।
कोर्ट में व्हीलचेयर पर लालू, इनकार पर अड़ी राबड़ी-तेजस्वी
सुबह 10 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे लालू प्रसाद व्हीलचेयर पर थे, जबकि राबड़ी और तेजस्वी उनके साथ पैदल। जज ने राबड़ी से पूछा, “आरोपों पर क्या कहेंगी?” राबड़ी ने जवाब दिया, “मैं किसी साजिश या धोखे में शामिल नहीं हूं।” तेजस्वी और लालू ने भी आरोपों को झूठा बताते हुए इनकार किया। कोर्ट ने CBI की दलीलों को सही मानते हुए कहा, “टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप साफ दिख रहा है। लालू की जानकारी में ही यह सब रचा गया।” सुनवाई के दौरान लालू परिवार ने कोई गवाही नहीं दी, लेकिन कोर्ट ने चार्जशीट को आधार बनाकर मुकदमा चलाने का आदेश दे दिया।
दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ हुई, लेकिन लैंड फॉर जॉब्स में उनकी मौजूदगी जरूरी न होने पर वे जल्दी ही कोर्ट से निकल गए। CBI के वकील ने तर्क दिया कि ये घोटाले 2004-09 के बीच हुए, जब लालू रेल मंत्री थे। कोर्ट ने IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप फ्रेम किए। अगली सुनवाई पर तीनों को फिर हाजिर होने का आदेश है।

क्या है IRCTC घोटाला?
IRCTC मामला (IRCTC Scam) 2005-06 का है, जब लालू रेल मंत्री थे। CBI के मुताबिक, रांची और पुरी के दो प्रीमियम IRCTC होटलों (BNR होटल्स) को लीज पर देने के टेंडर में हेराफेरी की गई। कोचर बंधुओं की कंपनी सुजाता होटल्स को फायदा पहुंचाने के लिए नियम तोड़े गए। IRCTC के तत्कालीन एमडी पीके गोयल ने यह प्रक्रिया पूरी की, लेकिन CBI का दावा है कि लालू की मंजूरी के बिना यह संभव न था।
बदले में, 25 फरवरी 2005 को कोचर ने पटना के बेली रोड पर 3 एकड़ कृषि जमीन सरला गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (DMCL) को सिर्फ 1.47 करोड़ में बेच दी। बाजार मूल्य 1.93 करोड़ था, और स्टांप ड्यूटी में भी गड़बड़ी हुई। 2010-14 के बीच यह बेनामी प्रॉपर्टी लालू परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट्स को महज 65 लाख में ट्रांसफर हो गई। सर्कल रेट के हिसाब से इसकी कीमत 32 करोड़ और बाजार में 94 करोड़ बताई जाती है। CBI ने 7 जुलाई 2017 को FIR दर्ज की और 12 ठिकानों पर छापे मारे। 16 अप्रैल 2018 को चार्जशीट दाखिल हुई। कोर्ट ने कहा, “यह साफ रिश्वत का मामला है, जहां टेंडर प्रक्रिया को तोड़ा-मरोड़ा गया।”

क्या है लैंड फॉर जॉब्स घोटाला?
यह स्कैम (Land for Jobs Scam) भी लालू के रेल मंत्री काल (2004-09) का है। CBI का आरोप है कि ग्रुप-डी नौकरियां देने के बदले उम्मीदवारों से जमीनें ‘गिफ्ट’ कराई गईं। ये नियुक्तियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोनों में हुईं। लालू परिवार के मुखिया की पत्नी राबड़ी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर बिहार में 1 लाख वर्ग फुट से ज्यादा जमीन 26 लाख में हासिल हुई, जबकि सर्कल रेट 4.39 करोड़ था। ज्यादातर मामलों में कैश पेमेंट हुआ।
तेजस्वी पर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ का बंगला सस्ते में लेने का आरोप है। हृदयानंद चौधरी (राबड़ी के पूर्व कर्मचारी) ने एक उम्मीदवार से जमीन ली और हेमा को गिफ्ट कर दी। अमित कात्याल ने लालू परिवार के लिए शेल कंपनियां बनाईं, जिनके शेयर मामूली रकम में ट्रांसफर हो गए। ईडी ने कात्याल को गिरफ्तार किया था। CBI ने मई 2022 में FIR दर्ज की, जून 2025 में कोर्ट में दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने इसे “सिस्टमेटिक साजिश” करार दिया।

बिहार पॉलिटिक्स में भूचाल
बिहार चुनाव नजदीक हैं, जहां RJD महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अटकी हुई है। यह फैसला लालू परिवार की छवि को धक्का दे सकता है। BJP ने इसे “कर्म का फल” बताते हुए हमला बोला, जबकि RJD ने इसे “राजनीतिक साजिश” कहा। तेजस्वी ने बाहर निकलते हुए पत्रकारों से कहा, “सच्चाई सामने आएगी।” विशेषज्ञों का मानना है कि इससे युवा वोटर प्रभावित हो सकते हैं, खासकर जब नौकरी और भ्रष्टाचार मुद्दे गर्म हैं। लालू परिवार के वकील अगले कदम पर विचार कर रहे हैं, लेकिन मुकदमे की शुरुआत से RJD की मुश्किलें बढ़ गईं। क्या यह चुनावी समीकरण बदल देगा? आने वाले दिन बताएंगे।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
