प्रमुख बिंदु-
बिहार: कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार ऋषभ शेट्टी की फिल्म ‘Kantara Chapter 1’ ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है। 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुई यह फिल्म पहले ही हफ्ते में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा कमा चुकी है और अब 900 करोड़ के क्लब की ओर बढ़ रही है। लेकिन इस सफलता के पीछे ऋषभ की आस्था और एक प्राचीन मंदिर की कहानी है, जो फिल्म की जड़ों से जुड़ी हुई है। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
Kantara Chapter 1 की धमाकेदार सफलता
‘कांतारा: चैप्टर 1’ 2022 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘कांतारा’ का प्रीक्वल है, जो कर्नाटक के तटीय इलाकों की लोककथाओं, आस्था और प्रकृति से जुड़ी कहानी बयान करती है। फिल्म में इंसान और प्रकृति के संघर्ष, लालच और पर्यावरण संतुलन जैसे मुद्दों को छुआ गया है, जो दर्शकों को गहराई से प्रभावित कर रहे हैं। रिलीज के बाद अमिताभ बच्चन ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में फिल्म की तारीफ की और इसे साल की सबसे बड़ी हिट बताया। मलयालम स्टार निविन पॉली और जयसूर्या ने भी सोशल मीडिया पर ऋषभ और टीम को बधाई दी।
फिल्म कन्नड़ के अलावा हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम, बंगाली और अंग्रेजी में रिलीज हुई है, जिससे यह पैन-इंडिया स्तर पर हिट साबित हो रही है। ट्रेड एनालिस्ट्स का कहना है कि यह 2025 की दूसरी सबसे बड़ी फिल्म बन सकती है, जो विक्की कौशल की ‘छावा’ को भी पीछे छोड़ रही है। ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर यह 30 अक्टूबर के आसपास स्ट्रीम हो सकती है।

ऋषभ शेट्टी की आध्यात्मिक यात्रा
फिल्म की रिलीज के बाद ऋषभ शेट्टी ने अपनी सफलता के लिए धन्यवाद देने का अनोखा तरीका चुना। वे बिहार के कैमूर जिले में स्थित मुंडेश्वरी देवी मंदिर पहुंचे, जो दुनिया का सबसे पुराना कार्यरत मंदिर माना जाता है। यहां उन्होंने मां दुर्गा और भगवान शिव की पूजा की, आरती की और मंदिर के पास फोटो भी खिंचवाई। ऋषभ ने कहा कि फिल्म की कहानी आस्था और संस्कृति से जुड़ी है, इसलिए इस पवित्र जगह पर आना उनके लिए खास था।
इससे पहले वे काशी विश्वनाथ मंदिर भी गए थे। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां वे पारंपरिक कपड़ों में पूजा करते नजर आ रहे हैं। एक इंटरव्यू में ऋषभ ने बताया कि वे हमेशा शूटिंग से पहले पूजा करते हैं और परिवार के साथ भगवान की पूजा उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। हालांकि, प्रमोशन के दौरान हैदराबाद में तेलुगु फैंस से कन्नड़ में बोलने पर विवाद हुआ था, लेकिन ऋषभ ने स्पष्ट किया कि वे कन्नड़ पर गर्व करते हैं, लेकिन सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं।

मुंडेश्वरी मंदिर: भारत का गौरवशाली इतिहास
मुंडेश्वरी देवी मंदिर बिहार के रामगढ़ गांव में सोन नदी के पास मुंडेश्वरी पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पुरातत्व विभाग के अनुसार, यह मंदिर 108 ईस्वी का है, जो इसे दुनिया का सबसे पुराना कार्यरत हिंदू मंदिर बनाता है। यहां पूजा-अर्चना कभी रुकी नहीं है, जो इसे खास बनाती है। मंदिर में चतुर्मुख लिंग (चार मुखों वाला शिवलिंग) है, जो सूर्य की स्थिति के अनुसार रंग बदलता है। मूल रूप से भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर बाद में भगवान शिव और देवी शक्ति का केंद्र बन गया।
गुप्त काल (चौथी से छठी शताब्दी) से जुड़े शिलालेख और मूर्तियां यहां मिली हैं। नवरात्रि और शिवरात्रि पर यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है। हालांकि, कुछ इतिहासकार इसे छठी-सातवीं शताब्दी का मानते हैं, लेकिन एएसआई इसे 108 ईस्वी से जोड़ता है। मंदिर में रक्तहीन बलि की परंपरा है, जो इसे अनोखा बनाती है। यह भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल होने लायक है।

लोगों को भा रही है फिल्म
‘कांतारा: चैप्टर 1’ होम्बले फिल्म्स की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके प्रोड्यूसर विजय किरागंदुर और चलुवे गौड़ा हैं। ऋषभ शेट्टी ने खुद इसे लिखा, निर्देशित किया और मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म में रुक्मिणी वसंत, गुलशन देवैया और जयराम जैसे कलाकार हैं। संगीत बी. अजनीश लोकनाथ का है, जबकि सिनेमैटोग्राफी अरविंद कश्यप और प्रोडक्शन डिजाइन विनेश बंग्लान ने संभाला है। फिल्म की विजुअल्स और परफॉर्मेंस को समीक्षकों ने सराहा है।
ऋषभ ने बताया कि फिल्म किसी विचारधारा को प्रमोट नहीं करती, बल्कि सार्वभौमिक मानवीय अनुभवों को दिखाती है। वे अब अपने गांव कुंडापुरा में परिवार के साथ रहते हैं, जहां उनके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। कन्नड़ सिनेमा को नई ऊंचाई देने वाली यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सीमाओं को तोड़ रही है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
