प्रमुख बिंदु-
लखनऊ: भारत की रक्षा क्षमता में एक नया अध्याय जुड़ गया है। आज लखनऊ स्थित ब्रह्मोस (BrahMos) एयरोस्पेस यूनिट से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की पहली स्वदेशी खेप रवाना हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी, जिससे सीमा पार हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि दुश्मनों की हर इंच जमीन अब ब्रह्मोस की पहुंच में है। यह घटना न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल है, बल्कि भारत की मजबूत विदेश नीति का भी संकेत देती है।

लखनऊ यूनिट से पहली खेप रवाना
लखनऊ के सरोजनीनगर इलाके में स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट का उद्घाटन इसी साल 11 मई को हुआ था। इस अत्याधुनिक इकाई से तैयार पहली बैच की मिसाइलों को आज ट्रकों में लादकर रवाना किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे। दोनों नेताओं ने यूनिट में बूस्टर और वारहेड बिल्डिंग का उद्घाटन किया।

इसके बाद उन्होंने सुकोई-30 लड़ाकू विमान के जरिए ब्रह्मोस के वर्चुअल हमले का प्रदर्शन देखा। इस दौरान बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया गया। यूनिट में मिसाइल इंटीग्रेशन, टेस्टिंग और क्वालिटी जांच जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं, जो भारत को रक्षा उत्पादन में मजबूत बनाती हैं। इस खेप के रवाना होने से भारतीय सेना की ताकत में इजाफा हुआ है, और यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता का प्रमाण है।

राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को चेतावनी
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। जीत हमारी आदत है, और अब इस आदत को हमें निभाना है।” उन्होंने आगे जोड़ा कि दुश्मनों को अब पता चल गया है कि उनकी एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की जद में है। राजनाथ ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में जो हुआ, वो सिर्फ ट्रेलर था। उस ट्रेलर से ही पाकिस्तान को एहसास हो गया कि अगर भारत उसे जन्म दे सकता है तो… आगे मुझे बोलने की जरूरत नहीं है। आप खुद समझदार हैं।”
यह बयान सीधे तौर पर पाकिस्तान की ओर इशारा करता है, जहां भारत ने स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान के निर्माण में भूमिका निभाई थी। राजनाथ के इन शब्दों से साफ है कि भारत अब किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि यूपी से ब्रह्मोस के जरिए देश को सुरक्षा की नई ताकत मिली है।
ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने भारत की सैन्य क्षमता की सराहना की। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हमला किया था। ऑपरेशन के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया। राजनाथ ने कहा कि भारतीय सेना ने पराक्रम दिखाया और सीमा से सटे ठिकानों के अलावा रावलपिंडी तक अपनी धमक पहुंचाई, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इस ऑपरेशन में 24 घंटे मेंटेनेंस सपोर्ट दिया, जिसकी राजनाथ ने प्रशंसा की। ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया कि आतंकवाद के लिए सरहद पार की जमीन भी सुरक्षित नहीं रहेगी। यह भारत की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नीति का विस्तार था, जो दुश्मनों को सबक सिखाने में सफल रहा।

ब्रह्मोस मिसाइल की तकनीकी विशेषताएं
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है, जिसे डीआरडीओ और रूसी कंपनी एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया ने डिजाइन किया है। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो 2.8 मैक की गति से उड़ सकती है। लखनऊ यूनिट में बनी ये मिसाइलें पूरी तरह स्वदेशी हैं, जो रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती हैं।
यूनिट में अत्याधुनिक तकनीक से लैस लैब्स हैं, जहां मिसाइलों की असेंबली और टेस्टिंग होती है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर तक है, लेकिन नई वर्जन में इसे बढ़ाया जा रहा है। ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है, जो भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए घातक हथियार साबित होता है। ऑपरेशन सिंदूर में इसका इस्तेमाल ने पाकिस्तान को झकझोर दिया था।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का उदय
यह घटना भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स की सफलता ने साबित किया कि भारत अब विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं है। लखनऊ यूनिट जैसे प्रोजेक्ट्स से रोजगार बढ़ेंगे और तकनीकी विकास होगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब रक्षा उत्पादन का हब बन रहा है।

इस कार्यक्रम में दोनों नेताओं ने पौधारोपण भी किया, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। कुल मिलाकर, ब्रह्मोस की पहली खेप ने न केवल सैन्य ताकत बढ़ाई, बल्कि दुश्मनों को स्पष्ट चेतावनी दी कि भारत शांति चाहता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर जवाब देने से नहीं चूकेगा। यह भारत की मजबूत रक्षा नीति का प्रतीक है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
