शादी के 12 दिन बाद ही साजिश का शिकार बना राजा
प्रमुख बिंदु-
गाजीपुर, 9 जून 2025: इंदौर के नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी (Raja Raghuvanshi) और सोनम रघुवंशी (Sonam Raghuvanshi) की कहानी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 11 मई 2025 को हिंदू रीति-रिवाजों से हुई उनकी शादी के महज 9 दिन बाद, यह जोड़ा हनीमून के लिए मेघालय के शिलांग रवाना हुआ था। लेकिन जो यात्रा खुशियों की शुरुआत मानी जा रही थी, वह एक भयावह हत्याकांड में बदल गई।
मेघालय पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मेघालय के डीजीपी आई नोंगरंग ने खुलासा किया कि सोनम ने ही अपने पति राजा की हत्या की साजिश रची थी और इसके लिए मध्य प्रदेश से भाड़े के हत्यारों को बुलाया था।

हनीमून से हत्या तक: क्या थी कहानी?
20 मई 2025 को राजा और सोनम हनीमून के लिए इंदौर से गुवाहाटी पहुंचे, जहां उन्होंने कामाख्या मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद 22 मई को वे शिलांग के मावलखियात गांव पहुंचे और नोंग्रियाट गांव के प्रसिद्ध ‘डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज’ देखने गए। 23 मई को शिपारा होमस्टे से निकलने के कुछ घंटों बाद दोनों लापता हो गए।
24 मई को उनकी किराए की स्कूटी शिलांग-सोहरा मार्ग पर लावारिस हालत में मिली। 2 जून को मेघालय के सोहरा (चेरापूंजी) में वेईसावडॉन्ग झरने के पास एक गहरी खाई से राजा का सड़ा-गला शव बरामद हुआ। शव की पहचान उनके हाथ पर बने ‘राजा’ टैटू से हुई। पोस्टमॉर्टम में पुष्टि हुई कि उनकी हत्या ‘दाओ’ (खुखरी जैसे हथियार) से की गई थी।

सोनम की गिरफ्तारी: गाजीपुर में मिली बदहवास
17 दिन तक लापता रहने के बाद सोनम रघुवंशी को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र में एक ढाबे पर बदहवास हालत में पाया गया। गाजीपुर पुलिस ने 9 जून को उन्हें हिरासत में लिया, जब इंदौर पुलिस को उनके परिवार से कॉल की सूचना मिली। गाजीपुर के एडीशनल एसपी ज्ञानेंद्र प्रसाद ने इसकी पुष्टि की। सोनम से पूछताछ में मेघालय पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया कि उसने ही राजा की हत्या के लिए तीन हत्यारों को मध्य प्रदेश से सुपारी दी थी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने सोशल मीडिया पर इस सफलता की जानकारी साझा करते हुए पुलिस की तारीफ की और बताया कि एक अन्य आरोपी की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है।

परिवार की मांग: सीबीआई जांच की गुहार
राजा के परिवार ने शुरू से ही मेघालय पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उनके भाई विपिन और सचिन रघुवंशी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआती दिनों में लापरवाही बरती। राजा की सोने की चेन, अंगूठी और बटुआ गायब होने से लूट और हत्या की आशंका जताई गई थी। परिवार ने इंदौर में बैनर लगाकर लिखा, “राजा की आत्मा कह रही है- मैं मरा नहीं, मुझे मारा गया। सीबीआई जांच हो।” मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

रहस्य और सवाल: हत्या का मकसद क्या?
पुलिस ने अभी तक हत्या के मकसद का खुलासा नहीं किया है। सोनम के बदहवास हालत में होने और कुछ न बोलने की स्थिति ने रहस्य को और गहरा दिया है। परिवार और रघुवंशी समाज ने आशंका जताई थी कि सोनम का अपहरण हो सकता है और उसे बांग्लादेश सीमा के पास मानव तस्करी के लिए ले जाया गया हो। लेकिन अब सोनम की गिरफ्तारी और डीजीपी के दावे ने इस मामले को नया मोड़ दे दिया है।
मेघालय हनीमून मर्डर केस ने न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। सोनम और तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। क्या सोनम ने वाकई अपने पति की हत्या की साजिश रची? हत्या का मकसद क्या था? मेघालय पुलिस की जांच और आगामी पूछताछ से इस दुखद कहानी का सच सामने आने की उम्मीद है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।