तत्काल टिकट के लिए ई-आधार सत्यापन जल्द शुरू
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 5 जून 2025: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य वास्तविक यात्रियों को जरूरत के समय कन्फर्म टिकट सुनिश्चित करना और अनधिकृत एजेंटों द्वारा टिकटों की जमाखोरी पर रोक लगाना है। यह नई व्यवस्था इस महीने के अंत तक लागू होने की उम्मीद है।
ई-आधार सत्यापन: क्या है नई व्यवस्था?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर बताया कि भारतीय रेलवे तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार सत्यापन शुरू करेगा। इस प्रणाली के तहत, यात्रियों को टिकट बुकिंग के समय अपनी आधार-संबंधित जानकारी डिजिटल रूप से सत्यापित करनी होगी। इसका मतलब है कि बुकिंग के लिए आधार-आधारित ओटीपी सत्यापन जरूरी होगा। यह कदम विशेष रूप से उन यात्रियों को लाभ पहुंचाएगा जो आखिरी समय में यात्रा के लिए टिकट बुक करते हैं।
IRCTC की वेबसाइट पर वर्तमान में 13 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, लेकिन इनमें से केवल 1.2 करोड़ उपयोगकर्ताओं के खाते ही आधार से जुड़े हुए हैं। रेलवे ने इस कमी को देखते हुए नियमों को और सख्त करने का फैसला किया है। अब केवल आधार-सत्यापित IRCTC खातों को ही तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति होगी।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?
तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में लंबे समय से अनधिकृत एजेंटों और स्वचालित टूल्स के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आ रही थीं। रेल मंत्रालय के अनुसार, हाल की जांच में लगभग 20 लाख संदिग्ध खातों की पहचान की गई है, जिनकी आधार और अन्य दस्तावेजों से जांच की जा रही है। इन खातों के जरिए ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का उपयोग कर टिकटों की जमाखोरी की जाती थी, जिससे वास्तविक यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने में दिक्कत होती थी।
रेलवे का कहना है कि ई-आधार सत्यापन लागू होने के बाद पहले 10 मिनट तक केवल आधार-लिंक्ड खातों को ही तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति होगी। इस दौरान IRCTC के अधिकृत एजेंटों को टिकट बुकिंग से रोका जाएगा। इससे आम यात्रियों को प्राथमिकता मिलेगी और टिकटिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।

यात्रियों को क्या होगा फायदा?
इस नई व्यवस्था से कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। IRCTC के अधिकारियों के अनुसार, आधार सत्यापन लागू करने से पहले ही सिस्टम में सुधार देखा गया है। नए उपयोगकर्ता खातों की संख्या प्रतिदिन 60,000-65,000 से घटकर 10,000-12,000 हो गई है, जिससे सिस्टम पर लोड कम हुआ है और टिकट आरक्षण प्रक्रिया सुचारू हुई है।
इसके अलावा, यह कदम कालाबाजारी और टिकटों के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा। रेलवे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट केवल जरूरतमंद यात्रियों को मिलें। इससे खासकर त्योहारी सीजन या आपातकालीन यात्रा के दौरान यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी।

रेलवे की अन्य पहल
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल के वर्षों में भारतीय रेलवे में कई सुधार किए हैं। हाल ही में उन्होंने संसद में बताया कि रेलवे का फोकस मध्यम वर्ग और गरीब यात्रियों पर है। इसके तहत 12,000 नए जनरल कोच बनाए जा रहे हैं और रेलवे सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, 1.23 लाख किलोमीटर पुरानी पटरियों को बदला गया है और फॉग सेफ्टी डिवाइस जैसे उपकरणों से सुरक्षा में सुधार किया गया है।
रेलवे ने संकेत दिए हैं कि ई-आधार सत्यापन प्रणाली को और मजबूत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा। इससे संदिग्ध खातों की पहचान और ब्लॉक करने की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। साथ ही, रेलवे अन्य डिजिटल सुधारों पर भी काम कर रहा है ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिले।
यह नई व्यवस्था भारतीय रेलवे के डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे अपने IRCTC खातों को जल्द से जल्द आधार से लिंक कर लें ताकि वे इस नई प्रणाली का लाभ उठा सकें।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।