प्रमुख बिंदु-
दिल्ली: देशभर में दिवाली की धूम मची हुई है और इस बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने त्योहार को एक अलग अंदाज में मनाया। वे दिल्ली की पुरानी गलियों में पहुंचे और वहां की ऐतिहासिक मिठाई दुकान पर खुद मिठाइयां बनाने का मजा लिया। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी दिवाली की कहानियां साझा करें, जिससे सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ गई। यह घटना न सिर्फ त्योहार की मिठास को दर्शाती है, बल्कि परंपराओं और रिश्तों की अहमियत को भी उजागर करती है।
राहुल की अनोखी दिवाली उत्सव
दिवाली के मौके पर राहुल गांधी चांदनी चौक की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर नजर आए। वे घंटेवाला मिठाई दुकान पर पहुंचे, जहां उन्होंने इमरती और बेसन के लड्डू बनाने की पूरी प्रक्रिया सीखी। एक वीडियो में राहुल को देखा जा सकता है कि वे बड़े ध्यान से घी में इमरती तल रहे हैं और लड्डू गूंथ रहे हैं। दुकान के कारीगरों ने उन्हें सिखाया कि इमरती कैसे बनती है और इसका मूल कहां से आया।

राहुल ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए नया और रोचक था। उन्होंने दुकान पर मौजूद लोगों से बातचीत की और त्योहार की शुभकामनाएं दीं। इस तरह की गतिविधियां राहुल की जनता से जुड़ने की शैली को दिखाती हैं, जहां वे आम लोगों के काम-काज में हिस्सा लेते हैं। इस साल दिवाली पर उनका यह कदम राजनीति से अलग एक साधारण इंसान की छवि पेश करता है।
घंटेवाला दुकान की समृद्ध विरासत
घंटेवाला मिठाई दुकान पुरानी दिल्ली की शान है, जो लगभग 235 साल पुरानी है। यह दुकान चांदनी चौक में स्थित है और यहां की मिठाइयां अपनी शुद्धता और पारंपरिक स्वाद के लिए मशहूर हैं। दुकान के मालिक बताते हैं कि यह जगह नेहरू परिवार से जुड़ी हुई है। जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक यहां की मिठाइयां पसंद करते थे। यहां तक कि राजीव गांधी की शादी में इसी दुकान से मिठाइयां गई थीं।
दुकान में आज भी वही पुरानी रेसिपी इस्तेमाल होती हैं, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं। इमरती और बेसन के लड्डू यहां के स्पेशल आइटम हैं, जो शुद्ध घी और प्राकृतिक सामग्री से बनते हैं। राहुल के आने से दुकान की लोकप्रियता और बढ़ गई है, और अब पर्यटक भी यहां की मिठास का मजा लेने आ रहे हैं। यह दुकान दिल्ली की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जो समय के साथ बदलते हुए भी अपनी पहचान बनाए रखे है।

मालिक की मजेदार सलाह
घंटेवाला के मालिक ने राहुल गांधी से बातचीत में एक दिलचस्प टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्होंने नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और प्रियंका गांधी तक को मिठाइयां खिलाई हैं। अब वे राहुल की शादी का इंतजार कर रहे हैं और चाहते हैं कि शादी की मिठाइयां इसी दुकान से जाएं। राहुल ने इस पर हंसते हुए जवाब दिया, लेकिन बातचीत में गांधी परिवार की पुरानी यादें ताजा हो गईं।
मालिक ने बताया कि दुकान की मिठास परिवार की तरह ही पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। यह पल न सिर्फ हल्का-फुल्का था, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे राजनीतिक हस्तियां भी आम लोगों से जुड़ी रहती हैं। राहुल ने इमरती के इतिहास के बारे में भी पूछा, जो उत्तर भारत की पारंपरिक मिठाई है और त्योहारों पर खासतौर पर बनाई जाती है।

सोशल मीडिया पर संदेश
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि दिवाली की असली मिठास थाली में नहीं, बल्कि रिश्तों और समाज में है। उन्होंने लोगों से पूछा कि वे अपनी दिवाली कैसे मना रहे हैं और इसे कैसे खास बना रहे हैं।
इस पोस्ट पर हजारों कमेंट्स आए, जहां लोग अपनी कहानियां साझा कर रहे हैं। कुछ ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया, लेकिन ज्यादातर ने सराहना की कि राहुल आम लोगों के साथ जुड़ रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे प्रचारित किया, जबकि आम यूजर्स ने दिवाली की शुभकामनाएं दीं।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
