छोटी बचत योजनाओं पर नजर
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 27 जून 2025: भारत में छोटी बचत योजनाएं जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) लाखों लोगों के लिए सुरक्षित और आकर्षक निवेश विकल्प रही हैं। ये योजनाएं न केवल टैक्स लाभ प्रदान करती हैं, बल्कि स्थिर रिटर्न भी देती हैं, जो मध्यम वर्ग और बुजुर्गों के लिए आय का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। लेकिन अब खबर है कि इन योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है।
केंद्र सरकार 30 जून, 2025 को इन योजनाओं की ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा करने जा रही है और नई दरें जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के लिए लागू होंगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में हालिया कटौती के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि PPF और अन्य योजनाओं की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। आइए, इस खबर को विस्तार से समझें।

RBI की रेपो रेट कटौती और इसका असर
2025 में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 1% (100 आधार अंक) की कटौती की है, जिसमें फरवरी में 0.25%, अप्रैल में 0.25% और जून में 0.50% की कमी शामिल है। इसका सीधा असर सरकारी बॉन्ड यील्ड और छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर पड़ता है। 10 साल की सरकारी सिक्योरिटी (G-sec) की यील्ड जनवरी 2025 में 6.779% थी, जो जून 2025 तक घटकर 6.247% हो गई। श्यामला गोपीनाथ समिति के फॉर्मूले के अनुसार, PPF की ब्याज दर 10 साल की G-sec यील्ड के औसत में 25 आधार अंक जोड़कर तय की जाती है।
वर्तमान में PPF की ब्याज दर 7.1% है, लेकिन नए फॉर्मूले के आधार पर यह 6.575% तक कम हो सकती है, यानी करीब 50 आधार अंकों की कटौती संभव है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव अन्य योजनाओं जैसे NSC, SSY और SCSS पर भी असर डाल सकता है।

वर्तमान ब्याज दरें और संभावित बदलाव
वर्तमान में छोटी बचत योजनाओं पर निम्नलिखित ब्याज दरें हैं:
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): 7.1%
- सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): 8.2%
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): 8.2%
- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC): 7.7%
- किसान विकास पत्र (KVP): 7.5%
- पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना: 7.4%
- पोस्ट ऑफिस बचत खाता: 4%
विशेषज्ञों का अनुमान है कि ब्याज दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती हो सकती है। हालांकि, कुछ का कहना है कि सरकार अधिकतम 30 आधार अंकों की कटौती कर सकती है, क्योंकि ये योजनाएं मध्यम वर्ग और बुजुर्गों के लिए महत्वपूर्ण हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे 30 जून से पहले निवेश करें, ताकि मौजूदा उच्च ब्याज दरें लॉक हो सकें, खासकर उन योजनाओं में जहां ब्याज दर निवेश के समय फिक्स हो जाती है।

निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का सुझाव है कि अगर आप PPF, NSC या अन्य छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो 30 जून, 2025 से पहले निवेश कर लें। ऐसा इसलिए, क्योंकि PPF और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें हर तिमाही बदलती रहती हैं, जबकि NSC और KVP जैसी योजनाओं में ब्याज दर निवेश के समय फिक्स हो जाती है। स्क्रिपबॉक्स के सीईओ अतुल सिंघल के अनुसार, रेपो रेट में कटौती और G-sec यील्ड में कमी के कारण ब्याज दरों में बदलाव लगभग तय है। हालांकि, सरकार सामाजिक और आर्थिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए दरों को स्थिर भी रख सकती है, जैसा कि पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है।
निवेशकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे अपनी वित्तीय योजना को ध्यान में रखें और जल्दबाजी में फैसले न लें। छोटी बचत योजनाएं सुरक्षित और टैक्स-मुक्त रिटर्न प्रदान करती हैं, लेकिन ब्याज दरों में कमी के बाद भी ये योजनाएं बैंक FD की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकती हैं।

30 जून, 2025 को होने वाली समीक्षा छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है। RBI की रेपो रेट कटौती और गिरती G-sec यील्ड के कारण ब्याज दरों में 25-50 आधार अंकों की कमी की संभावना है। निवेशकों को सलाह है कि वे मौजूदा दरों का लाभ उठाने के लिए जल्दी निवेश करें। सरकार का अंतिम फैसला सामाजिक और आर्थिक कारकों पर निर्भर करेगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि छोटी बचत योजनाएं अभी भी सुरक्षित निवेश का एक आकर्षक विकल्प बनी रहेंगी।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।