प्रमुख बिंदु-
Operation Shivshakti: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय सेना ने एक बार फिर अपनी सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया। मंगलवार, 30 जुलाई 2025 को, भारतीय सेना ने ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत नियंत्रण रेखा (LoC) के पास डिगवार सेक्टर में दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। सेना को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया। इस अभियान में सेना ने न केवल आतंकवादियों को ढेर किया, बल्कि उनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की खुफिया इकाइयों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के समन्वय का शानदार उदाहरण है।
Operation Shivshakti: कैसे हुआ आतंकियों का खात्मा?
सेना के व्हाइट नाइट कोर ने बताया कि मंगलवार देर रात डिगवार सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास दो व्यक्तियों की संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। सेना के जवानों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों पर सटीक निशाना साधा। इस मुठभेड़ में दोनों आतंकवादी मारे गए। सेना ने बताया, “हमारी त्वरित कार्रवाई और सटीक गोलाबारी ने आतंकवादियों के मंसूबों को विफल कर दिया।” मारे गए आतंकवादियों के पास से तीन हथियार, गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
इस ऑपरेशन में सेना की खुफिया इकाइयों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता से मिली सटीक जानकारी ने अहम भूमिका निभाई। क्षेत्र में अभी भी तलाशी अभियान और सघन निगरानी जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य आतंकवादी मौजूद न हो।

पुंछ में बढ़ती आतंकी गतिविधियां
पुंछ और राजौरी जैसे जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में हाल के महीनों में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन, जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, नियंत्रण रेखा के जरिए घुसपैठ की कोशिशें बढ़ा रहे हैं।
अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के बाद से भारत ने अपनी सैन्य और खुफिया गतिविधियों को और सख्त कर दिया है। उस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए थे। ऑपरेशन शिवशक्ति भी इसी तरह की रणनीति का हिस्सा है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
#UPDATE | Operation Shivshakti | Indian Army eliminated two terrorists attempting to infiltrate across the Line of Control. Swift action and accurate firepower thwarted the nefarious designs. Three weapons have been recovered. Synergistic and synchronised intelligence inputs from… https://t.co/lMfNU7rGQh pic.twitter.com/JbwM8YnrMM
— ANI (@ANI) July 30, 2025
ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले का बदला
इससे पहले, भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया था। यह हमला 22 अप्रैल 2025 को हुआ था, जिसमें आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया और उनकी धार्मिक पहचान पूछकर 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है। हालांकि, बाद में TRF ने अपनी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया, जिसे विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के दबाव का परिणाम माना। ऑपरेशन महादेव में सेना ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकियों को ढेर किया, जिससे यह साफ हो गया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है।

भारत की आतंकवाद विरोधी नीति
ऑपरेशन शिवशक्ति और ऑपरेशन महादेव जैसे अभियान भारतीय सेना की सतर्कता, खुफिया क्षमता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं। पुंछ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिशें पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति का हिस्सा हैं, लेकिन भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई ने बार-बार इन साजिशों को नाकाम किया है। सरकार और सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने हाल ही में कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है, और भारत इसका जवाब देने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।”

ऑपरेशन शिवशक्ति के बाद पुंछ और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। सेना और स्थानीय पुलिस मिलकर क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चला रही हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। भारत की यह नीति न केवल आतंकवादियों को सबक सिखाने की है, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की भी है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।