प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। यह आयोजन डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुआ, जहां पीएम मोदी ने संघ की 100 वर्षों की यात्रा को राष्ट्र सेवा का प्रतीक बताया। सिक्के पर भारत माता की छवि का चित्रण स्वतंत्र भारत की मुद्रा पर पहली बार हुआ है, जो देशभक्ति और समर्पण की भावना को दर्शाता है।
सिक्के का विशेष डिजाइन और महत्व
100 रुपये के इस स्मारक सिक्के का डिजाइन बेहद अनोखा है। एक तरफ राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ है, जबकि दूसरी तरफ भारत माता सिंह पर विराजमान होकर वरद मुद्रा में दिखाई दे रही हैं। उनके सामने RSS के स्वयंसेवक नमन की मुद्रा में खड़े हैं। सिक्के पर संघ का बोध वाक्य ‘राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय, इदं न मम’ भी अंकित है, जो राष्ट्र को समर्पण का संदेश देता है।

पीएम मोदी ने कहा कि यह सिक्का संघ की सेवा यात्रा का प्रतीक है और स्वतंत्र भारत में पहली बार मुद्रा पर भारत माता का चित्रण एक गौरवपूर्ण क्षण है। यह सिक्का शुद्ध चांदी से बना है और जल्द ही डाकघरों व अधिकृत केंद्रों पर उपलब्ध होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिक्का न केवल संग्राहकों के लिए आकर्षक होगा, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी बनेगा।

RSS शताब्दी समारोह का भव्य आयोजन
RSS की स्थापना 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी, जो विजयादशमी के दिन हुई। इस शताब्दी वर्ष में देशभर में विभिन्न कार्यक्रम हो रहे हैं। नई दिल्ली के इस समारोह में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पीएम मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए संघ को ‘राष्ट्र जागरण का प्रतीक’ कहा। उन्होंने स्वयंसेवकों की शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा राहत और सामाजिक कार्यों में भूमिका की सराहना की।

साथ ही, डाक टिकट भी जारी किया गया, जिसमें 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में संघ स्वयंसेवकों की भागीदारी दिखाई गई है। यह टिकट संघ के राष्ट्र सेवा के योगदान को अमर करता है। पीएम ने कहा कि संघ की शाखाएं ‘यज्ञ वेदियां’ की तरह हैं, जहां साधारण लोग असाधारण कार्य करते हैं।

पीएम मोदी का संदेश
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने राष्ट्र की एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता भारत की आत्मा है, लेकिन घुसपैठिए और जनसांख्यिकीय परिवर्तन से सामाजिक सद्भाव को खतरा है। संघ के स्वयंसेवकों को सतर्क रहने का आह्वान करते हुए उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर वर्तमान तक संघ की भूमिका याद दिलाई। 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद लगे प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए पीएम ने संघ की लचीलापन की प्रशंसा की। उन्होंने संस्थापक हेडगेवार को नमन किया और कहा कि संघ की स्थापना विजयादशमी पर संयोग नहीं, बल्कि परंपरा का पुनरुद्धार था। यह संदेश न केवल संघ के सदस्यों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि पूरे देश के लिए एकता का पाठ पढ़ाता है।

RSS के शताब्दी वर्ष से संगठन 101वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। पीएम मोदी ने भविष्य में संघ के योगदान को राष्ट्र निर्माण से जोड़ा। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक राष्ट्र की रीढ़ हैं और उनकी सेवा भावना देश को मजबूत बनाएगी। यह सिक्का जारी करना न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। ऐसे स्मारक सिक्के भारतीय संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समारोह के बाद पीएम ने स्वयंसेवकों से बातचीत की और विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं। यह घटना राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाने वाली है, जो देशवासियों में देशभक्ति की लहर पैदा कर रही है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।